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Lakhimpuri Kheri: नदी में डूबने पर कैसे निकलें सुरक्षित बाहर, एनडीआरएफ ने मॉकड्रिल में बताये उपाय
Lakhimpuri Kheri: मंगलवार को कलेक्ट्रेट सभागार में डीएम महेंद्र बहादुर सिंह ने संबंधित विभागों के साथ बैठक की। जिसमें मॉक अभ्यास की सम्पूर्ण रूपरेखा तैयार हुई।
Lakhimpuri Kheri: मंगलवार को डीएम महेंद्र बहादुर सिंह की अध्यक्षता एवं 11-राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरफ) के उप महानिरीक्षक मनोज कुमार शर्मा के दिशा-निर्देशन में जनपद खीरी में एक मॉकड्रिल का संचालन हुआ। जिसमे नदी, तालाब या बाढ़ में डूबने की घटना पर राष्ट्रीय आपदा मोचन बल एवं जिला प्रशासन की टीमों ने मिलकर एक संयुक्त मॉक अभ्यास किया। इसमे पानी में डूब रहे कई व्यक्तियों को रेस्क्यू किया गया।
डीएम की अध्यक्षता में हुआ टेबल टॉप मॉक अभ्यास
मंगलवार को कलेक्ट्रेट सभागार में डीएम महेंद्र बहादुर सिंह ने संबंधित विभागों के साथ बैठक की। जिसमें मॉक अभ्यास की सम्पूर्ण रूपरेखा तैयार हुई। डीएम ने मॉक ड्रिल की आवश्यकता एवं प्रासंगिकता बताते हुए संबंधित विभाग को सौपे गए उत्तरदायित्व का कुशलतापूर्वक निर्वहन करने के लिए निर्देशित किया। इस मॉक अभ्यास के प्रथम चरण में टेबल टॉप द्वारा एनडीआरएफ अधिकारियों, जिला प्रशासन के अधिकारियों, सिंचाई, फायर सर्विस, पीएसी, पुलिस, होमगार्ड, स्वास्थ्य, राजस्व एवं अन्य सम्बंधित विभाग के जिम्मेदार अफसरों ने हिस्सा लिया।
आपदा के दौरान घबरायें नहीं, करें ये उपाय
द्वितीय चरण में शारदा बैराज पर नदी किनारे मॉक ड्रिल अभ्यास के दौरान नदी को पार करते हुए एक नाव के पलट जाने का दृश्य रखा गया, जिसमे दस से पंद्रह लोग सवार थे। घटना की सूचना नजदीकी प्रत्यक्षदर्शी प्रशासन को देते हैं फिर प्रशासन त्वरित ही सर्च एवं रेस्क्यू के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की टीम को एवं अन्य एजेंसियों को बुलाता है। इसमें सर्वप्रथम स्थानीय गोताखोरों एवं ग्रामीणों की कि मदद ली जाती है। फिर तत्काल एनडीआरएफ की टीम लखनऊ से घटनास्थल पर पहुँचती है और फिर सभी डूबे हुए व्यक्तियों को बाहर निकाल लिया जाता है। इसमें सभी एजेंसियों ने आपसी तालमेल एवं समन्वय से राहत एवं बचाव कार्य को पूरा किया।
अभ्यास में मौजूद एनडीआरएफ के क्षेत्रीय प्रतिक्रिया केंद्र लखनऊ से आये उप कमांडेंट अनिल कुमार पाल ने बताया कि अभी हाल में ही कई दुर्घटनाये हुई हैं, जिसमे कासगंज की ट्रेक्टर ट्राली वाली घटना में कई लोगों कि मृत्यु हो गई, ऐसी घटनाओं को ध्यान में रखते हुए ये मॉक अभ्यास किया गया है। इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य यही है कि इस तरह कि घटना होने पर किस तरह से बचाव कार्य किया जाये और सभी एजेंसियों को कैसे रेस्पोंस करना है।
एडीएम बोले, आपदा से निपटने के लिए हमेशा मानसिक रूप से रहे तैयार
अपर जिलाधिकारी संजय कुमार सिंह ने कहा कि किसी भी आपदा से निपटने के लिए हमेशा मानसिक रूप से तैयार रहना चाहिए और आपदा से बचाव के लिए सभी को मिलकर कार्य करना चाहिए। ग्रामीणों को बताया गया कि समस्या आने पर घबराना नहीं चाहिए बल्कि संयम बरतते हुए उपलब्ध संसाधनों का प्रयोग करते हुए इससे निपटने का प्रयास करें।
सीपीआर प्रशिक्षण: मॉक ड्रिल में जाना ऑक्सीजन देकर जान बचाने का तरीका
मॉक ड्रिल में बताया कि कई बार किसी व्यक्ति की अचानक सांस रुक जाती है या फिर कार्डियक अरेस्ट की स्थिति में किसी को सांस नहीं आती है। इस अवस्था में उसे सीपीआर दिया जाता है, जिसकी वजह से लोगों की जान बचाई जा सकती है। एक तरह से सीपीआर में बेहोश व्यक्ति को सांसें दी जाती हैं, इससे फेफड़ों को ऑक्सीजन मिलती है। साथ ही इससे शरीर में पहले से मौजूद ऑक्सीजन वाला खून संचारित होता रहता है। सीपीआर कोई दवा या इंजेक्शन नहीं है। यह एक तरह की प्रक्रिया है, जिसे मरीज के शरीर पर इस्तेमाल किया जाता है। इस प्रक्रिया में व्यक्ति की सांस रुक जाने पर सांस वापस लाने तक या दिल की धड़कन सामान्य हो जाने तक छाती को दबाया जाता है, जिससे शरीर में पहले से मौजूद वाला खून संचारित होने लगता है। साथ ही इस प्रक्रिया में मरीज के मुंह में मुंह से सांस भी दी जाती है। आज इसी तरह के तरीके जवानों को समझाए गए जिससे किसी भी व्यक्ति की जान बचाई जा सकती है।
मॉक अभ्यास में इनकी रही मौजूदगी
इस मॉक अभ्यास में 11 एनडीआरएफ के क्षेत्रीय प्रतिक्रिया केंद्र लखनऊ से आई एनडीआरएफ की 30 सदस्यीय टीम में निरीक्षक अजय सिंह यादव, निरीक्षक जितेंद्र सिंह, सहायक उप निरीक्षक रंजन जायसवाल सहित तमाम रेस्क्यूर एवम गोताखोर शामिल रहे I जिला प्रशासन की और से एडीएम संजय कुमार सिंह, एसडीएम धौरहरा राजेश कुमार, तहसीलदार सदर सुशील प्रताप सिंह, आपदा बाबू रामनरेश भार्गव, अन्य अधिकारीगण एवं तमाम आपदा मित्र भी उपस्थित रहे।