×

HC: भड़काऊ भाषण पर नेता और उसके दल के खिलाफ ठोस कदम उठाये निर्वाचन आयोग

कोर्ट ने कहा कि यदि धर्म या जाति के आधार पर राजनीतिक दल या उसका एजेंट चुनाव के दौरान जनभावनाएं भड़काकर वोट पाना चाहता है तो आयेाग उसके खिलाफ ठोस कार्यवाही कर सकता है। केवल सरकुलर जारी करना ही पर्याप्त नहीं है।

zafar
Published on: 10 March 2017 10:36 PM IST
HC: भड़काऊ भाषण पर नेता और उसके दल के खिलाफ ठोस कदम उठाये निर्वाचन आयोग
X

लखनऊ: हाई कोर्ट ने केंद्रीय चुनाव आयेाग से कहा है कि यदि कोई राजनीतिक दल या उसका एजेंट धार्मिक या जातिगत आधार पर मतदाताओं को भड़काने का काम करता है, तो आयोग को अधिकार है कि वह निषेधात्मक आदेश के साथ ऐसे आदेश पारित करे जिससे राजनीतिक दल या उसके एजेंट के उक्त कृत्य पर अंकुश लगाया जा सके।

कोर्ट ने कहा कि ऐसा करते समय आयोग राजनीतिक दलों के बीच भेदभाव न करे। यह आदेश जस्टिस एपी साही व जस्टिस संजय हरकौली की बेंच ने दो अलग अलग पीआईएल पर एक साथ सुनवाई करते हुए पारित किया।

वोट के लिए धर्म

पहली पीआईएल में कहा गया था कि वर्तमान यूपी चुनावों के दौरान कुछ नेता धार्मिक व जातिगत आधार पर भड़काऊ बयान दे रहे है और इसीलिए आयोग को सुप्रीम कोर्ट के गत 2 जनवरी 2017 की एक नजीर के आधार पर कार्यवाही करनी चाहिए।

यह भी तर्क दिया गया कि 2104 चुनावों के दौरान धार्मिक भावनाएं भड़काने वाले कुछ नेताओं पर कार्यवाही करते हुए उन्हें चुनाव प्रचार करने से रोक दिया गया था। वैसी ही कार्यवाही की फिर से मांग की गयी थी।

दूसरी पीआईएल में कहा गया था कि एक राजनीतिक दल ने अपने घोषणापत्र में धर्म के आधार पर फर्जी घोषणाएं की हैं अतः उस दल की मान्यता रद की जाय।

वहीं, आयेाग की ओर से तर्क दिया गया कि सुप्रीम कोर्ट के 2 जनवरी 2017 को दिये गये फैसले के बाद उसने 5 जनवरी, 24 जनवरी 2017 को दो अलग अलग सरकुलर जारी कर राजनीतिक दलों को सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों व जनप्रतिनिधित्व कानून के प्रावधानों का पालन करने को कहा है।

कार्यवाही करे आयोग

सारे तथ्यों पर गौर करने के बाद कोर्ट ने कहा कि यदि धर्म या जाति के आधार पर राजनीतिक दल या उसका एजेंट चुनाव के दौरान जनभावनाएं भड़काकर वोट पाना चाहता है तो आयेाग उसके खिलाफ ठोस कार्यवाही कर सकता है। केवल सरकुलर जारी करना ही पर्याप्त नहीं है।

कोर्ट ने यह भी कहा कि आयोग चाहे तो किसी दल को मान्यता देते समय ही प्रकिया में ऐसे परिवर्तन कर सकता है जिससे बाद में उस दल के खिलाफ कार्यवाही की जा सके। इस टिप्पणी के साथ कोर्ट ने दोनों याचिकाएं निस्तारित कर दीं।

zafar

zafar

Next Story