गांवों में कोरोना को मात देने में कारगर साबित हुई होम्‍योपैथिक चिकित्‍सा

गांवों में कोरोना संक्रमण से लड़ाई में आयुष विभाग की होम्‍योपैथी विधा ने अहम रोल अदा किया है।

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Published on: 30 May 2021 5:30 PM
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होम्योपैथिक दवा की फाइल फोटो (फोटो-साभार सोशाल मीडिया)

लखनऊ। गांवों में कोरोना संक्रमण से लड़ाई में आयुष विभाग की होम्‍योपैथी विधा ने अहम रोल अदा किया है। वहीं ग्रामीणों ने भी होम्‍योपैथी विधा पर अपना भरोसा जताया है। आयुष विभाग के होम्‍योपैथिक विभाग की ओर से एक महीने में 11 लाख से अधिक होम क्‍वारंटीन व आइसोलेटेड मरीजों ने अन्‍य दवाओं के साथ होम्‍योपैथी दवाएं देकर कोरोना को मात देने में मदद की है।

प्रदेश में ग्रामीण इलाकों में होम्‍योपैथी की काफी अच्‍छी पकड़ है। आयुष विभाग की ओर से प्रदेश में होम्‍योपैथ के करीब 1600 चिकित्‍सालय संचालित किए जा रहे हैं। इसमें से 1300 से अधिक चिकित्‍सालय ग्रामीण इलाकों में स्थित हैं। जहां से ग्रामीणों को नि:शुल्‍क चिकित्‍सालय उपलब्‍ध कराई जा रही है। निदेशालय में संयुक्‍त निदेशक डॉ. सुचेन अग्रवाल बताते हैं कि प्रदेश में होम्‍योपैथी के सबसे अधिक चिकित्‍सालय संचालित किए जा रहे हैं। कोरोना काल के दौरान स्‍वस्‍थ्य कर्मियों ने घर-घर जाकर होम आइसोलेटेड व क्‍वारंटीन मरीजों को दवा पहुंचाई है। उन्‍होंने बताया कि होम्‍योपैथी की दवा एक छोटी शीशी में आ जाती है। इसको पहुंचाना भी आसान होता है। एक शीशी में पूरा परिवार दवा का सेवन कर सकता है। उन्‍होंने बताया कि ग्रामीण इलाकों में होम्‍योपैथिक उपचार लोगों को काफी पसंद है।

कोरोना के इलाज में कारगर

डॉ. सुचेन बताते हैं कि केन्‍द्रीय स्‍वस्‍थ मंत्रालय ने होम्‍योपैथिक विधा को कोरोना मरीजों के इलाज में कारगर बताते हुए मरीजों के इलाज की छूट दी है। ऐसे में होम्‍योपैथी की 10 से 12 दवाएं कोरोना मरीजों के इलाज में इस्‍तेमाल की जा रही हैं। इन दवाओं से मरीजों की रोग प्रतिरोधक क्षमता के साथ-साथ ऑक्सीजन का लेवल बढ़ाने का काम करती हैं। बनारस पुलिस लाइन में 12 से 15 हजार पुलिसकर्मियों को होम्‍योपैथिक दवाएं वितरित की गई थी, जिसके सेवन से उनको काफी फायदा हुआ है।

एक महीने में 11 लाख से अधिक लोगों को दी गईं दवाएं

आयुष विभाग की ओर से 20 मई को 48971 होम क्‍वारंटीन व होम आइसोलेटेड मरीजों को दवाएं बांटी गई थी। इसमें सबसे अधिक 38481 मरीजों को होम्‍योपैथिक दवाएं दी गईं थी, जबकि 9349 मरीजों को आयुर्वेदिक और 1141 मरीजों को यूनानी दवाएं वितरित की गई थी। वहीं, आयुष विभाग की ओर से डेढ़ महीने में 11,40, 8032 मरीजों ने होम्‍योपैथिक दवाओं को चुना, जबकि 14,42,96 मरीजों को आयुर्वेदिक दवाओं का वितरण किया गया।

Raghvendra Prasad Mishra

Raghvendra Prasad Mishra

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