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IAS Aunjaneya Kumar Singh: जानें- कौन हैं आंजनेय सिंह जिन्होंने ढहा दिया आजम का 'साम्राज्य', अब मूल काडर में वापस भेजे गये

IAS Aunjaneya Kumar Singh- यूपी में प्रतिनियुक्ति कार्यकाल पूरा होने पर आईएएस आंजनेय कुमार सिंह अपने मूल काडर सिक्किम के लिए कार्यमुक्त कर दिया गया है

Hariom Dwivedi
Written By Hariom Dwivedi
Published on: 18 Feb 2023 3:10 PM IST (Updated on: 18 Feb 2023 3:26 PM IST)
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फाइल फोटो- आईएएस आंजनेय कुमार सिंह और पूर्व मंत्री आजम खान

IAS Aunjaneya Kumar Singh- उत्तर प्रदेश के कद्दावर नेता आजम खां पर कार्रवाई कर सुर्खियों में आये आईएएस आंजनेय कुमार सिंह एक बार फिर चर्चा में हैं। यूपी में प्रतिनियुक्ति कार्यकाल पूरा होने पर उन्हें अपने मूल काडर में वापस भेजा दिया गया है। मूल कैडर सिक्किम के लिए कार्यमुक्त होते ही आंजनेय कुमार सिंह दो महीने की लंबी छुट्टी पर चले गए हैं। 16 फरवरी 2015 को वह प्रतिनियुक्ति पर उत्तर प्रदेश आए थे। इस दौरान वह कई जिलों के डीएम रहे। सबसे चर्चा में उनका रामपुर के जिलाधिकारी का कार्यकाल रहा।

आईएएस आंजनेय कुमार सिंह के रामपुर का जिलाधिकारी बनने के बाद से ही आजम का 'साम्राज्य' ध्वस्त होता चला गया। पूर्व मंत्री के जेल जाने, उनकी विधायकी खत्म होने में आंजनेय कुमार सिंह के कार्यकाल के दौरान की गई कार्रवाई का अहम रोल रहा। आज आजम के पूरे परिवार का सियासी करियर लगभग खत्म हो चुका है। दोनों बाप-बेटों की विधानसभा सदस्यता रद्द हो चुकी है। जेल की सजा हुई है और फिलहाल चुनाव लड़ने के लिए भी अयोग्य हैं।

आजम के खिलाफ ताबड़तोड़ एक्शन

समाजवादी पार्टी की सरकार में वह विशेष सचिव सिंचाई व जल संसाधन विभाग सी.ई.ओ. एकीकृत जल प्रबंधन परियोजना रहे। बुलंदशहर के जिलाधिकारी बने। 2017 में जब योगी सरकार सत्ता में आई तो उन्हें अपर आयुक्त वाणिज्य कर बनाया गया। फरवरी 2019 में योगी सरकार ने आंजनेय को जिलाधिकारी बनाकर रामपुर भेजा। यहां उन्होंने आजम खान के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई की। 2019 के आम चुनाव के दौरान कड़ाई से आचार संहिता पालन करवाया, उल्लंघन के मामले में आजम के कई करीबियों पर एक्शन भी लिया। इसके बाद आजम खान का वह बयान सुर्खियों में रहा, जिसमें उन्होंने कहा था कि "कलेक्टर-फलेक्टर से मत डरियो, ये तनखैय्ये हैं। अल्लाह ने चाहा तो चुनाव बाद इन्हीं से जूते साफ कराऊंगा।"

सपा नेता को घोषित किया था भू-माफिया

यह वही वक्त था जब से आजम खान का बुरा दौर शुरू हो गया। जिस रामपुर में कभी आजम खां की तूती बोलती थी, उनके खिलाफ शिकायतों का अंबार लग गया। जिले के 27 किसानों तत्कालीन डीएम से मिलकर शिकायत करते हुए कहा कि जौहर विश्वविद्यालय के लिए आजम खां ने उनकी जमीनों पर जबरन कब्जा किया है। आंजनेय सिंह ने संज्ञान लिया और एसडीएम से मामले की जांच कराई गई, जिसके बाद सभी मामलों में एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया गया। साथ ही आजम खान के कब्जे से कई सरकारी जमीनों को मुक्त भी कराया गया। रामपुर में आजम खान के खिलाफ शिकायतों की फाइलें बढ़ने लगीं और देखते ही देखते उनके खिलाफ 98 से अधिक मुकदमे दर्ज हो गये। इतना ही नहीं तत्कालीन जिलाधिकारी आंजनेय कुमार सिंह ने उन्हें भू-माफिया भी घोषित कर दिया था।

आठ साल तक प्रतिनियुक्ति पर रहे आंजनेय

सिक्किम काडर के 2005 बैच के आईएएस अफसर आंजनेय कुमार सिंह को प्रमोट कर मुरादाबाद मंडल का कमिश्नर बना दिया गया। मुरादाबाद मंडल में ही रामपुर भी आता है। आमतौर पर पांच वर्ष से अधिक की प्रतिनियुक्ति नहीं हो सकती है। लेकिन योगी सरकार के आग्रह पर केंद्र सरकार ने नियमों में शिथिलता देते हुए उनकी प्रतिनियुक्ति का समय और बढ़ा दिया था। यूपी में आठ वर्ष तक वह प्रतिनियुक्ति पर रहे।

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