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HC के 2 फैसले: होमगार्डों का भत्ता बढ़े, पढ़ाई सत्र में शिक्षक चुनावी काम से रहें मुक्त

कोर्ट के आदेश के बाद होमगार्डों को प्रतिदिन इतना भत्ता सुनिश्चित होगा जो पुलिस कांस्टेबल के एक माह के न्यूनतम वेतन से कम नहीं होगा। इस आदेश से प्रदेश के लगभग एक लाख 18 हजार होमगार्डों को लाभ मिलेगा, जिन्हें अभी रु.225 प्रतिदिन भत्ता मिलता है। एक अन्य फैसले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने निर्देश दिया है कि बच्चों की पढ़ाई के समय शिक्षकों से चुनावी कार्य न लिया जाए।

zafar
Published on: 9 Aug 2016 3:13 PM GMT
HC के 2 फैसले: होमगार्डों का भत्ता बढ़े, पढ़ाई सत्र में शिक्षक चुनावी काम से रहें मुक्त
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इलाहाबाद: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मंगलवार को होमगार्डों और शिक्षकों से जुड़े मामलों पर दो महत्वपूर्ण फैसले सुनाए। कोर्ट ने एक पैसले में होमगार्डों को ड्यूटी के दौरान पुलिसकर्मियों के समान भत्ते देने का आदेश सुनाया है, तो एक अन्य मामले में हाईकोर्ट ने शिक्षकों को पढ़ाई के दौरान चुनाव में ड्यूटी से मुक्त रखने का निर्देश दिया है।

होमगार्डों का भत्ता बढ़ेगा

-इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश के होमगार्डों को भी पुलिस कांस्टेबल के न्यूनतम वेतन के समान ड्यूटी भत्ता देने का आदेश दिया है।

-कोर्ट ने इस संबंध में राज्य सरकार को तीन माह में निर्णय लेने को कहा है।

-कोर्ट ने होमगार्ड वेलफेयर एसोसिएशन केस में सुप्रीमकोर्ट के फैसले का पालन करने का आदेश दिया है।

-यह आदेश न्यायमूर्ति डी.के.उपाध्याय ने होमगार्ड रामनाथ गुप्ता व कई अन्य याचिकाओं को निस्तारित करते हुए दिया।

-हालांकि, कोर्ट ने होमगार्डों को नियमित वेतन और नियमित नियुक्ति देने की प्रार्थना खारिज कर दी।

-कोर्ट के आदेश के बाद होमगार्डों को प्रतिदिन इतना भत्ता सुनिश्चित होगा जो पुलिस कांस्टेबल के एक माह के न्यूनतम वेतन से कम नहीं होगा।

-कोर्ट के इस आदेश से प्रदेश में तैनात लगभग एक लाख 18 हजार होमगार्डों को लाभ मिलेगा, जिन्हें अभी रु.225 प्रतिदिन भत्ता मिलता है।

चुनावी ड्यूटी से मुक्त होंगे शिक्षक

-एक अन्य फैसले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने निर्देश दिया है कि बच्चों की पढ़ाई के समय शिक्षकों से चुनावी कार्य न लिया जाए।

-शिक्षक संघ की जनहित याचिका पर कोर्ट ने चुनाव आयोग को यह निर्देश जारी किया है।

-हालांकि, अवकाश के दिनों में अथवा जब पढ़ाई न हो रही हो, आयोग शिक्षकों को चुनाव संबंधी ड्यूटी पर लगा सकता है।

-यह आदेश चीफ जस्टिस डी.बी.भोसले व जस्टिस यशवंत वर्मा की खण्डपीठ ने दिया।

बार चुनाव

-बुधवार 10 अगस्त को इलाहाबाद हाईकोर्ट की बार का चुनाव हो रहा है।

-अध्यक्ष का चुनाव लड़ रहे पी.पी.यादव ने कहा कि वह अधिवक्ताओं के सम्मान के लिए काम करेंगे।

-सचिव पद के प्रत्याशी जे.बी.सिंह ने महिला अधिवक्ताओं के लिए अलग चैम्बर और युवा वकीलों के लिए 5 साल तक निर्धारित मानदेय दिये जाने की मांग रखने की बात कही है।

-अध्यक्ष का चुनाव लड़ रहे अनिल तिवारी, टी.पी.सिंह व वी.सी.मिश्र ने भी बार की गरिमा को बनाये रखने का अपना पुराना संकल्प दोहराया है।

-शांतिपूर्ण चुनाव के लिये तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। स्थानीय पुलिस फोर्स और सीआरपीएफ की निगरानी में चुनाव सम्पन्न होगा।

-चुनाव अधिकारियों ने सभी मतदाता वकीलों से कहा है कि वे मतदान तभी कर सकेंगे जब उनके पास हाईकोर्ट बार एसोसिएशन का आईडी कार्ड हो।

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