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UP Electricity Workers Strike: हड़ताल पर गये कर्मचारी नेताओं को हाईकोर्ट का नोटिस, 20 मार्च को किया तलब

UP Electricity Workers Strike: हाईकोर्ट में दायर याचिका में कहा गया था कि बिजलीकर्मचारियों की यह हड़ताल हाईकोर्ट के आदेश का उल्लंघन है। कोर्ट का पुराना आदेश है कि विद्युत आपूर्ति नहीं होनी चाहिए।

Anant Shukla
Published on: 17 March 2023 8:19 PM GMT (Updated on: 18 March 2023 11:08 AM GMT)

UP Electricity Workers Strike: यूपी सरकार की सख्त चेतावनी के बावजूद बिजली कर्मचारी हड़ताल पर हैं। अब इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कर्मचारी नेताओं को अवमानना का नोटिस जारी किया है। उच्च न्यायालय ने सीजेएम कोर्ट लखनऊ को वारंट तामील कराने के आदेश दिये हैं। कोर्ट ने 20 मार्च को कर्मचारी नेताओं को तलब किया है। हाईकोर्ट में दायर याचिका में कहा गया था कि बिजलीकर्मचारियों की यह हड़ताल हाईकोर्ट के आदेश का उल्लंघन है। कोर्ट का पुराना आदेश है कि विद्युत आपूर्ति नहीं होनी चाहिए।

हाईकोर्ट ने हड़ताल को बताया अनुचित


विद्युत कर्मियों के एक संगठन विद्युत कर्मचारी संघर्ष समिति के द्वारा चलाये जा रहे आंदोलन एवं हड़ताल का इलाहाबाद हाई कोर्ट ने गंभीर संज्ञान लिया है। हाईकोर्ट ने एक सख्त आदेश में कहा है कि, विद्युत कर्मचारी संघर्ष समिति की यह हड़ताल बिल्कुल अनुचित है। जनहित के विरुद्ध है। ये जनता को परेशान करने वाला है। उच्च न्यायालय ने पूरे प्रदेश को परेशान करने वाला एवं जनहित के विरुद्ध इस कृत्य की कड़े शब्दों में निंदा की है।


अवमानना की प्रक्रिया शुरू

माननीय उच्च न्यायालय का यह आदेश उनके 6 दिसंबर 2022 के दिए गए आदेश से जुड़ा है। जिसमें हाईकोर्ट ने कहा था, कि बिजली आपूर्ति एक आवशयक सेवा है। उसमें बाधा डालना स्वीकार नहीं है। हाईकोर्ट ने इस बात का भी संज्ञान लिया कि संघर्ष समिति द्वारा चलाई जा रही हड़ताल, उनके पूर्व के आदेश की अवहेलना है। जिसके लिए कोर्ट के आदेश की अवमानना की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गयी है। हाईकोर्ट ने कर्मचारी संघर्ष समिति के नेताओं के विरूद्ध जमानती वारंट जारी करते हुए उन्हें 20 मार्च 2023 को स्वयं के समक्ष हाजिर होने को कहा है। उच्च न्यायालय के आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि राज्य सरकार बिजली जैसी आवश्यक सेवा को सुनिश्चित करने के लिए न्यायालय के 6 दिसंबर 2022 के आदेश के दृष्टिगत दोषी कर्मचारियों/अधिकारियों के विरुद्ध भी उपयुक्त दंडात्मक कार्रवाई करने के लिए आदेशित किया है।

ऊर्जा मंत्री नें पहले ही दी थी चेतावनी

ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने कहा था कि अगर हड़ताल से आम जनता को तकलीफ होगी, तो ऐसी परिस्थिति में एस्मा यानी एसेंशियल सर्विसेज मैनेजमेंट एक्ट ESMA के तहत कार्यवाही की जाएगी। इसमें एक साल तक कारावास की सजा हो सकती है। जो कर्मचारी कार्य पर लौटना चाहते हैं उन्हे कोई रोकता है या किसी प्रकार का दुर्व्यवहार करता है वो भले ही कर्मचारी कर्मचारी नेता ही क्यों न हो रासुका जैसे सख्त कानूनी कार्यवही की जाएगी।

उन्होने कहा था कि मुख्य सचिव यूपीपीसीएल के वरिष्ठ अधिकारियों सहित पुलिस अधिकारि के साथ मीटिंग करके एलर्ट कर दिया गया। आज भी दो घंटे वार्ता हुई लेकिन बात नहीं बनी। ऐसी स्थिति में किसी भी प्रयास पर सख्ती से निपटन के लिए हम तैयार हैं। किसी को बख्सा नहीं जाएगा।

Anant Shukla

Anant Shukla

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