Holi 2022: होली में अधिक चमकीले रंगों को न खरीदें, इन बातों का रखें ध्यान

Holi 2022: बाजार से होली के लिए रंग खरीदते वक्त इस बात का जरूर ध्यान रखना चाहिए कि कहीं हम मिलावटी या नकली रंग तो नहीं खरीद रहे हैं?

Shashwat Mishra
Report Shashwat MishraPublished By Vidushi Mishra
Published on: 15 March 2022 3:33 PM GMT
Holi 2022 celebration
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होली 2022 (Social media)

Holi 2022: केमिकल युक्त रंगों की पहचान करना जरूरी है, वरना ये आपकी सेहत को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं। बाजार में मिलने वाले जिन रंगों का इस्तेमाल आप कर रहे हैं, उनके बारे में भी जान लेना चाहिए। मिलावट के इस दौर में मिलावटी और नकली रंग बाजार में आसानी से बिकते नजर आ जाते हैं। ये रंग हमारी स्किन के लिए बेहद नुकसानदायक माने जाते हैं।

ऐसे में बाजार से होली के लिए रंग खरीदते वक्त इस बात का जरूर ध्यान रखना चाहिए कि कहीं हम मिलावटी या नकली रंग तो नहीं खरीद रहे हैं? पुराने समय में लोग होली में प्राकृतिक या फिर हर्बल रंगों का इस्तेमाल करते थे, लेकिन अब हानिकारक रासायनिक पदार्थों को मिलाकर इन रंगों को बनाया जा रहा है। आइये जानते हैं, होली में बाजार में मिलने वाले असली और नकली या मिलावटी रंगों की पहचान कैसे की जाए?

हर्बल गुलाल की पहचान

यह बहुत हल्का और चिकना है। इस गुलाल में चमक नहीं होती है। इसमें सुगंध और स्वच्छता होती है। इसका रंग गाढ़ा होता है।

साधारण गुलाल

यह देखने में मैला होता है। इसमें हानिकारक रंग मिले होते हैं। इसमें रेत व बालू की मात्रा होती है। यह गुलाल भारी होता है।

रंगों का असर

• हरा- कापर सल्फेट की मिलावट; जिससे आंखों में जलन एलर्जी सूजन व अंधापन हो सकता है।

• नीला- पर्शियन ब्लू की मिलावट; जिससे स्किन कैंसर हो सकता है।

• सिल्वर- एल्मुनियम ब्रोमाइट की मिलावट; जिससे त्वचा पर छाले पड़ने की आशंका होती है।

अधिक चमकीले रंगों को न खरीदें

नेचुरल डाई बनाने वाली कंपनी एएमए हर्बल के सह-संस्थापक और सीईओ यावर अली शाह (Yawar Ali Shah) ने बताया कि "आज के दौर में हर्बल रंगों की पहचान करना बेहद जरूरी है। क्योंकि बाजार में वृहद स्तर पर केमिकल युक्त रंग बिक रहे हैं, जिनका आपकी त्वचा व स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ता है। इसलिए इनको पहचानने के कई तरीके हैं। पहला मार्केट में रंगों को खरीदते समय इस बात का ध्यान जरूर रखें कि अधिक चमकीले रंगों को न खरीदें। दरअसल रंगों में चमकीलापन लाने के लिए इसमें अभ्रक (माइका डस्ट) भी मिलाये जाते हैं।"

पेट्रोल या स्प्रिट की महक आने पर न लें गुलाल

उन्होंने कहा कि बाजार से रंगों को खरीदते समय इसके निर्माण में उपयोग की कई सामग्रियों के बारे में जरूर पढ़ लें। पैकेट में बिकने वाले रंगों को बनाने में इस्तेमाल की गयी सामग्री के बारे में लेबल पर लिखा जाता है, जिससे असली और नकली रंगों की पहचान कर सकते हैं। रंगों से अगर पेट्रोल या स्प्रिट की महक आ रही है, तो यह मिलावटी रंग हो सकते हैं। इसके अलावा उन्होंने बताया कि हर्बल गुलाल का बाजारों में काफी मांग है। प्रति वर्ष बाजार में लगभग 20 से 25 प्रतिशत हर्बल गुलाल की डिमांड बढ़ रही है। लोगों को हर्बल गुलाल खूब पसंद आ रहे हैं।

बच्चों को भी नहीं होगा नुकसान

शाह ने ये भी बताया कि एमए हर्बल की कंपनी ने हर्बल गुलाल की एक पूरी रेंज बाजार में उतारी है। ये पूरी तरह से हर्बल है इसे अरारोट पाउडर का इस्तेमाल किया गया है। ये त्वचा के लिए पूरी तरह से सुरक्षित है। साथ ही पर्यावरण के लिए 100 फीसद अनुकूल है। यहां तक कि इन रंगों से बच्चों को भी किसी तरह का कोई नुकसान नहीं होता है। इस होली रंगों का चयन अपनी सेहत को ध्यान में रखते हुए करें। हर्बल गुलाल के संग सुरक्षित और रंग-बिरंगी होली मनाएं।

Vidushi Mishra

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