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वायु प्रदूषण पर हाईकोर्ट सख्त, राज्य सरकार से कहा-संबंधित दिशा निर्देश लागू करे
सरकार की तरफ से कहा गया कि मुख्य सचिव राहुल भटनागर ने 8 नंवबर को इस दिशा में एक एडवाइजरी जारी की है। इसमें वायु प्रदूषण के लिए जागरूकता, स्टोन क्रशर-ईंट भट्ठों व बिल्डिग निर्माण के दौरान मिटटी का कार्य एक हफ्ते तक रोकना भी शामिल है। फैक्ट्रियेां में प्रदूषण नियंत्रण यंत्र की जांच करने के भी निर्देश दिए हैं।
लखनऊ: हाईकोर्ट ने राजधानी और इसके आसपास के इलाकों में वायु प्रदूषण के चलते छाई धुंध से निजात पाने के लिए यूपी सरकार को इससे जुड़े दिशा निर्देश लागू करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने मुख्य सचिव राहुल भटनागर की ओर से 8 नवंबर 2016 को जारी तमाम दिशानिर्देशों के तत्काल पालन के आदेश दिए हैं। इस संबंध में याचिकाओं पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने कहा कि संबधित विभाग दिशानिर्देश के पालन के लिए जरूरी आदेश जारी करें।
कोर्ट के निर्देश
-कोर्ट ने नगर निगम को भी निर्देश दिया कि वह जिम्मेदार अफसरों के कुछ फोन नंबर अखबारों में छपवाये ताकि लोग कूड़ा हटाने और सफाई के लिए सीधे अपनी शिकायत कर सकें।
-कोर्ट ने सरकार को वायु प्रदूषण को कम करने की दिशा में याची के वकीलों की ओर से दिये गये कुछ सुझावों पर भी विचार करने को कहा है।
-यह आदेश जस्टिस एपी साही व जस्टिस एके श्रीवास्तव की बेंच ने दो जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए पारित किया।
-याचिकाओं में यूपी सरकार को निर्देश देने की मांग की गयी थी, जिस पर संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब तलब किया था।
रैलियों पर हो रोक
-राज्य सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि इसी मसले पर एनजीटी व सुप्रीम कोर्ट भी सुनवाई कर रहे हैं।
-यह भी कहा गया कि मुख्य सचिव राहुल भटनागर की एडवाइजरी में वायु प्रदूषण के लिए जागरूकता फैलाने के अलावा स्टोन क्रशर-ईंट भट्ठों व बिल्डिग निर्माण के दौरान मिटटी का कार्य एक हफ्ते तक रोकना भी शामिल है। इसमें फैक्ट्रियों में प्रदूषण नियंत्रण यंत्र की जांच करने के भी निर्देश शामिल हैं।
-इस सिलसिले में कई सुझाव दिए गए हैं। इनमें नगर निगम की सीमा में रैलियों, रोड शो पर रोक की बात भी शामिल है।
-कोर्ट ने सरकार को इन सुझावों पर गौर करने का आदेश दिया है।
-मामले की अगली सुनवाई 15 नंवबर को होगी।