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श्याम बीड़ी वर्क्‍स होटल के बढ़े वार्षिक मूल्यांकन के आधार पर सम्पत्ति कर वसूली पर रोक

sudhanshu
Published on: 2 Nov 2018 7:38 PM IST
श्याम बीड़ी वर्क्‍स होटल के बढ़े वार्षिक मूल्यांकन के आधार पर सम्पत्ति कर वसूली पर रोक
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प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने श्याम बीड़ी वर्क्‍स उद्योग लि. के होटल की बिना मूल्यांकन प्रक्रिया अपनाये मल्टी प्लायर कर सम्पत्ति कर में भारी वृद्धि की चुनौती याचिका पर राज्य सरकार व नगर निगम से एक माह में जवाब मांगा है और 11 मई 18 को नगर निगम की वसूली नोटिस पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने कहा कि याची 18 जून 10 को निर्धारित वार्षिक मूल्यांकन के आधार पर सम्पत्ति कर का भुगतान जारी रखे।

यह आदेश न्यायमूर्ति पंकज मित्तल तथा न्यायमूर्ति अशोक कुमार की खण्डपीठ ने श्याम बीड़ी उद्योग की याचिका पर दिया है। याचिका पर अधिवक्ता अमित शुक्ला व अमित सक्सेना तथा नगर निगम के अधिवक्ता एस.डी.कौटिल्य ने बहस की। याची अधिवक्ता का कहना है कि सम्पत्ति कर भवन के वार्षिक मूल्यांकन के आधार पर लगाया जाता है। 19 जून 10 को होटल कान्हा श्याम का वार्षिक मूल्यांकन 7 लाख 50 हजार किया गया जो एक अप्रैल 2011 से लागू हुआ। 2 फरवरी 15 को मल्टी प्लायर कर मूल्यांकन बढ़ाकर एक करोड़ 40 लाख 84 हजार कर दिया गया और 15 लाख 80 हजार 317 रूपये सम्पत्ति कर की वसूली नोटिस जारी की गयी। याची का कहना है कि वार्षिक मूल्यांकन की कोर्ट प्रक्रिया नहीं अपनायी गयी। बिना आपत्ति मांगे वार्षिक मूलयांकन मनमाने तौर पर किया गया। नियमों में संशोधन बैक डेट से लागू नहीं किया जा सकता। मल्टीप्लायर की योजना मनमानी है। जिसे रद्द किया जाए। वास्तव में वास्तविक मूल्यांकन किया ही नहीं गया। बिना विधिक प्रक्रिया अपनाये मूल्यांकन में मनमानी वृद्धि नहीं की जा सकती। कोर्ट ने नगर निगम व राज्य सरकार से जवाब मांगा है। याचिका की सुनवाई छह हफ्ते बाद होगी।

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कोर्ट की अन्‍य खबरें:

बाल मुकुन्द स्थायी अधिवक्ता बने

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ता बाल मुकुन्द सिंह को भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम का हाईकोर्ट में स्थायी अधिवक्ता नियुक्त किया गया है। इन्हें निगम की तरफ से याचिकाओ की नोटिस प्राप्त करने तथा निगम का पक्ष रखने के लिए अधिकृत किया गया है। इस आशय का आदेश निगम के चेयरमैन व एम.डी. डी.आर.सरीन ने जारी किया है।

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रेखा सिंह की याचिका पर राज्य सरकार से जवाब-तलब, 51 को नोटिस जारी

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जिला पंचायत प्रयागराज की पूर्व अध्यक्ष रेखा सिंह के खिलाफ पारित अविश्वास प्रस्ताव की वैधता की चुनौती याचिका पर सभी 51 विपक्षी सदस्यों को नोटिस जारी की है और राज्य सरकार व विपक्षियों से याचिका पर एक माह में जवाब मांगा है। यह आदेश न्यायमूर्ति एस.के.गुप्ता तथा न्यायमूर्ति शशिकांत की खण्डपीठ ने श्रीमती रेखा सिंह की याचिका पर दिया है। याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता एम.डी. सिंह शेखर ने बहस की। मालूम हो कि 3 अक्टूबर 18 को केशरी देवी की तरफ से याची के खिलाफ सदस्यों ने अविश्वास प्रस्ताव पेश किया जो 25 अक्टूबर को 48 मतों से पारित हो गया। प्रस्ताव के खिलाफ केवल दो ही वोट पड़े, एक सदस्य का मतदान निरस्त कर दिया गया। 92 सदस्यों में से केवल 51 सदस्यों ने ही मतदान प्रक्रिया में हिस्सा लिया था। याची का कहना है कि बैलेट पेपर की गोपनीयता नहीं रखी गयी। वोट देने के बाद उसे दिखाया जाता रहा। पीठासीन अधिकारी ने मोशन को पढ़कर नहीं सुनाया। बैलेट पर टिक लगाने के बजाए मुहर लगाने की अनुमति दी गयी। तीन सदस्य अनपढ़ थे, जिन्हें मतदान के समय सहयोगी नहीं दिया गया तथा याची के पक्ष 41 लोगों को मतदान स्थल पर जाने से रोका गया जिससे पूरी मतदान प्रक्रिया दूषित होने के कारण रद्द की जाए। याची का यह भी कहना है कि 26 अक्टूबर को 30 सदस्यों ने जिलाधिकारी को हलफनामा देकर उन्हें मतदान से रोकने की शिकायत की है और कहा है कि पुलिस ने उन्हें भगा दिया।

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आम रास्ते पर अवैध कब्जे के खिलाफ याचिका

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हवेलिया, झूंसी की गांवसभा की जमीन पर बनी सड़क पर प्रतिष्ठानपुरी आवास समिति के सचिव शोएब खान उर्फ पप्पू द्वारा अवरोध उत्पन्न करने के खिलाफ याचिका पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है। याचिका की अगली सुनवाई 14 नवम्बर को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति भारती सप्रू तथा न्यायमूर्ति जयंत बनर्जी की खण्डपीठ ने श्रीमती अर्चना व अन्य की याचिका पर दिया है। याची अधिवक्ता दिनेश कुमार मिश्र का कहना है कि प्रयागराज आवास समिति के गाटा सं. 108, 109, 106एवं प्रतिष्ठानपुरी आवास समिति के गाटा सं.111, 112 जो कि गांव सभा की जमीन है, पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया है और प्लाटिंग कर रहे हैं। बाउण्ड्रीवाल बनाकर रास्ता बंद कर दिया है। इसी सड़क से बिजली तार, पाइप लाइन, पुलिया, गैस पाइपलाइन, टेलीफोन लाइन बिछायी गयी है। बारह वर्षों से आवागमन का आम रास्ता है। सचिव ने दीवाल बनाकर मार्ग अवरूद्ध कर दिया है जिससे सरकार की तमाम सुविधाएं प्राइवेट सोसायटी के कब्जे में होने के कारण आम लोगों के लिए उपलब्ध नहीं होगी। झूंसी के लोगों ने थाने का घेराव भी किया। लगभग एक सौ मकानों में पहुंचने का रास्ता बंद कर दियागया है। याचिका में बंद रास्ते को खोलने व सरकारी भूमि से अवैध कब्जा हटाने की मांग की गयी है।



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