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Jhansi News: ट्रेन के एसी कोच में मिले इंसास रायफल के सैकड़ों कारतूस, मचा हड़कंप
Jhansi News: बांद्रा टर्मिनस- वीरांगना लक्ष्मीबाई झाँसी एक्सप्रेस के एसी कोच में इंसास रायफल के सैकड़ों कारतूस मिलने से हड़कंप मच गया।
Jhansi News: बांद्रा टर्मिनस- वीरांगना लक्ष्मीबाई झाँसी एक्सप्रेस के एसी कोच में इंसास रायफल के सैकड़ों कारतूस मिलने से हड़कंप मच गया। सूचना मिलते ही आरपीएफ लोको की टीम मौके पर पहुंची और कारतूस बरामद कर लिए। जांच के बाद में आरपीएफ और प्रेमनगर थाने की पुलिस ने 228 बटालियन सीआरपीएफ छत्तीसगढ़ की टीम के हवाले कर दिए। कारतूस वापस होने पर आरपीएफ और प्रेमनगर थाने की पुलिस ने राहत की सास ली है।
बुधवार की सुबह रेल सुरक्षा बल के नियंत्रण कक्ष को सूचना मिली कि ट्रेन क्रमांक 22196 बांद्रा टर्मिनस- वीरांगना लक्ष्मीबाई झाँसी एक्सप्रेस बांद्रा से चलकर झाँसी की ओर आ रही है। इस ट्रेन के बी-2 कोच की सीट क्रमांक 18 पर सीआरपीएफ जवानों के कारतूस छूट गए हैं। इस सूचना पर रेल सुरक्षा बल के वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त के निर्देशन में आरपीएफ लोको प्रभारी पी एस परिहार, उपनिरीक्षक सुरेंद्र सिंह व कांस्टेबल लोकेंद्र सिंह सक्रिय हो गए।
बैग के अंदर कारतूस की मैगजीन रखी थी
इस ट्रेन के बारे में लोको आरपीएफ टीम के सदस्यों ने पता लगाया। पता चला कि उक्त ट्रेन झाँसी आ चुकी हैं। वह डीजल लोको शेड के वाशिंग साइडिंग में खड़ी है। इस आधार पर टीम वहां पहुंची और कोच बी-2 की तलाशी लेना शुरु की। जैसे ही टीम बी-2 की सीट क्रमांक 18 पर पहुंची तो एक बैग दिखाई दिया। सीट पर बैग रखा हुआ था। बैग को सीट से बाहर निकाला गया। बैग खोलकर देखा गया तो उसके अंदर कारतूस की मैगजीन रखी हुई थी। कारतूसों को देखकर आरपीएफ की टीम में हड़कंप मच गया। बाद में सूचना देने वाले व्यक्ति के नाम के बारे में जानकारी ली। पता चला कि यह सूचना सीआरपीएफ के जवानों ने दी। वह लोग अपने सदस्यों के साथ झाँसी आ रहे हैं।
उधर, टीम सभी कारतूसों को लेकर लोको थाना पहुंची। यहां पर पूरे मामले की छानबीन की। यह कारतूस इंसास रायफल के हैं। इनमें 100 जिंदा कारतूस और 95 खोखा कारतूस हैं। इसकी सूचना प्रेमनगर थाना प्रभारी संजय कुमार शुक्ला को दी। उन्होंने मामले को गंभीरता से लेते हुए प्रेमनगर थाना क्षेत्र के पुलिया नंबर नौ चौकी प्रभारी देवराज मौर्य को लोको थाना भेजा गया। यहां पर आरपीएफ और प्रेमनगर थाने की पुलिस वार्तालाप कर रही थी, तभी सीआरपीएफ टीम के सदस्य भी वहां पहुंच गए। इसमें सीआरपीएफ के उपनिरीक्षक जागरुफ संतोष और मुख्य आरक्षी रतनेश शामिल थे।
ट्रेन से उतरते समय छूट गए थे कारतूस
सीआरपीएफ के उपनिरीक्षक जागरुफ संतोष ने बताया कि 228 बटालियन सीआरपीएफ छत्तीसगढ़ के 53 लोग शिवपुरी में ट्रेनिंग करने आए थे। ट्रेनिंग करने के बाद सभी लोग बांद्रा टर्मिनस- वीरांगना लक्ष्मीबाई झाँसी एक्सप्रेस में शिवपुरी से सवार होकर ग्वालियर आ रहे थे। ग्वालियर से वह दूसरी ट्रेन से छत्तीसगढ़ के लिए रवाना होते। जैसे ही रत्नेशन ट्रेन से ग्वालियर स्टेशन के प्लेटफार्म पर उतर गया तो बैग छूट गया था। बैग में 100 जिंदा कारतूस और 95 कारतूस खोखा थे। पांच कारतूस वह अपने साथ रखे हुए थे। यह जानकारी मिलते ही आरपीएफ और प्रेमनगर थाने की पुलिस ने राहत की सास ली है।
आरपीएफ सतर्क न होती तो हो सकता था बड़ा हादसा
बताते हैं कि आरपीएफ की सतर्कता से कारतूस बच गए, अगर आरपीएफ की सतर्कता न होती तो यह कारतूस किसी गैंग के हवाले हो जाते तो बड़ा हादसा भी हो सकता हैं। इनमें 100 जिंदा कारतूस थे। इन कारतूसों का उपयोग किया जाता है तो किसी घटना से इंकार नहीं किया जा सकता था। इन कारतूसों के पीछे सीआरपीएफ जवानों की बड़ी लापरवाही उजागर हो गई है।