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Lucknow Bada Mangal: हिंदू-मुस्लिम समुदाय ने मिलकर किया बड़े मंगल पर भंडारा, दिखी गंगा-जमूनी तहजीब

Lucknow: लखनऊ में बड़े मंगल के भंडारे में गंगा-जमूनी तहजीब देखने को मिला । राजधानी लखनऊ के चिनहट के मटियारी तिराहे पर हजारों लोगों ने भंडारे का प्रसाद ग्रहण किया।

Shiva Sharma
Published on: 31 May 2022 9:55 PM IST
Hindu-Muslim community organized a Bhandara on a big mangal at the Matiyari crossroads of Chinhat in Lucknow.
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 लखनऊ : हिंदू-मुस्लिम समुदाय ने मिलकर किया बड़े मंगल पर भंडारे का आयोजन

Lucknow: लखनऊ में बड़े मंगल (Bada Mangal) पर चिनहट के मटियारी चौराहे (Matiyari of Chinhat) के पास पर गंगा-जमूनी तहजीब देखने को मिली, हिंदू-मुस्लिम समुदाय ने एक साथ मिलकर भंडारे का आयोजन किया। जिसमें हजारों लोगों ने प्रसाद ग्रहण कर आस्था से भगवान हनुमान (Lord Hanuman) के दर्शन किये। भंडारे का आयोजन मुख्य रूप से चिनहट के शहीद भगत सिंह वार्ड द्वितीय पार्षद प्रत्याशी खुर्शीद आलम ने किया।

पूजन के बाद किया प्रसाद वितरण

चिनहट के मटियारी चौराहे के पास कोतवाली रोड पर पर मंगलवार सुबह 11 बजे से पार्षद प्रत्याशी शहीद भगत सिंह द्वितीय वार्ड ने विशाल भंडारे का आयोजन किया। जिसमें पहले बजरंग बली की पूजा अर्चना की गई और फिर लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया। हिंदू-मुस्लिम की एकता (Hindu-Muslim unity) पर प्रतीक बने इस विशाल भंडारे के साक्षी शहर के कई गणमान्य व्यक्ति व पुलिस प्रशासन के अधिकारी भी रहे। एडीसीपी पूर्वी कासिम आब्दी, इंस्पेक्टर चिनहट घनश्याम मणि त्रिपाठी व थाने की पूरी टीम इस मौके पर उपस्थित रही और प्रसाद ग्रहण किया।

लोगों का भंडारे में लगा रहा ताता

सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे तक लोगों ने भंडारे का प्रसाद ग्रहण किया। इस दौरान विशिष्ट लोगों का भी ताता लगा रहा है। दोपहर 12 बजे से कई राजनैतिक दल के नेता व अधिकारी भी मौके पर पहुंचे। सपा के यूथ ब्रिगेड के प्रदेश अध्यक्ष अनीस रजा, युवजन सभा के प्रदेश उपाध्यक्ष कमाल खान, पूर्व मंत्री यामीन खान, पूर्व मंत्री अरविंद सिंह गोप के साथ साथ क्षेत्रीय लोग शाहनवाज सिद्धिकी, शमशाद आलम, केसा यादव, दिलीप गौतम, मूलचंद्र साहू और डॉ. विवेक गुप्ता प्रमुख रूप से शामिल हुए।


भंडारा आयोजन में आये सभी लोगों ने की प्रशंसा

जितने भी लोग भंडारे के आयोजन में आये उन सभी लोगों ने इस आयोजन की जमकर तारीफ की। गंगा-जमुनी तहज़ीब को ऐसे वक्त में बनाये रखने के लिए खुर्शीद आलम को प्रोत्साहित भी किया गया। सभी ने कहा कि एक तरफ-मंदिर मस्जिद की जंग को लेकर माहौल वैसे ही गर्म है, ऐसे में मुस्लिम-समुदाय के द्वारा हिन्दू भाई के के साथ मिलकर भंडारे का आयोजन मामला एक अलग ही सन्देश देने की कोशिश करता है।

Shashi kant gautam

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