TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

HC का केंद्र सरकार को निर्देश, कुम्हार जाति को SC में शामिल करने पर 2 माह में करे फैसला

हाईकोर्ट ने भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं सशक्तिकरण मंत्रालय के सचिव को दो माह में निर्णय लेने का निर्देश दिया है। मुख्य न्यायाधीश डीबी भोसले तथा न्यायमूर्ति सुनीत कुमार की खण्डपीठ ने दलित शोषित वेलफेयर सोसायटी व चार अन्य की याचिका पर यह फैसला सुनाया। याचिका में कुम्हार जाति को sc में शामिल करने की मांग की गई थी।

zafar
Published on: 27 Oct 2016 7:16 PM IST
HC का केंद्र सरकार को निर्देश, कुम्हार जाति को SC में शामिल करने पर 2 माह में करे फैसला
X

इलाहाबाद: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कुम्हार (प्रजापति) जाति को अनुसूचित जाति में शामिल करने की मांग को लेकर दाखिल याचिका पर भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के सचिव को दो माह में निर्णय लेने का निर्देश दिया है। यह आदेश मुख्य न्यायाधीश डीबी भोसले तथा न्यायमूर्ति सुनीत कुमार की खण्डपीठ ने जारी किया।

पिछड़ी है कुम्हार जाति

-खण्डपीठ ने दलित शोषित वेलफेयर सोसायटी व चार अन्य की याचिका को निस्तारित करते हुए यह फैसला दिया।

-याचिका पर भारत सरकार की तरफ से उपस्थित अधिवक्ता ने पक्ष रखा और कहा कि उसे इस मामले में विभाग द्वारा निर्णय लिये जाने पर कोई आपत्ति नहीं है।

-याची का कहना है कि कुम्हार जाति की आर्थिक व सामाजिक स्थिति कई अनुसूचित जातियों से बदतर है।

17 जातियों के लिए सिफारिश

-एससी, एसटी, रिसर्च एण्ड ट्रेनिंग संस्थान उ.प्र. के निदेशक ने प्रदेश में सर्वे कराया तथा रिपोर्ट में पिछड़े वर्ग की 17 जातियों को एससी में शामिल करने की संस्तुति की है।

-15 फरवरी 13 को केन्द्र सरकार को भेजी गयी प्रमुख सचिव की रिपोर्ट में कुम्हार, कहार, केवट, मल्लाह, निषाद, प्रजापति, धीवर, बिन्द, राजभर, धीमर, बाथम, तुरहा, गोड़िया, मांझी, मछुआ पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने की सिफारिश की गई है।

-लेकिन प्रमुख सचिव की इस रिपोर्ट पर केन्द्र सरकार ने अभी तक निर्णय नहीं लिया है।



\
zafar

zafar

Next Story