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संतों का BJP को अल्टीमेटम- राममंदिर निर्माण नहीं तो 2017 में वोट नहीं

Newstrack
Published on: 25 April 2016 11:20 AM GMT
संतों का BJP को अल्टीमेटम- राममंदिर निर्माण नहीं तो 2017 में वोट नहीं
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लखनऊ: यूपी की राजधानी लखनऊ में बहुतायत में लगी होर्डिंग अब सियासत की नई इबारत की तरफ संकेत दे रही है। अखिल भारतीय हिंदू महासभा की होर्डिंग में बीजेपी और उसके सहयोगी संगठनों को चेतावनी भरे लहजे में राममंदिर के लिए काम करने को कहा गया है।

हिंदू महासभा के अध्यक्ष चक्रपाणि महाराज की फोटो वाली इस होर्डिंग में धमकी दी गई है कि अगर 2016 तक अयोध्या के राममंदिर का निर्माण शुरु नहीं हुआ तो बीजेपी को यूपी के विधानसभा चुनाव 2017 में वोट नहीं मिलेगा।

इस होर्डिंग में न सिर्फ बीजेपी बल्कि पीएम नरेंद्र मोदी, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और विहिप के प्रवीण तोगडिया समेत कई हिंदूवादी नेताओं को चेताया गया है।

क्या है होर्डिंग में

-2017 में बीजेपी वोट लेने से पहले 2016 में ही राममंदिर का काम शुरु करे।

-राममंदिर के वादे को भूल जाने वाली बीजेपी को हिंदू याद नहीं रखेगा।

-सरकार के मंत्री को गोभक्षक बताया गया है।

-गोभक्षक मंत्रियों को हिंदू समाज नहीं पहचानेगा।

-किरन रिजिजू पर भी निशाना साधा गया है।

क्या कहा चक्रपाणि महाराज ने

-अखिल भारतीय हिंदू महासभा के अध्यक्ष ने newztrack से एक्सक्लूसिव बातचीत में कहा कि लोगों ने अब तक मोदी के मन की बात सुनी है।

-अब होर्डिंग पर मेरे और हिंदू समाज की बात है।

-उन्होंने वादा किया था कि 100 दिन में काला धन लाएंगे, केंद्रीय गोरक्षा कानून बनेगा।

-हिंदू मुस्लिम सब कह रहे हैं पर कानून नहीं बना।

-कुछ नहीं हुआ उल्टे यूपी बीजेपी अध्यक्ष कहते हैं राममंदिर मुद्दा नहीं है।

-यूपी में यह नहीं चलेगा। उन्होंने किरिन रिजिजू को पद से हटाने की भी मांग की।

बीजेपी ने कहा

-बीजेपी के प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक के मुताबिक पार्टी किसी प्रश्न से नहीं भाग रही है।

-पार्टी हर प्रश्न का उत्तर देगी। बीजेपी के लिए मंदिर आस्था का प्रश्न है।

-उन्होंने यह भी कहा कि लोकतत्र में सबको प्रश्न पूछने का अधिकार है और जनता के प्रति जवाबदेह पार्टी हर प्रश्न का उत्तर देगी।

क्यों है ये होर्डिंग

-इस होर्डिंग के कई मायने लगाए जा रहे हैं।

-हिंदू महासभा में फूट के बाद कमलेश तिवारी पर रासुका लगने से हिंदू महासभा का यह गुट इस समय प्रासंगिकता का संघर्ष कर रहा है।

-ये माना जा रहा है कि आने वाले तीन महीनों में मंदिर मुद्दे का आंदोलन तेज होगा।

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