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Holi 2022: रंगभरी एकादशी के दिन निकली शिव की बारात, शिव पार्वती के साथ काशीवासियों ने खेली होली

Holi 2022: रंगभरी एकादशी (Rangbhari ekadashi) के दिन काशीवासियों ने बाबा विश्वनाथ (Baba Vishwanath) के साथ होली खेली। सोमवार को ब्रह़्म मुहूर्त में बाबा की चल प्रतिमा के पूजन के उपरांत आरती के साथ ही रंगभरी के रंगारंग उत्सव का श्रीगणेश हो गया।

Ashutosh Tripathi
Published on: 14 March 2022 9:53 PM IST
Holi 2022: Shivas procession came out on the day of Rangbhari Ekadashi, people of Kashi played Holi with Shiva Parvati
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रंगभरी एकादशी के दिन निकली शिव की बारात: Photo- Ashutosh Tripathi- Newstrack

Holi 2022 Varanasi: रंगभरी एकादशी (Rangbhari ekadashi) के दिन काशीवासियों ने बाबा विश्वनाथ (Baba Vishwanath) के साथ होली खेली। सोमवार को ब्रह़्म मुहूर्त में बाबा की चल प्रतिमा के पूजन के उपरांत आरती के साथ ही रंगभरी के रंगारंग उत्सव का श्रीगणेश हो गया।

राजसी ठाट में देवी पार्वती (Goddess Parvati) और गणेश के साथ चिनार और अखरोट की लकड़ी से बनी रजत जड़ित पालकी पर प्रतिष्ठित करके बाबा की चल प्रतिमा काशी विश्वनाथ मंदिर (Kashi Vishwanath Temple) के गर्भगृह में ले जाई गई।

रंगभरी एकादशी के दिन निकली शिव की बारात: Photo- Ashutosh Tripathi- Newstrack

पालकी यात्रा के दौरान इतना गुलाल और अबीर उड़ाया गया कि महंत आवास से मंदिर प्रांगण तक करीब पांच सौ मीटर के बीच जमीन पर अबीर-गुलाल की परत जम गई थी। बाबा का सिंहासन रखने के लिए बिछाई गई हरी कालीन पहले गुलाल की बौछार से लाल हुई फिर भभूत से सफेद हो गई।

रंगभरी एकादशी के दिन निकली शिव की बारात: Photo- Ashutosh Tripathi- Newstrack

बाबा के शृंगार का दर्शन भक्तों के लिए खोला गया

इससे पहले महंत डा. कुलपति तिवारी और पं. वाचस्पति तिवारी ने बाबा की विधानपूर्वक आरती उतारी। खादी का शाही कुर्ता धोती धारण किए बाबा के मस्तक पर बनारस की गंगा जमुनी तहजीब रेशमी पगड़ी के रूप में इठला रही थी।

रंगभरी एकादशी के दिन निकली शिव की बारात: Photo- Ashutosh Tripathi- Newstrack

बरसाने के लहंगे और आभूषणों में देवी पार्वती का शृंगार संजीव रत्न मिश्र ने किया। शृंगार और भोग आरती के बाद महंत आवास विशेष कक्ष में बाबा के शृंगार का दर्शन भक्तों के लिए खोला गया।

रंगभरी एकादशी के दिन निकली शिव की बारात: Photo- Ashutosh Tripathi- Newstrack

जैसे-जैसे सूर्य अस्ताचल की ओर बढ़ रहे थे वैसे वैसे भक्तों का उत्साह कैलाश पर्वत सी ऊंचाई प्राप्त कर रहा था।

रंगभरी एकादशी के दिन निकली शिव की बारात: Photo- Ashutosh Tripathi- Newstrack

दर्शन पूजन का क्रम सायं पांच बजे तक अबाध रूप से जारी रहा। ऐसी भी स्थिति आई जब एक तरफ बाबा की रजत पालकी उठाने की तैयारी हो रही थी और दूसरी ओर भक्तों का रेला बाबा के दर्शन के लिए महंत आवास में प्रवेश करने की जद्दोजहद कर रहा था।

रंगभरी एकादशी के दिन निकली शिव की बारात: Photo- Ashutosh Tripathi- Newstrack


रंगभरी एकादशी के दिन निकली शिव की बारात: Photo- Ashutosh Tripathi- Newstrack

समूची काशी ही डमरू निनाद से गूंज गई

अत्यधिक भीड़ के कारण भक्तों को अनुरोध पूर्वक रोकना पड़ा। नगर के विभिन्न क्षेत्रों से आने वाले डमरू दल के सदस्यों ने थोड़ी-थोड़ी देर पर अपनी कला का प्रदर्शन किया।

रंगभरी एकादशी के दिन निकली शिव की बारात: Photo- Ashutosh Tripathi- Newstrack

कुछ समय के लिए ऐसा माहौल बन गया मानो समूची काशी ही डमरू निनाद करने उमड़ पड़ी हो। उनका जोश व्यवस्था पर भारी पड़ता दिखा। ऐसे में कुछ समय के लिए सांस्कृतिक अनुष्ठान शिवांजलि को रोकना भी पड़ा।

रंगभरी एकादशी के दिन निकली शिव की बारात: Photo- Ashutosh Tripathi- Newstrack


रंगभरी एकादशी के दिन निकली शिव की बारात: Photo- Ashutosh Tripathi- Newstrack

राजशाही स्वरूप में शिवशंकर (Lord Shiva) के दर्शन पाने के लिए हजारों की संख्या में भक्तगण पहुंचे। सांगीतिक अनुष्ठान के दौरान चंदन का बुरादा और फूलों से बनी अबीर की वर्षा भी रह रह कर की जाती रही।


रंगभरी एकादशी के दिन निकली शिव की बारात: Photo- Ashutosh Tripathi- Newstrack


रंगभरी एकादशी के दिन निकली शिव की बारात: Photo- Ashutosh Tripathi- Newstrack

भक्तों की हर्ष ध्वनि के बीच शिव-पार्वती की चल रजत प्रतिमा को काशी विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह में प्रतिष्ठित किया गया और गुलाल की बौछार के बीच सप्तऋषि आरती की प्रक्रिया पूरी की गई।



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Shashi kant gautam

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