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हिन्दुत्व और राष्ट्रवाद को अपने प्रचार का औजार बनाया : डा॰ गिरीश
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की उत्तर प्रदेश राज्य कार्यकारिणी की दो दिवसीय बैठक आज यहां लालगंज बार एसोसिएशन के प्रेसिडेंट कामरेड हामिद अली एडवोकेट की अध्यक्षता में संपन्न हुई। बैठक में पार्टी के राष्ट्रीय सचिव द्वय काम॰ अतुल कुमार अंजान और डा॰ भालचंद कांगो ने लोकसभा चुनावों के विश्लेषण पर चर्चा की।
लखनऊ: हाल ही में खत्म हुए लोकसभा चुनावों में बुरी तरह से हारी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी अब विधानसभा उपचुनाव में अपनी किस्मत आजमाएगी। इसके लिए उसने अभी से तैयारियों को शुरू कर दिया है।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की उत्तर प्रदेश राज्य कार्यकारिणी की दो दिवसीय बैठक आज यहां लालगंज बार एसोसिएशन के प्रेसिडेंट कामरेड हामिद अली एडवोकेट की अध्यक्षता में संपन्न हुई। बैठक में पार्टी के राष्ट्रीय सचिव द्वय काम॰ अतुल कुमार अंजान और डा॰ भालचंद कांगो ने लोकसभा चुनावों के विश्लेषण पर चर्चा की।
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राज्य सचिव डा॰ गिरीश ने कहा कि इन चुनावों में बहुमत हासिल करने को भाजपा ने हर नाजायज हथकंडा अपनाया। मीडिया, सोशल मीडिया और अपने सघन प्रचार अभियान के जरिये, बेरोजगारी, मजदूरों- किसानों की दयनीय दशा, महंगाई, भरष्टाचार व घोटाले, गिरती अर्थव्यवस्था और समूचे देश में महिलाओं, दलितों, अल्पसंख्यकों और अन्य नागरिक समूहों पर हुयी जुल्म ज्यादती आदि को चर्चा से बाहर धकेल दिया।
बड़ी बारीकी से उन्होने धर्म, जाति, सांप्रदायिकता जिसमें मुस्लिम और पाकिस्तान विरोध शामिल था, पुलवामा में हुई किरकिरी को छुपाने को कराई गयी बालाकोट स्ट्राइक, सेना के गौरव को अपने हक में भुनाने संघी माडल के हिन्दुत्व और राष्ट्रवाद को अपने प्रचार का औजार बनाया।
समीक्षा रिपोर्ट में कहा गया है कि विपक्ष इतनी बड़ी चुनौती का सामना करने के सवाल पर गंभीर नहीं हो सका। बार- बार आगाह करने के बावजूद उत्तर प्रदेश जैसे महत्वपूर्ण राज्य में एक व्यापक गठबंधन नहीं बनाया गया। कैराना, गोरखपुर, फूलपुर और नूरपुर में कुछ ही माह पहले हुये चुनावों में विपक्ष को सफलता इसलिए मिली थी कि भाकपा सहित तमाम विपक्षी दलों ने साथ दिया था। भाकपा को उम्मीद थी कि उत्तर प्रदेश में भाजपा का रथ थामने के लिए मुख्य दल सभी को साथ लेकर चलेंगे।
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बैठक में राज्य सरकार द्वारा बिजली की दरों में अभूतपूर्व व्रध्दी के प्रस्ताव को वापस लेने की मांग की गयी। इससे गरीब, मध्यवर्ग, किसान, मजदूर, व्यापारी आदि सभी तवाह होंगे। यह ईमानदार उपभोताओं को दंडित करने का प्रयास है।
सरकार बिजली चोरी, कमीशनखोरी, रिश्वतखोरी, लाइन हानि, फाल्ट, कटौती रोक नहीं पारही। विद्युत विभाग द्वारा लगाए गये मीटरों की रफ्तार बहुत अधिक है और उपभोक्ता अनाप- शनाप बिलों से परेशान हैं। अधिक बिल आजाते हैं, मीटर फुक जाते हैं और सारा भार उपभोक्ताओं पर पड़ता है। वर्षों- महीनों तक मामले सुलझाए नहीं जाते और उपभोक्ता बिजली दफ्तरों के चक्कर लगाते रहते है। दो साल में सरकार ने बिजली का उत्पादन बढ़ाने का कोई प्रयास नहीं किया जबकि खपत बड़ी है।
भाकपा ने चेतावनी दी है कि सरकार ने यदि बिजली दरों में कोई भी व्रध्दी की तो भाकपा समूचे प्रदेश में आंदोलन छेड़ देगी। पहले सरकार के पुतले जलाये जायेंगे, सभाएं की जायेंगी और यदि सरकार फिर भी पीछे नहीं हठी तो जिलाधिकारी कार्यालयों पर धरने- प्रदर्शन किये जायेंगे।
राज्य कार्यकारिणी ने उत्तर प्रदेश विधान सभा की दर्जन भर सीटों पर होरहे उपचुनावों में उतारने और उसकी तैयारी शुरू करने का निश्चय किया है।