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Holi 2022: प्रयागराज की ऐतिहासिक कपड़ा फाड़ होली

Holi 2022: प्रयागराज में कभी भी होली एक दिन नहीं मनाई गई। यहां लोग कपड़ा फाड़ होली खेलते हैं।

Syed Raza
Report Syed RazaPublished By Ragini Sinha
Published on: 19 March 2022 6:41 AM GMT
Holi celebration in prayagraj
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होली 2022 (Social media)

Holi 2022: प्रयागराज में जैसी होली खेली जाती है, वैसी होली का नजारा शायद ही कही और देखने को मिले। ये होली सबसे अनोखी होती है, क्योंकि यहाँ पर होने वाली होली के रंगों का सुरूर होली खेलने वालो पर कुछ ऐसा सवार होता है की लोग रंग लगाते लगाते एक दुसरे के कपड़े फाड़ देते हैं, लेकिन लोग इस बात का बुरा नहीं मानते हैं।

रंग और गुलाल से रंगो की बौछार

लेकिन जरा होली की मस्ती देखिये की लोग इसका जरा भी बुरा नहीं मानते और उसके बाद शुरू होता है गाने की धुनों पर नाचने का सिलसिला, जो पुरे आधे दिन तक नॉनस्टॉप चलता रहता है। लोग एक दुसरे के ऊपर रंग और गुलाल की बारिश करते है और ऊपर से चारों और से रंगों की बौछार सोने में सुहागा का काम करती है। ऊपर लटके तारों पर जब नजर जाती है, तो लोगों के फटे कपडे टंगे नजर आते है।

प्रयागराज के लोकनाथ चौराहे के साथ कई जगह पर होने वाली ये कपडा फाड़ होली बरसों से होती आ रही है। होली के दूसरे दिन भी महिलाएं जमकर होली खेलती है। प्रयागराज में होली दो दिन तक मनाई जाती है और तीसरे दिन शहर के कुछ क्षेत्रों में होली मनाई जाती है।

कपड़ा फाड़ होली खेलते हैं

कहा जाता है कि प्रयागराज में कभी भी होली एक दिन नहीं मनाई गई, बल्कि होलिका दहन के अगले दिन छोटी होली जबकि दूसरे दिन बड़ी होली के रूप में प्रयागराज में त्यौहार को मनाया जाता है। इस दिन अधिकतर चौराहों पर कपड़ा फाड़ होली खेली जाती है, लेकिन सबसे ज्यादा भींड आज के लोकनाथ चौराहे पर जमा होती है जहां शहर के कोने-कोने से लोग आते हैं और पानी के साथ कपड़ा फाड़ होली खेलते हैं।

आज तक कभी भी इस जगह होली के दौरान लड़ाई झगड़ा नहीं हुआ है। बाकी सभी लोग एक दूसरे के साथ जमकर होली खेलते हैं। तीसरे दिन भी होली का पर्व मनाया जाता है। फिर से शहर के बड़े पधारो में व्यापारी लोग होली खेलते हैं, जिसमें ठठेरी बाजार,नैनी बाजार शामिल है। हालांकि इस बार राजनीतिक रंग भी होली में देखने को मिला है, क्योंकि कुछ दिन पहले हुए विधानसभा चुनाव को लेकर लोगों में उत्साह देखा गया और परिणाम आने के बाद होली का रंग भी दुगना हो गया।

Ragini Sinha

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