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शकील अहमद चीफ जस्टिस के पीपीएस नियुक्‍त, कुंवर साहब हाईकोर्ट के हेड पीपीएस

sudhanshu
Published on: 25 Sept 2018 7:22 PM IST
शकील अहमद चीफ जस्टिस के पीपीएस नियुक्‍त, कुंवर साहब हाईकोर्ट के हेड पीपीएस
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इलाहाबाद: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने शकील अहमद को मुख्य न्यायाधीश का पीपीएस एवं कुंवर साहब त्रिपाठी को हाईकोर्ट के हेड पीपीएस और दिलीप कुमार श्रीवास्तव को संयुक्त पीपीएस नियुक्‍त किया है। इस आशय की अधिसूचना फैज आलम ने मंगलवार को जारी की है। उचच न्यायालय कर्मचारी अधिकारी संघ के महासचिव बृजेश कुमार शुक्ला ने मुख्य न्यायाधीश डी.बी.भोसले, संघ के अध्यक्ष न्यायमूर्ति वी.के.नारायण का आभार व्यक्त किया है। संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष कमलेश कुमार सिंह, संयुक्त सचिव विजयानंद द्विवेदी सहायक सचिव अभिषेक श्रीवास्तव, कोषाध्यक्ष अनुपम शुक्ला आदि कार्यकारिणी सदस्यों ने हर्ष व्यक्त किया है।

कोर्ट की अन्‍य खबरें:

रिक्त पदों को भरने का आदेश

इलाहाबाद: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने सिपाही भर्ती 2013 के रिक्त पदों को भरने का आदेश दिया है। 2013 की सिपाही भर्ती में 914 अभ्यर्थियों ने प्रशिक्षण बीच में छोड़ दिया था। इसकी वजह से रिक्त हुए पदों को भरने के लिए जीत बहादुर सिंह और अन्य ने याचिका दाखिल की थी। इसके अलावा 74 होमगार्ड को तीन वर्ष का अनुभव पूरा नहीं करने के कारण सेवा से बाहर कर दिया गया था। न्यायमूर्ति अश्विनी कुमार मिश्र ने सभी याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई के बाद होमगार्डों को तीन वर्ष का अनुभव पूरा न करने के कारण राहत देने से इंकार कर दिया है तथा शेष रिक्त पदों को नियमानुसार भरने का आदेश दिया है। याचिका पर अधिवक्ता सीमांत सिंह ने पक्ष रखा।

वकील को धमकाने की अर्जी पर हाईकोर्ट करेगा सुनवाई

इलाहाबाद: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मेरठ में दहेज हत्या के एक मामले को लेकर एक अधिवक्ता को धमकाने के मामले में सुनवाई के लिए 26 सितम्बर की तारीख लगायी है।

यह आदेश न्यायमूर्ति एस.डी. सिंह ने अधिवक्ता वी.एन.मिश्र की अर्जी पर दिया है। अधिवक्ता वी.एन मिश्र के अनुसार वह मेरठ के सुमन हत्या काण्ड में परिवादी की ओर से पैरवी कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि सुमन के भाई विजेंद्र पाल सिंह ने जिन लोगों को एफआईआर में नामजद किया था। विवेचक ने उन्हें जार्चसीट से निकाल दिया, तो परिवादी विजेंद्र पाल सिंह ने अधीनस्थ अदालत में आपत्ति दाखिल की। जिस पर सुनवाई के बाद अधीनस्थ अदालत ने आरोपी ओम पाल व प्रताप सिंह ने सीआरपीसी की धारा 482 के तहत अर्जी दी है। जिस पर वह परिवादी की ओर से पैरवी कर रहे हैं। इसी मामले को लेकर 15 सितम्बर 2018 को रात 8.04 बजे ओमपाल ने उनके मोबाइल पर काल करके कहा कि विजेंद्र पाल सिंह ने जितना पैसा दिया है, उससे अधिक दूंगा, आप केस छोड़ दो। फिर उसने एक लाख रूपये देने की पेशकश की। इस पर अधिवक्ता वी.एन मिश्र ने कहा कि यही पैसा आप अपने वकील को दे दो ताकि वह आपका पक्ष मजबूती से रखे। अधिवक्ता वी.एन मिश्र ने बताया कि इसके बाद ओमपाल ने अपशब्द कहते हुए केस छोड़ने को कहा और कहा कि यदि ऐसा नहीं किया तो तुम्हें और विजेंद्र पाल को मार डालने में टाइम नहीं लगेगा।

कालेज प्रबंधक की गिरफ्तारी पर रोक, सरकारी धन गबन का है आरोप

इलाहाबाद: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने गांधी स्मारक इंटर कालेज कल्याणपुर इलाहाबाद के प्रबंधक अजय विक्रम सिंह की पुलिस रिपोर्ट दाखिल होने तक आपराधिक मामले में गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। यह आदेश न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा तथा न्यायमूर्ति डी.के.सिंह की खण्डपीठ ने दिया है। याची अधिवक्ता कुंजेश कुमार दूबे का कहना था कि राजकमल शर्मा समानांतर प्रबंधक बने है। जबकि याची 3 जून 16 को प्रबंधक चुना गया है। शर्मा ने कालेज को मिले सांसद, विधायक निधि का घोटाला करने की सचिव विजिलेंस से शिकायत की। जिसकी मऊआइमा थाने में 7 सितम्बर 18 को प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है। विजिलेंस जांच चल रही है। 2009 से 2011 तक कालेज फण्ड के घोटाले का आरोप है। याची का कहना है कि याची की इस फण्ड के खर्च में भूमिका नहीं है। कोर्ट ने याचिका निस्तारित कर दी है।

इमलिया ग्राम प्रधान प्रभाष सिंह के अवैध निर्माण हटाने की कार्यवाही का निर्देश

इलाहाबाद: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने चंदौली के इमिलिया गांवसभा की जमीन पर ग्राम प्रधान द्वारा अवैध निर्माण को हटाने के मामले में छह माह में कार्यवाही करने का निर्देश दिया है। तहसीलदार ने प्रधान को अतिक्रमण हटा लेने तथा 78 हजार 897 रूपये तहसील में जमा करने की नोटिस पहले ही जारी किया है। कोर्ट ने जिलाधिकारी चंदौली को मनरेगा स्कीम सहित अन्य फण्ड के घोटाले के आरोपों की जांच तीन माह में करने का भी निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति सलिल कुमार ने रामधारी सिंह दिनकर सेवा समिति के सचिव मृत्युंजय सिंह की जनहित याचिका पर दिया है। याचिका पर अधिवक्ता कमल सिंह यादव, नवीन कुमार यादव ने बहस की। याची का कहना है कि प्लाट संख्या 143 बंजर भूमि है, उसमें तालाब भी है। जिस पर ग्राम प्रधान प्रभाष सिंह ने दो मंजिला मकान बना लिया है। लेखपाल ने अवैध निर्माण की रिपोर्ट दी जिस पर तहसीलदार ने नोटिस जारी की है। इसके बावजूद कार्यवही नहीं की जा रही है। याचिका में ग्राम प्रधान पर सरकारी योजनाओं का घोटाला करने का आरोप लगाया गया है। किसान इंटर कालेज बरहवीं में लेक्चर जितेन्द्र प्रसाद को मनरेगा श्रमिक के रूप में लाखों का भुगतान किया गया है। स्कूल की मिड डे मील की रसोइयां बिन्द्रा देवी रसोइयां है वह भी मनरेगा में श्रमिक है। भुगतान किया गया है। मजदूरी व स्कूल में दोनों ने एक साथ काम किया है। शौचालय के गडढे बने हैं किन्तु प्रधान ने 12 लाख रूपये लाभार्थियों के बजाए ठेकेदार प्रदीप कुमार को सीधे भुगतान किया है। जिनका अपना शौचालय है। उन्हीं का निर्माण दिखा धन हड़प किया गया। याचिका में हाईलेवल जांचकी मांग की गयी थी।

गन्ना आयुक्त संजय भुस रेड्डी को अवमानना नोटिस

इलाहाबाद: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने प्रमुख सचिव गन्ना आयुक्त उ.प्र. संजय भुस रेड्डी को अवमानना नोटिस जारी की है और 30 अक्टूबर तक अनुपालन रिपोर्ट मांगी है। यह आदेश न्यायमूर्ति एम.के.गुप्ता ने राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के संयोजक बी.एम.सिंह की अवमानना याचिका पर दिया है। हाईकोर्ट ने गन्ना मिलों का 2500 करोड़ रूपये का ब्याज माफ करने के आदेश को रद्द कर दिया था और नियमानुसार चार माह में नये सिरे से निर्णय लेने का आदेश दिया था। इस आदेश का पालन नहीं किये जाने पर यह अवमानना याचिका दाखिल की गयी है।

बीटीसी परिणाम में धांधली पर सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी से जानकारी तलब

इलाहाबाद: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने बीटीसी 2015 के परिणाम में व्यापक अनियमितता को लेकर दाखिल याचिका पर सचिव नियामक प्राधिकारी से 5अक्टूबर तक जानकारी मांगी है और कहा है कि यदि जानकारी उपलब्ध नहीं हो पाती तो सचिव पत्रावली के साथ पांच अक्टूबर को कोर्ट में मौजूद रहे। यह आदेश न्यायमूर्ति संगीता चन्द्रा ने विकास व 31 अन्य की याचिका पर दिया है। याचिका पर अधिवक्ता आशीष कुमार सिंह ने बहस की। याचीगण का कहना है कि बीटीसी तृतीय सेमेस्टर के परिणाम में अनियमितता व धांधली की गयी है। कुल 80हजार अभ्यर्थियों में से 9 हजार फेल है। कई को अधिकतम निर्धारित 25 अंक से अधिक 29 अंक दिये गये है। बिना विवेक का इस्तेमाल किये गये मनमाने तौर पर परिणाम घोषित किया गया है। याचीगण भी फेल है। 8 अक्टूबर से चतुर्थ सेमेस्टर की परीक्षा होनी है। याचियों की कापी का पुनर्मूल्यांकन कराया जाए तब तक उन्हें चतुर्थ सेमेस्टर में बैठने दिया जाए। कोर्ट ने कहा है कि याचियों का आरोप सही पाया गया तो सचिव को इनकी व अन्य फेल छात्रों की चैथे सेमेस्टर की अलग से परीक्षा करानी होगी। याचिका की सुनवाई 5 अक्टूबर को होगी।



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