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‎हाईकोर्ट का आदेश - स्वास्थ्य सेविकाओं को नियमित नौकरी देने पर विचार करे सरकार

Gagan D Mishra
Published on: 11 Nov 2017 3:32 AM IST
‎हाईकोर्ट का आदेश - स्वास्थ्य सेविकाओं को नियमित नौकरी देने पर विचार करे सरकार
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माध्यमिक स्कूलों में आउट सोर्सिंग से भर्ती नियम को HC में चुनौती

इलाहाबाद: राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत संविदा पर कार्यरत प्रशिक्षित स्वास्थ्य सेविकाओं को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिल गई है। कोर्ट ने राज्य सरकार को बैचवार वरिष्ठता के आधार पर सीधी भर्ती में नियुक्ति के लिए विचार करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा कि उत्तर प्रदेश नर्स व मिडवाइफ काउंसिल लखनऊ में पंजीकृत स्वास्थ्य सेविकाओं को बैचवार वरिष्ठता के आधार पर नियुक्ति पाने का अधिकार है।

यह आदेश न्यायमूर्ति आरएसआर मौर्य ने प्रियंका शुक्ल सहित 94 अभ्यर्थियों की याचिकाओं पर अधिवक्ता रवि कुमार शुक्ल व अन्य को सुनने के बाद याचिकाएं स्वीकार करते हुए दिया है। कोर्ट ने कहा है कि अर्हता के आधार पर प्रशिक्षण पूरा करने की अनुमति देने के बाद नियुक्ति के समय शैक्षिक योग्यता का आकलन करना मनमानापूर्ण एवं समानता के संवैधानिक अधिकार का उल्लंघन है।

याचिकाओं में 5628 स्वास्थ्य सेविकाओं की सीधी भर्ती के विज्ञापन को चुनौती दी गई थी। याचिकाओं में संविदा पर कार्यरत प्रशिक्षित स्वास्थ्य सेविकाओं की वरिष्ठता के आधार पर सीधी भर्ती करने की मांग की गई थी।कहा गया कि सेवा नियमावली व सरकारी योजना के तहत उन्हें नियमित नियुक्ति पाने का अधिकार है। स्वास्थ्य सेविकाएं को महिलाओं को रक्ताल्पता, मलेरिया, कुष्ठ रोग, कालाजार सहित कई घातक बीमारियों सेलड़ने में सक्षम बनाने के राष्ट्रीय मिशन को पूरा करने के लिए रखा गया है। उन्हें प्रशिक्षित भी किया गया है। इसपर पर 18 से 40 वर्ष आयु की महिला व पुरुष नियुक्त हो सकते हैं। कोर्ट ने कहा कि एक वर्ग के रूप में प्रशिक्षण पूरा करने वालों को शिक्षा विषय के आधार पर भेदबाव नहीं किया जा सकता है। कोर्ट ने कहा कि प्रशिक्षण पूरा होते ही वे नियुक्ति पाने के लिए योग्य हो गई हैं। ऐसे में उन्हें किसी दूसरे कारण से वंचित नहीं किया जा सकता।



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Gagan D Mishra

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