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फिर दिखी संवेदनहीनता: कंधे पर बेटी को लादकर अस्पताल के वार्ड ले गया पिता
शाहजहांपुर: आखिर कब सुधरेगी स्वास्थ व्यवस्थाएं? कब गरीबों को सरकारी अस्पतालों मे अच्छी सेवाएं मिल पाएगी? सवाल इसलिए है कि एक तरफ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश के बाहर भारत का डंका बजा रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ देश के अंदर सरकारी अस्पतालों का हाल ये है कि मरीजों को उनके तीमारदार अपने कंधे पर लादकर तीन मंजिल पर स्थित वार्ड तक ले जा रहे हैं।
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अस्पताल में इस मरीज को एक स्ट्रेचर तक नसीब नही हुआ। जब इस मरीज से पूछा तो उसका कहना था कि दवा मिलने के बाद किसी ने पूछा तक नही कि तनी मंजिल तक ले जाओगे कैसे। ये हाल है यहां के जिला अस्पताल का।
दरअसल, तिहलर थाना क्षेत्र के रहने वाले राम कुमार अपनी बेटी को दो दिन पहले जिला महिला अस्पताल मे भर्ती कराया। उसकी बेटी गर्भवती थी बेटी ने एक बच्चे की जन्म दिया उसके बाद आज जब डाक्टर ने जांच के लिए अपने आफिस में बुलाया तो तब अस्पताल की अव्यवस्था के बारे मे पता चला क्योंकि पिता अपनी बेटी को कंधे पर लादकर तीसरी मंजिल से नीचे लाया और जब डाक्टर को दिखा दिया उसके बाद फिर पिता को बेटी को कंधे पर लादकर फिर उसे तीसरी मंजिल पर वार्ड तक ले जाना पड़ा।
पिता को वार्ड मे स्ट्रेचर नही मिला और न ही कोई कर्मचारी वार्ड में मौजूद था। जब बेटी को कंधे पर लादने वाले पिता से नाम पूछा तो उनका कहना था कि साहब अगर हम नाम बताएंगे और आप नाम छाप देंगे तो फिर डाक्टर उसे अस्पताल से निकाल देंगे। इसलिए नाम न छापिए। आप इस डर का अंदाजा लगा सकते है कि डाक्टरों का डर भी इन मरीजो मे किस कदर है। लेकिन नाम से ज्यादा भरोसा इन तस्वीरों पर कर सकते है क्योंकि तस्वीरें कभी झूठ नही बोलती है।
पिता का कहना है कि जब वह डाक्टर को दिखाकर बेटी को तीसरी मंजिल पर वार्ड मे ले जा रहे थे तब उसे सभी लोग देख रहे थे। उसमें यहां के कर्मचारी भी थे लेकिन किसी ने पूछने की भी जहमत नहीं उठाई। तीन मंजिल से नीचे ले जाना और उपर लेकर आने मे उसकी सांस फूल गई।
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तभी एक और मरीज ऐसा ही दिखा एक शख्स महिला को अपनी गोदी मे उठाकर ले जा रहा था उससे पूछा तो बताया कि उसको काफी तेज बुखार आ रहा था। डाक्टर को दिखाने के बाद उन्होंने मंजिल पर बने वार्ड मे भर्ती कर दिया। उसे अपने मरीज को ले जाने के लिए स्ट्रेचर नही मिला इसलिए वह गोदी मे ले जा रहा है। हालांकि कुछ दूर चलने के बाद वह थक गया और अपने बीमार मरीज को पैदल चलाकर वार्ड तक ले गया। ये हाल है यहां के जिला अस्पताल का जो अव्यवस्थाओं से भरा हुआ है।