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अब यूपी में हिजाब विवाद: छात्राओं को प्रिंसिपल ने भगाया, नहीं मिला टैबलेट, हंगामा
Ghaziabad News Today: एक डिग्री कॉलेज में हिजाब पहनकर आई छात्राओं ने प्रिंसिपल के व्यवहार से नाराज होकर सड़क पर विरोध प्रदर्शन करने लगीं और जमकर हंगामा किया।
Hijab Controversy In Ghaziabad: कर्नाटक में हिजाब विवाद (Hijab Controversy) के बाद अब पूरे देश में इससे जुड़े मामले समाने आने, लगे हैं। उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले (Ghaziabad) में भी एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है। यहां एक डिग्री कॉलेज में हिजाब पहनकर आई छात्राओं ने प्रिंसिपल के व्यवहार से नाराज होकर सड़क पर विरोध प्रदर्शन करने लगीं और जमकर हंगामा किया।
छात्राओं का आरोप है कि वह अपनी समस्या लेकर प्रिंसिपल के पास गईं थीं। हिजाब देखकर प्राचार्य नाराज हो गईं और उनकी समस्या सुने बिना अपने कमरे से भगा दिया। इस बात से नाराज छात्राओं ने हंगामा करना शुरू कर दिया।
ये है पूरा मामला?
दरअसल, मोदीनगर (Modinagar) के गिन्नी देवी महाविद्यालय (Ginni Devi Mahavidyalaya) में टैबलेट वितरण कार्यक्रम (Tablet Distributing Program) का आयोजन किया गया। इसमें कुछ छात्राओं को जब टैबलेट नहीं मिला तो वह हंगामा करना शुरू कर दिया। छात्राओं का आरोप है कि वह इसी सिलसिले में प्रिंसिपल से मिलने उनके कार्यालय में गईं थीं। छात्राओं का कहना है कि उनके साथ मौजूद कुछ छात्राएं हिजाब पहनी हुई थीं। जिसे देखकर प्रिंसिपल नाराज हो गईं और सबको बाहर जाने के लिए बोल दिया।
छात्राओं का कहना है कि वह उनके ऑफिस के बाहर काफी देर तक उनका इंतजार किया लेकिन वह उनसे नहीं मिलीं। जिससे नाराज छात्राएं सड़क पर उतर आईं और प्रिंसिपल के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और वहां जाम जैसी स्थिति बन गई। मौके पर पहुंचे पुलिस अधिकारियों ने छात्राओं को समझाबुझा कर कॉलेज वापस भेजा।
प्रिंसिपल का क्या है कहना?
वहीं कॉलेज की प्रिंसिपल वंदना शर्मा का कहना है कि कुछ बच्चे सही ड्रेस पहनकर कॉलेज नहीं आए थे। इसलिए उन्होंने बाहर जाने को कहा। इसके पीछे मकसद था कि सभी बच्चे ड्रेस पहनकर स्कूल आएं। प्रिंसिपल ने छात्राओं के विरोध प्रदर्शन की जानकारी के इनकार किया है।
कर्नाटक से शुरू हुआ विवाद
बता दें देश में हिजाब को लेकर विवाद कर्नाटक (Karnataka) से शुरू हुआ था। कर्नाटक के स्कूलों में हिजाब (Hijab) पहनने की अनुमति है लेकिन क्लासरूम में नहीं। इस साल जनवरी में छह छात्रों ने क्लास के अंदर हिजाब पहनने की जिद की। उन्हें अनुमति नहीं दी गई तो उन्होंने क्लास का बहिष्कार कर दिया। धरने पर बैठ गईं। मामला तूल पकड़ता गया।
छात्राओं ने हाई कोर्ट में याचिका की। हाई कोर्ट ने फुल बेंच के सामने मामला लगातार चला। सुनवाई के बाद आखिर हाई कोर्ट ने टिप्पणी की कि हिजाब इस्लाम का हिस्सा नहीं है इसलिए शिक्षण संस्थानों में समानता के लिए स्कूल यूनिफॉर्म का ही पालन करना पड़ेगा।
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