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राजनाथ बोले- ना हमरे के आटा चाही, ना हमरे के टाटा चाही, हमनी के...

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Published on: 12 Nov 2016 7:30 AM GMT
राजनाथ बोले- ना हमरे के आटा चाही, ना हमरे के टाटा चाही, हमनी के...
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लखनऊ. भोजपुरी अध्ययन शोध केंद्र के कार्यक्रम में हिस्सा लेने गृहमंत्री राजनाथ सिंह शकुंतला मिश्रा यूनिवर्सिटी पहुंचे। गृहमंत्री ने भोजपुरी अध्ययन शोध केंद्र का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि भोजपुरी में एक मिठास है, किसी भी प्रसंग का भोजपुरी में जल्दी रिएक्शन आता है।

मैं गृहमंत्री हूं इसलिए सुरक्षा पर विशेष ध्यान देता हूं। इस समय आतंकवाद सबसे बड़ी चुनौती हैं और हम इसका मुकाबला कर रहे हैं। भोजपुरी बोलने वालों से इसके लिए पूछेंगे तो वह कहेगा, ‘ ना हमरे के आटा चाही, ना हमरे के टाटा चाही, हमनी के पाकिस्तान में सन्नाटा चाही।’

भोजपुरी देवनागरी से अलग है। हम भोजपुरी का सम्मान करते हैं। भोजपुरी फिल्मों ने भाषा को आगे बढ़ाया है। हमारी सरकार ने मालिनी अवस्थी को भोजपुरी गीतों के लिए पद्मश्री दिया। इस यूनिवर्सिटी ने भोजपुरी रिसर्च सेंटर को मूर्त रूप देने के बारे में सोचा, जो काफी सराहनीय है। इस कार्यक्रम में गृह मंत्री राजनाथ सिंह के अलावा मेयर दिनेश शर्मा, एमएलसी डॉ महेंद्र सिंह, मॉरिशस के उच्चायुक्त अनूरूध जगन्नाथ, प्रभुनाथ राय, वीसी निशीथ राय, एकेटीयू के वीसी प्रोफेसर विनय पाठक समेत कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।

पीएम भोजपुरी को 8 वी सूची में शामिल करने को तैयार

-राजनाथ सिंह से मॉरिशस से आए उच्चायुक्त अनूरुध जगन्नाथ ने भोजपुरी को 8 वीं अनुसूची में शामिल करने की वकालत की।

-इस पर केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि वैसे तो मैं किसी बात का वादा जल्दी नहीं करता हूं।

-लेकिन इस मामले को मैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सामने रख चुका हूं।

-इस पर उन्होंने सैधांतिक सहमति भी दे दी है।

-पीएम खुद चाहते हैं कि भोजपुरी संवैधानिक भाषा बने।

राजनाथ ने दिव्यंगो से किया वादा

-राजनाथ सिंह ने दिव्यांगो को संबोधित करते हुए कहा कि मैं यहां पहली बार आया हूं।

-यहां 50 परसेंट स्टूडेंट्स दिव्यांग हैं।

-हम अपने स्किल डेवलपमेंट मंत्रालय में बात करेंगे।

-हम प्रयास करेंगे कि यहां के स्टूडेंट्स के लिए कौशल विकास के द्वार बड़े पैमाने पर खोले जाए।

-यहां के दिव्यंगो को स्पेशल ट्रेनिंग दी जाए।

राजनीती में शुचिता बनाने के लिए लिया फैसला

-राजनाथ सिंह ने नोट बैन के मुद्दे पर कहा कि राजनीति अपना अर्थ खो चुकी है।

-राजनीति की शुचिता बनाये रखने के लिए हमने नोट बैन का फैसला लिया है।

-इससे सीमा पार से आने वाली जाली करेंसी पर भी रोक लगेगी।

-इससे भ्रष्टाचार पर भी लगाम लगेगी।

-हालांकि उन्होंने आज भी यूपी के सीएम की चिट्ठी के बारे में पूछे जाने पर चुप्पी साध ली।

-सीएम ने पीएम और वित्त मंत्री को लिखी चिट्ठी में 500 और 1000 के बैन नोटों को 30 नवंबर तक मान्य रखने का आग्रह किया है।

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