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Billionaires of UP: भारत में 38 लोग बने नए अबरपति, अकेले UP से आए 16; सूबे में बदली कारोबार की हवा-बयार

Billionaires of UP: भारत में नंबर वन अरबपति की तमगा रिलायंस के अध्यक्ष मुकेश अंबानी को मिला है तो वहीं, यूपी में नंबर वन अरबपतियों की सूची में पहला स्थान कानपुर के घड़ी साबुन के मालिक मुरली बाबू को मिला है।

Viren Singh
Written By Viren Singh
Published on: 12 Oct 2023 10:58 AM GMT (Updated on: 12 Oct 2023 7:04 PM GMT)
Billionaires of UP
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Billionaires of UP (सोशल मीडिया) 

Billionaires of UP: 2014 के बाद से भारत के सबसे बड़े राज्य कहे जाने वाला उत्तर प्रदेश के कारोबार की सच में हवा-बयार बदली है। एक समय था, जब यूपी देश का बीमारू प्रदेश तमगा मिला हुआ था। हालांकि ऐसा नहीं था कि यूपी में तब कारोबार नहीं होता था और यहां पर अरबपति कारोबारी नहीं थे, लेकिन भारत का राज्य से जितनी अपेक्षा थी, उतना नहीं मिला। यह सब इस वजह से हुआ, क्योंकि सूबे के नेताओं की राजनीतिक महत्वाकांक्षाएं समाज और कारोबार के प्रति न होकर अपने तक सीमित थीं, जिसका खामियाजा लोगों ने तो भुगता ही, साथ ही प्रदेश का कारोबार भी गर्दिश का शिकार हो गया। हालांकि अब सूबे में स्थितियां बदली हैं। उद्योग के क्षेत्र में यूपी अब भारत का सिरमौर बना रहा है। प्रदेश में कई बड़ी नेशनल व इंटरनेशनल कंपनियां निवेश के लिए आतुर दिख ही रही हैं। प्रदेश के कारोबारियों की संख्या के साथ अरबपतियों की उद्योगपति की संख्या में वृद्धि हो रही है। इसमें कोई दो राय नहीं है कि वर्तमान में यूपी की योगी सरकार ने उद्योग को लेकर जो नीति अपनाई है, जिसका असर प्रदेश उद्योग में दिखा रहा है।

साल भर में 13 नए बने अरबपति

हाल ही में अंतरराष्ट्रीय मैगजीन हुरुन ने साल 2023 की हुरुन ग्लोबल रिच लिस्ट जारी की है। इस लिस्ट में यूपी के उद्योग की बल्ले बल्ले होती दिखाई दी है। हुरुन ग्लोबल रिच लिस्ट के मुताबिक, इस साल भारत में 38 लोग नए अरबपतियों की सूची में शामिल हुई हैं। इसमें सबसे खास बात यह है कि नए अरबपतियों की संख्या में सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश से आए हैं। यूपी में 34 लोग अरबपति हैं। एक साल के अंदर यूपी में 13 लोग नए अरबपति बने हैं, जिसके बाद यह संख्या बढ़कर 34 हो गई है। इससे पहले पिछले साल यूपी में अरबपतियों की संख्या 21 थी। दरअसल, योगी सरकार की कारोबार को लेकर ईज ऑफ डूइंग बिजनेस, स्वस्थ कानून व्यवस्था और उद्योग के लिए सरकारी नीति को सरल करना जैसी जो नीतियां अपनाई है, उसका असर प्रदेश के उद्योग और उद्योगपति संख्या में इजाफा से दिखाई दे रहा है।

यूपी के अंबानी हैं मुरली बाबू


हुरुन ग्लोबल रिच लिस्ट, 2023 के मुताबिक, भारत में नंबर वन अरबपति की तमगा रिलायंस के अध्यक्ष मुकेश अंबानी को मिला है तो वहीं, यूपी में नंबर वन अरबपतियों की सूची में पहला स्थान कानपुर के घड़ी साबुन के मालिक मुरली बाबू को मिला है। मुरलीधर ज्ञानचंदानी 14,000 करोड़ नेटवर्थ के साथ यूपी के सबसे रईस व्यक्ति हैं। दूसरे स्थान पर उनके भाई बिमल ज्ञानचंदानी हैं। बिमल ज्ञानचंदानी की नेटवर्थ 9,400 करोड़ रुपये है और वह यूपी के दूसरे अबरपति कारोबारी हैं। दोनों की भाइयों की कुल नेटवर्थ की बात करें तो यह 23,000 करोड़ रुपये से भी अधिक हो गई है।



लखनऊ के कारोबारियों का चौथा व पांचवा स्थान


यूपी में अरबपति कारोबारी की संख्या तीसरा स्थान में नोएडा के रहने वाले दिनेश चंद्र अग्रवाल का है। हुरुन ग्लोबल रिच लिस्ट के मुताबिक, अग्रवाल की कुल नेटवर्थ 5,700 करोड़ रुपये आंकी गई है। वहीं, प्रदेश में अरबपतियों की लिस्ट में चौथा और पांचवा स्थान क्रमश: सचिन अग्रवाल और अनिल कुमार सिंह से हासिल किया है। लखनऊ के पीटीसी इंडस्ट्रीज के मालिक सचिन अग्रवाल की कुल नेटवर्थ 4,300 करोड़ रुपये है और भारत में उनकी रैंकिंग 478 है, जबकि लखनऊ के ही एपको इंडिया के मालिक अनिल कुमार सिंह की कुल नेटवर्थ 4,200 करोड़ रुपये है और उनकी भारत में रैंकिंग 478 है।


इन क्षेत्र से निकले अरबपति

मुरलीधर ज्ञानचंदानी अरबपतियों में यूपी में तो पहला स्थान हासिल किया है, जबकि भारत में वह 145 स्थान पर हैं। उसके भाई बिमल ज्ञानचंदानी यूपी में अरबपति की सूची में दूसरा स्थान है और भारत में वह 219 स्थान पर हैं। यूपी में 13 नए अरबपति बने हैं। ये कारोबारी स्टार्टअप, निर्माण, इंजीनियरिंग सेक्टर से आए हैं। बीते एक साल में यूपी में अरबपतियों की संख्या में 40 फीसदी की वृद्धि देखने को मिली है।

रामनगरी के उद्योपति ने हासिल किया छठा


यूपी की अरबपतियों कारोबारियों की सूची में रामनगरी अयोध्या के निवासी और कारोबारी लक्ष्मण दास लधानी ने स्थान हासिल किया है। 4104 करोड़ रुपये की नेटवर्थ के साथ लधानी यूपी के छठवें अरबपति हैं और उनका भारत में 482वां स्थान है। लक्ष्मण दास लधानी अमृत बॉटलर्स के मालिक हैं और वह कंपनी के एमडी पर पर कार्यरत हैं। दास के पिता ताल्लुक पाकिस्तान के सिंध प्रांत था। वह बंटवारे के समय भारत के पश्चिम बंगाल में आकर बस गए थे। उसके बाद साल 1970 वह फैजाबाद जिला आ गए, जिसको अब अयोध्या कहा जाता है। यहीं से उनके पिता और उनका बेटा लक्ष्मण दास लधानी ने कड़ा संघर्ष करते हुए कारोबार की दुनिया तगड़ा नाम बनाया और यूपी के अरबपतियों की सूची में शुमार हो गए।

भारत में 38 लोग बने अरबपति

60 वन के सह-संस्थापक और 360 वन वेल्थ के संयुक्त सीईओ यतिन शाह ने कहा कि 1319 व्यक्तियों के पास 1,000 करोड़ रुपये या उससे अधिक की संपत्ति है। इस साल की सूची देश की विशाल उद्यमशीलता की भावना को उजागर करती है, जिसमें 64 प्रतिशत स्व-निर्मित हैं। भारत में अब अरबपतियों की संख्या बढ़कर 259 हो गई है, जो पिछले साल की तुलना में 38 अधिक है। इसमें से 16 लोग यूपी से ताल्लुक रखते हैं।

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पत्रकारिता क्षेत्र में काम करते हुए 4 साल से अधिक समय हो गया है। इस दौरान टीवी व एजेंसी की पत्रकारिता का अनुभव लेते हुए अब डिजिटल मीडिया में काम कर रहा हूँ। वैसे तो सुई से लेकर हवाई जहाज की खबरें लिख सकता हूं। लेकिन राजनीति, खेल और बिजनेस को कवर करना अच्छा लगता है। वर्तमान में Newstrack.com से जुड़ा हूं और यहां पर व्यापार जगत की खबरें कवर करता हूं। मैंने पत्रकारिता की पढ़ाई मध्य प्रदेश के माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्विविद्यालय से की है, यहां से मास्टर किया है।

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