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डीएम प्रयागराज को पेड़ों के संरक्षण में होने वाले खर्च का रिपोर्ट पेश करने का आदेश
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जिलाधिकारी से प्रयागराज में लगाये गए पेड़ों और उसके संरक्षण में होने वाले खर्च की रिपोर्ट मांगी है साथ ही अगले दो वर्षों में प्रयागराज शहर व आसपास वृक्षारोपण व इस पर आने वाले खर्च का अध्ययन कर रिपोर्ट पेश करने का भी निर्देश भी दिया है।
प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जिलाधिकारी से प्रयागराज में लगाये गए पेड़ों और उसके संरक्षण में होने वाले खर्च की रिपोर्ट मांगी है साथ ही अगले दो वर्षों में प्रयागराज शहर व आसपास वृक्षारोपण व इस पर आने वाले खर्च का अध्ययन कर रिपोर्ट पेश करने का भी निर्देश भी दिया है।
कोर्ट ने कहा है कि डीएम, वन विभाग व जरूरी हो तो विशेषज्ञ के परामर्श से वृक्षारोपण की रिपोर्ट तैयार करे ताकि कोर्ट आने वाले खर्च की व्यवस्था के लिए राज्य सरकार को आदेश दे सके।
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कोर्ट ने डीएम से यह भी कहा है कि वृक्षारोपण की योजना में गांवसभा व सार्वजनिक उपयोग की जमीनों को भी ध्यान में रखा जाय। कोर्ट ने इससे पहले अन्य जनहित याचिका पर गठित 5 अधिकारियों की कमेटी की रिपोर्ट भी तलब की है।
जिसमें कोर्ट ने कहा था कि कमेटी की संस्तुति पर सड़क चौड़ीकरण के लिए जरूरी होने पर ही जिलाधिकारी पेड़ काटने की अनुमति दे और उससे अधिक पेड़ लगाने की व्यवस्था करे।
कोर्ट ने यह भी सुझाव दिया था कि मशीनों के जरिये छोटे पेड़ जड़ से खोद कर अन्यत्र भी लगाने का प्रयास किया जाय। यह आदेश न्यायमूर्ति पी.के.एस. बघेल तथा न्यायमूर्ति आर.आर. अग्रवाल ने विधि छात्रों शिवांश तिवारी, ज्योति वर्मा सहित 11 छात्र छात्राओं की जनहित याचिका पर दिया है।
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याचियों का कहना था कि कुम्भ के दौरान पेड़ काटने की वजह से प्रयागराज सबसे ज्यादा गर्म 48 डिग्री से अधिक हो गया है। इसलिए शासन को पेड़ लगाने व उसके संरक्षण के लिए निर्देश दिए जाय।
याची का यह भी कहना है कि जिलाधिकारी, पीडीए व वन विभाग अपना दायित्व निभाने में विफल हो गए है। लोगों के जीवन के मूल अधिकारों का हनन हो रहा है। सुनवाई 12 जुलाई को होगी।
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