×

HC: गंगा को विधिक व्यक्ति घोषित करने से इनकार, कहा- पुरानी याचिका में जोड़ें मुद्दा

याची का कहना था कि नैनीताल हाईकोर्ट ने गंगा को विधिक व्यक्ति घोषित कर दिया है। इसलिए उत्तर प्रदेश में भी गंगा को व्यक्ति घोषित किया जाए। याची का यह भी कहना था कि कानपुर चमड़ा उद्योगों को बंद किया जाए तथा कानपुर, इलाहाबाद व वाराणसी में गंगा में गिर रहे नालों को भी बंद किया जाए।

zafar
Published on: 8 May 2017 8:02 PM IST
HC: गंगा को विधिक व्यक्ति घोषित करने से इनकार, कहा- पुरानी याचिका में जोड़ें मुद्दा
X
इलाहाबाद HC से योगी सरकार को फटकार, कहा-किसी को नॉनवेज खाने से नहीं रोक सकते

इलाहाबाद: हाईकोर्ट ने गंगा नदी को विधिक व्यक्ति घोषित करने सहित गंगा को प्रदूषण मुक्त करने की मांगों को लेकर दाखिल जनहित याचिका को यह कहते हुए निस्तारित कर दिया है कि गंगा प्रदूषण को लेकर पहले से जनहित याचिका विचाराधीन है। कोर्ट ने कहा कि याचीगण भी उसी याचिका में अतिरिक्त हलफनामा दाखिल कर सकते हैं।

हस्तक्षेप से इनकार

यह आदेश मुख्य न्यायाधीश डीबी भोसले तथा न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की खण्डपीठ ने देवेन्द्र तिवारी व कमलेश सिंह की जनहित याचिका पर हस्तक्षेप करने से इनकार करते हुए दिया है। याची अधिवक्ता का कहना था कि गंगा कछार की भूमि गंगा की सम्पत्ति घोषित की जाए तथा नदी संरक्षण के लिए गंगा-यमुना मैनेजमेंट बोर्ड गठित किया जाए।

याची का कहना था कि नैनीताल हाईकोर्ट ने गंगा को विधिक व्यक्ति घोषित कर दिया है। इसलिए उत्तर प्रदेश में भी गंगा को व्यक्ति घोषित किया जाए। याची का यह भी कहना था कि कानपुर चमड़ा उद्योगों को बंद किया जाए तथा कानपुर, इलाहाबाद व वाराणसी में गंगा में गिर रहे नालों को भी बंद किया जाए।

याचिका में गंगा में पांच सौ मीटर तक निर्माण पर रोक जारी रखने तथा एसटीपी को चालू रखने की व्यवस्था की मांग की गयी थी। याची का कहना था कि गंगा में प्रदूषण इतना बढ़ गया है कि पानी नहाने लायक नहीं है।

zafar

zafar

Next Story