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हमारा सलाम ! धर्मं की दीवार तोड़, हिंदू व मुस्लिम पत्नियों ने एक-दूसरे के पति को दी किडनी

Rishi
Published on: 22 May 2017 9:46 PM IST
हमारा सलाम ! धर्मं की दीवार तोड़, हिंदू व मुस्लिम पत्नियों ने एक-दूसरे के पति को दी किडनी
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नोएडा : मानवता किसी सीमा के बंधन में नहीं बंधती, इस बात का एक बार फिर प्रमाण मिला है। दो हिंदू और मुस्लिम महिलाओं ने एक-दूसरे के पतियों को अपनी किडनियां दान देकर नई जिंदगी दी है। ग्रेटर नोएडा के रहने वाले इकराम (29) और बागपत के रहने वाले राहुल वरिष्ठ (36), दोनों को किडनी की जरूरत थी।

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दोनों परिवारों को किडनी देने वाला नहीं मिल रहा था। दोनों की जान खतरे में थी। दोनों पुरुषों की पत्नियों का ब्लड ग्रुप अपने पति से मिल नहीं रहा था, जिस वजह से वह किडनी नहीं दे सकती थीं। ऐसे में संकट और गहरा गया था।

इकराम की पत्नी रजिया (24) का ब्लड ग्रुप बी-पॉजीटिव था तो इकराम का ए-पॉजीटिव। राहुल की पत्नी पवित्रा (38) का ब्लड ग्रुप ए-पॉजीटिव था लेकिन राहुल का बी-पॉजीटिव।

जेपी अस्पताल के वरिष्ठ किडनी प्रत्यारोपण सर्जन डॉक्टर अमित देवड़ा ने एक बयान में कहा, "हमने दोनों परिवारों की अलग से बैठक बुलवाई जिसमें हमने उनसे कहा कि अगर महिलाएं अपनी किडनी दूसरे के पति को दे देती हैं तो दोनों की जान बच सकती है।"

इस बात को दोनों महिलाओं ने माना और अपनी किडनी दूसरे के पति को देने को राजी हो गईं। पांच घंटे तक चली किडनी प्रत्यारोपण की प्रक्रिया में यह काम सफलतापूर्वक हुआ।

अस्पताल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉक्टर मनोज लूथरा ने कहा, "हिंदू-मुस्लिम परिवारों के बीच सफलतापूर्वक किडनी दान बताता है कि मानवीय खून किसी सीमा में नहीं बंधा है। सिर्फ इंसानी दिमाग में धाíमक आग्रह-पूर्वाग्रह बैठे रहते हैं। अगर इंसानियत इस आग्रह-पूर्वाग्रह पर विजय पा ले तो खासकर चिकित्सकीय आपातकाल की स्थिति में कई जानों को बचाया जा सकता है।"

जेपी अस्पताल के चिकित्सकों ने कहा कि दोनों मरीज अब अच्छी स्थिति में हैं। उन्होंने कहा कि अस्पताल ने स्वास्थ्य सेवा का धर्म निभाने के साथ-साथ सामाजिक भाईचारे को मजबूत करने की दिशा में कमाल का काम कर दिखाया है। अस्पताल ने अपने प्रयास से न केवल हिंदू और मुस्लिम परिवारों के बीच जन्म-जन्म का बंधन बनाया बल्कि दो लोगों की जान भी बचाई।

किडनी प्रत्यारोपण की यह पूरी कार्रवाई अस्पताल के किडनी प्रत्यारोपण विभाग के वरिष्ठ सर्जन डॉ. अमित देवड़ा, डॉ. मनोज अग्रवाल, डॉ. अब्दुल मनन एवं नेफ्रोलॉजी विभाग के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. अनिल भट्ट, डॉ. भीम राज, डॉ. हारूल की निगरानी में हुई।



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Rishi

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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