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हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को दिये आदेश,मंत्री ओम प्रकाश राजभर की चिठ्ठी करें पेश

Anoop Ojha
Published on: 14 Nov 2018 4:22 PM GMT
हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को दिये आदेश,मंत्री ओम प्रकाश राजभर की चिठ्ठी करें पेश
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लखनऊ: इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री ओम प्रकाश राजभर द्वारा पुलिस महानिदेशक को लिखी एक चिटठी तलब की है। मंत्री ने यह चिटठी सुल्तानपुर में हुई हत्या के मामलों में दर्ज दो एफआईआर की जांच के सम्बंध में पुलिस महानिदेशक को लिखी थी। इस मामले में आरोप लगाया गया है कि जांच में मंत्री द्वारा हस्तक्षेप के कारण जांच के निष्पक्ष न होने की आशंका है। कोर्ट ने मंत्री की चिठ्ठी और दोनों एफआईआर की जांच से सम्बंधित रिकॉर्ड तलब कर लिया है।

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यह आदेश जस्टिस अजय लाम्बा व जस्टिस डीके सिंह की बेंच ने पूनम उपाध्याय की याचिका पर दिया। याची का पति हत्या समेत अन्य गम्भीर धाराओं में आरोपी है। जबकि विपक्षी चंद्रशेखर इसी मामले में आईपीसी की धारा 304 व 307 समेत अन्य गम्भीर धाराओं में दर्ज दूसरी एफआईआर में आरोपी है।

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याची की ओर से दलील दी गई कि चंद्रशेखर की पत्नी दीप माला ने मंत्री ओम प्रकाश राजभर से सम्पर्क कर एक प्रार्थना पत्र देते हुए, कुछ तथ्यों के अनुसार दोनों एफआईआर की जांच करवाए जाने की मांग की। इस पर ओम प्रकाश राजभर ने डीजीपी को 29 दिसम्बर 2017 को पत्र लिखकर कहा कि वह स्वयं घटनास्थल का निरीक्षण कर चुके हैं व जो मुद्दे दीप माला द्वारा उठाए गए हैं, उन पर न्यायहित में जांच किया जाना आवश्यक है। इसी दिन पुलिस महानिदेशक ने आईजी (जन शिकायत) को लिखा कि तत्काल पुलिस अधीक्षक को लिखा जाए कि वह पत्र में उठाए गए प्रत्येक मुद्दे की जांच करें। जिसके बाद आईजी (जन शिकायत) ने पुलिस अधीक्षक, सुल्तानपुर को 30 दिसम्बर 2017 को पत्र लिखकर दीप माला के प्रार्थना पत्र में उठाए गए मुद्दों की जांच कर दस दिनों के भीतर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया।

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याची की ओर से 11 जनवरी 2018 का एक और पत्र पेश किया गया जो आईजी फैजाबाद रेंज ने एसपी सुल्तानपुर को लिखा था। इस पत्र में चंद्रशेखर के खिलाफ दर्ज मामले के जांच अधिकारी को जांच सम्बंधी फाइल के साथ उनके पास भेजने का निर्देश दिया गया। आईजी, फैजाबाद रेंज का एक और पत्र पेश किया गया जो उन्होंने सम्बंधित क्षेत्राधिकारी को लिखा था। इस पत्र में 14 बिंदुओं का जिक्र करते हुए उन पर जांच कराए जाने का निर्देश दिया गया था।

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याची की ओर से इस मामले में पुलिस महानिदेशक के शपथ पत्र का भी हवाला दिया गया जिसमें मंत्री ओम प्रकाश राजभर के 25-26 अप्रैल के एक और चिठ्ठी की बात कही गई थी। वहीं चंद्रशेखर की ओर से दलील दी गई कि उस पर जिस महिला के हत्या का आरोप लगा है, उसकी वास्तव में प्राकृतिक मृत्यु हुई है।

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कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद पाया कि डीजीपी ने अपने हलफनामें में मंत्री राजभर की जिस चिठ्ठी का जिक्र किया है उसे उन्हेने पेश नहीं किया है। इस पर केर्ट ने मंत्री की डीजीपी के 25-26 अप्रैल 2018 लिखी चिठ्ठी तलब कर लिया है। साथ ही कोर्ट ने दोनों मामलों से सम्बंधित रिकॉर्ड भी तलब किए है। मामले की अगली सुनवाई 16 नवम्बर को होगी।

Anoop Ojha

Anoop Ojha

Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

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