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HC: मायावती राज में स्मारक घोटाले का मामला, सीबीआई जांच की मांग पर सरकार से जवाब मांगा
याचिका में जांच की ढीली प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा गया है कि घोटाले की निष्पक्ष एजेंसी से जांच करायी जाए। लोकायुक्त रिपोर्ट में पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा व नसीमुद्दीन सिद्दीकी पर घोटाले में लिप्त होने का आरोप लगाया गया है।
इलाहाबाद: हाईकोर्ट ने मायावती राज में नोएडा व लखनऊ स्मारक घोटाले की सीबीआई जांच की मांग वाली जनहित याचिका पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है। यह आदेश मुख्य न्यायाधीश डी.बी.भोसले तथा न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की खण्डपीठ ने मिर्जापुर के शशिकांत उर्फ भावेश पाण्डेय की जनहित याचिका पर दिया है।
लोकायुक्त की सिफारिश
-याचिका पर अधिवक्ता का कहना है कि प्रदेश सरकार ने नोएडा व लखनऊ में पार्क बनाये जिसके लिए मिर्जापुर से मूर्ति बनाने के लिए 15749 ट्रक राजस्थान भेजे गए।
-जिसमें से 7141 ट्रक लखनऊ एवं 322 ट्रक नोएडा वापस आए। कुल 8266 ट्रक का घोटाला किया गया।
-इससे राज्य सरकार को 14 अरब 10 करोड़ पचास लाख 63 हजार 200 रूपये की राजस्व हानि हुई।
-इस मामले की शिकायत की जांच लोकायुक्त को सौंपी गयी। लोकायुक्त की रिपोर्ट में घोटाले की सीबीआई या एसआईटी जांच की सिफारिश की है।
-राज्य सरकार ने इस रिपोर्ट पर गोमतीनगर थाने में सतर्कता विभाग की तरफ से गबन, षडयंत्र व भ्रष्टाचार के आरोप में प्राथमिकी दर्ज करायी है। जिसकी जांच चल रही है।
ढीली प्रक्रिया पर सवाल
-याचिका में जांच की ढीली प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा गया है कि घोटाले की निष्पक्ष एजेंसी से जांच करायी जाए।
-लोकायुक्त रिपोर्ट में पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा व नसीमुद्दीन सिद्दीकी पर घोटाले में लिप्त होने का आरोप लगाया गया है।
-कोर्ट ने कहा कि 2014 में दर्ज मामले में दो साल बाद क्या कार्यवाही की गयी है, राज्य सरकार ब्यौरे के साथ जवाब दे।