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HC: 12, 460 सहायक अध्यापकों की भर्ती पर लगी रोक, चयन प्रक्रिया पर उठे थे सवाल

क्वालिटी प्वाइंट में 2013 वालों को ग्रेड बी के प्रथम श्रेणी के बराबर अंक दे दिए गए। इससे 2012 बैच के अभ्यर्थियों को नुकसान हो रहा है। कोर्ट ने इस पद्धति को गलत करार देते हुए चयन प्रक्रिया पर रोक लगा दी है।

zafar
Published on: 16 May 2017 7:30 PM IST
HC: 12, 460 सहायक अध्यापकों की भर्ती पर लगी रोक, चयन प्रक्रिया पर उठे थे सवाल
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इलाहाबाद: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में चल रही 12460 सहायक अध्यापकों की भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने सचिव बेसिक शिक्षा उत्तर प्रदेश सरकार को निर्दश दिया है कि चयन प्रक्रिया में क्वालिटी प्वाइंट मार्क्स (गुणांक) के निर्धारण हेतु प्रक्रिया को दुरूस्त कर नये सिरे से चयन किया जाए।

कोर्ट ने कहा कि अंकों के कम्प्यूटेशन का नया फार्मूला बनने तक कोई चयन न किया जाए।

अलग अलग गणना

चयन प्रक्रिया में बीटीसी 2012 और 2013 के अभ्यर्थियों का क्वालिटी प्वाइंट मार्क्स (गुणांक) की गणना अलग अलग की जा रही थी। इसे लेकर 2012 बैच के अभ्यर्थियों ज्ञानचन्द्र और अन्य ने याचिका दाखिल की थी। याचिका पर न्यायमूर्ति अभिनव उपाध्याय ने सुनवाई की।

याची के अधिवक्ताओं का कहना था कि 20 दिसम्बर 2016 को पदों पर भर्ती हेतु सचिव बेसिक शिक्षा परिषद ने गाइडलाइन जारी की। इसमें 2012 में प्रथम श्रेणी 60 प्रतिशत वालों को बारह अंक, द्वितीय श्रेणी 59 से 48 प्रतिशत को छह अंक तथा तृतीय श्रेणी पद 47 से 33 प्रतिशत को तीन अंक का क्वालिटी प्वाइंट में देने का प्रावधान था।

चयन प्रक्रिया पर रोक

मगर 2013 बैच में प्रथम, द्वितीय श्रेणी के बजाए ग्रेडिंग सिस्टम लागू किया गया। इसके मुताबिक ग्रेड ए 80 प्रतिशत तथा ग्रेड बी 79 से 65 प्रतिशत और सी 65 से 50 प्रतिशत माना गया। मगर क्वालिटी प्वाइंट में 2013 वालों को ग्रेड बी के प्रथम श्रेणी के बराबर अंक दे दिए गए। इससे 2012 बैच के अभ्यर्थियों को नुकसान हो रहा है। कोर्ट ने इस पद्धति को गलत करार देते हुए चयन प्रक्रिया पर रोक लगा दी है।



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