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प्रदेश के मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडे को अवमानना नेाटिस जारी
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने समीक्षा अधिकारियेां की नई सूची बनाने के 21 सितम्बर 2017 के आदेश का अनुपालन अब तक ना होने के मामले में प्रदेश के मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडे को अवमानना नेाटिस जारी की है।
लखनऊ : इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने समीक्षा अधिकारियेां की नई सूची बनाने के 21 सितम्बर 2017 के आदेश का अनुपालन अब तक ना होने के मामले में प्रदेश के मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडे को अवमानना नेाटिस जारी की है।
कोर्ट ने पांडे से पूंछा है कि क्यों ना उनके खिलाफ अदालत का अवमानना कारित के कारण उन पर आरेात तय कर दिये जाए। केार्ट ने मामले की अगली सुनवायी 31 मई केा नियत करते हुए पांडे से कहा है कि इस बीच यदि आदेश का अनुपालन कर लिया जाता है तो अनुपालन आख्या हलफनामा के साथ दाखिल किया जाये।
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यह आदेश जस्टिस विवेक चौधरी की बेंच ने डॉ. किशोर टंडन व आठ अन्य की ओर से दाखिल अवमानना याचिका पर पारित किया। दरअसल राज्य सरकार ने सहायक समीक्षा अधिकारियों की एक वरिष्ठता सूची 8 सितम्बर 2015 केा बनायी थी जिसे याची ने कोर्ट में चुनौती दी थी जिस पर कोर्ट ने उस सूची को 21 सितम्बर 2017 को खारिज कर दिया था और साथ ही सरकार को छह माह में नई सूची बनाने का आदेश दिया था। याची का आरेाप है कि आदेश के अनुपालन में आज सूची नहीं बनायी गयी।
उल्लेखनीय है कि इसी केस में गत 26 मार्च को सुनवायी के दौरान जस्टिस चौधरी ने अपर मुख्य सचिव, सचिवालय प्रशासन महेश कुमार गुप्ता केा कोर्ट के उठने तक बाहर न जाने की सजा सुनायी थी। केार्ट ने कहा था कि राज्य सरकार अपने कर्मचारियों के वरिष्ठता निर्धारण मैं पक्षपातपूर्ण रवैया नहीं अपना सकती है। हांलाकि इस आदेश पर बाद में डिवीजन बेंच ने रोक लगा दी थी।
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याची की अेार से सोमवार को कोर्ट में एक अर्जी देकर पांडे को पक्षकार बनाने की मांग की थी क्येांकि पिछले वर्ष दाखिल इस याचिका में पहले मुख्य सचिव राजीव कुमार को पक्षकार बनाया गया था जेा कि रिटायर हो चुके हैं। केार्ट ने पांडे केा पक्षकार बनाने की अर्जी स्वीकार करते हुए उन्हें नेाटिस जारी कर दी।