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पति ने कहा बेटा होता तो रखता अपने साथ , अब बेटी हुई तो मायके में ही रहो

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Published on: 8 Oct 2016 1:05 PM GMT
पति ने कहा बेटा होता तो रखता अपने साथ , अब बेटी हुई तो मायके में ही रहो
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कानपुरः महिला ने बेटी को जन्म दिया तो ससुराल पक्ष ने महिला को रखने से इंकार कर दिया। महिला दो महीने से अपने मायके में है जब पति और ससुराल वालों ने रखने से मना कर दिया तो उसने पुलिस से मदद की गुहार लगाई, लेकिन पुलिस ने अभी तक कोई कार्यवाई नहीं की है।

क्या है मामला?

-मामला नौबस्ता थाना क्षेत्र के माछरिया का है।

-जशमून निशा की बेटी सैफी बनो की शादी शमसाद अहमद से 26 अप्रैल 2015 को हुई थी।

-शमसाद अहमद बाबूपुरवा के बेगम में रहता है, वह सिलाई का काम करता है।

-सैफी को शादी के बाद से ही उसका पति मारता पीटता था।

-मायके से रूपए लाने के लिए दबाव बनाता था।

-जब सैफी प्रेग्नेंट हुई तो उसके पति और ने उसे मायके भेज दिया।

-पति ने कहा कि बेटी हुई तो मायके में ही रहना और बेटा हुआ तो मैं अपने साथ रखूंगा।

क्या कहती है पीड़िता?

शादी के समय तो सब ठीक रहा लेकिन कुछ ही दिनों बाद सास राबिया और नन्द सलमा मुझे किसी न किसी बात पर प्रताड़ित करने लगी। वह पति पर दबाव बनाया कि सैफी से कहो की दहेज़ में कुछ नहीं दिया है इसके बदले दो लाख रूपए मांगो। इस बात को लेकर मेरे पति मेरी पिटाई करते थे और गाली गलौज करते थे।

मेरी मां ने उधार लेकर शमसाद को डेढ़ लाख रूपए दिए, लेकिन इसके बाद भी उसकी हरकते नहीं रूकी। सैफी ने बताया कि जब मैं प्रेग्नेंट हुई तो मुझे जबरन मायके भेज दिया और कहा कि बेटी को जन्म दोगी तो मायके में ही रहोगी और बेटे को जन्म दोगी तो अपने साथ रखूंगा। डिलीवरी के दौरान मेरी हालत बिगड़ गई और डाक्टरों को आपरेशन करना पड़ा, तब बेटी का जन्म हुआ। इसमें मेरी ने इसका पूरा खर्च उठाया।

जब ससुराल पक्ष को पता चला कि बेटी को जन्म दिया है तो कोई मुझे देखने तक नहीं आया। इसके बाद मेरी पास खबर आई की इसने बेटी को जन्म दिया है मैं अब इसे नहीं रखूंगा। शमसाद ने एक बार भी खबर नहीं ली। 29 जुलाई को बेटी का जन्म हुआ था।

क्या कहती है पीड़िता की मां जशिमुन निशा?

मेरी बेटी ने एक बच्ची को जन्म दिया है उसकी कीमत उसे चुकानी पड़ रही है। उसके पति और ससुराल पक्ष के लोग उसे ले जाने को तैयार नहीं है। उनका कहना है कि यदि बेटा पैदा होता तो उसे ले जाते। इसमें इंसान की मर्जी तो चलती नहीं है। यह तो रब के हाथ में है। इसमें मेरी बेटी की क्या गलती है। उन्होंने बताया कि पुलिस को लिखित तहरीर दी थी लेकिन अभी तक कोई कार्यवाई नहीं हुई है। पुलिस का कहना है कि दशहरा और मुहर्रम के त्यौहार हो जाए इसके बाद देखेंगे।

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