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हिंदी को सम्मान : न्यायमूर्ति शशिकांत ने वर्ष में दिये 66 फैसले

Rishi
Published on: 13 Sep 2018 3:05 PM GMT
हिंदी को सम्मान : न्यायमूर्ति शशिकांत ने वर्ष में दिये 66 फैसले
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इलाहाबाद : प्रदेश की शीर्ष अदालत में भी हिंदी स्थान बनाने लगी है। हाईकोर्ट के कुछ न्यायमूर्तिगण हिंदी में निर्णय दे रहे हैं। न्यायमूर्ति शशिकांत ने एक वर्ष में 66 फैसले हिंदी भाषा में दिए हैं। जिनमें से धारा 482 के 13, जमानत अर्जी 33, द्वितीय अपील 11 याचिका 1, दाण्डिक अपील 6 व दाण्डिक पुनरीक्षण याचिका दो शामिल है। न्यायमूर्ति अशोक कुमार ने पौने दो सालों में 50 फैसले हिंदी में दिये।

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हाईकोर्ट में हिंदी को बढ़ावा देने के पीछे न्यायमूर्ति की मंशा अंग्रेजी का ज्ञान न रखने वालों को अपनी भाषा में फैसले को बेहतर समझने का अवसर देना है। 14 सितंबर हिंदी दिवस के अवसर पर हाईकोर्ट में हिंदी पखवाड़ा मनाया जायेगा और हिंदी को प्रोत्साहन देने की बातें होगी किन्तु हिंदी को वास्तविक कार्य संस्कृति में उतारने की ठोस पहल नहीं होगी। इसके बावजूद न्यायमूर्ति शशिकांत ने महीने में 5 फैसले देकर एक संदेश देने की कोशिश की है। अपनी भाषा में कोर्ट के फैसले व आदेश वादकारी को न्यायिक भाषा समझने की दिशा में सही कदम है।

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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