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अफसरी नहीं अब संगीत बन रही IAS डॉ ​हरिओम की पहचान

Rishi
Published on: 27 Jan 2018 7:27 PM IST
अफसरी नहीं अब संगीत बन रही IAS डॉ ​हरिओम की पहचान
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लखनऊ : कहने को तो वो एक आईएएस अफसर हैं। लेकिन डॉ हरिओम की पहचान अब बदलती जा रही है। इन दिनों उनकी शोहरत की पैमाईश शेरो शायरी और मौसिकी से है न की उनकी अफसरी से। वे संगीत की धुन पर केवल चार कदम नहीं चले हैं बल्कि अब तक उनके चार वीडियो एलबम रिलीज़ हो चुके हैं। लेकिन मौसिकी की इन बुलंदियों में 20 साल की अफसरी के सफरनामे का एक भी जुमला नहीं है। एक भी पैरा नहीं है। एक भी अध्याय नहीं है। हाल फिलहाल उनका वीडियो एलबम जारी हुआ था तो उस समारोह में गजल गायिकी के दूसरे कोई चेहरे नहीं थे। उसमें बड़े से लेकर छोटे प्रशासनिक हुक्मरान ही थे। ये ही उनकी फनकारी के प्रशंसक हैं। उनकी फनकारी, गजल गायिकी के परवान चढने का एक मिजाज उनका अफसर होना भी है।

योगी राज में रास आ रही गजल

11 जिलों में डीएम के पद पर रहे डॉ हरिओम इस सरकार में साइड पोस्टिंग पर हैं। कहा जाता है कि गोरखपुर में जिलाधिकारी पद पर तैनाती के दौरान उन्होंने मौजूदा मुख्यमंत्री और तत्कालीन सांसद योगी आदित्यनाथ की गिरफ्तारी की थी। लेकिन उस समय इनके साथ पुलिस कप्तान रहे राजा श्रीवास्तव इन दिनों आगरा में आईजी रेंज के पद पर तैनात हैं। डॉ हरिओम सत्ता के गलियारे में अपने संगीत के फन की वजह से अफसर से ज्यादा जगह पाते हैं। फिलहाल वह सामान्य प्रशासन के सचिव के पद पर तैनात हैं। यह नौकरशाहों के लिहाज से एक खाली पोस्टिंग मानी जाती है। ऐसे समय को भी हरिओम ‘अप्रत्यक्ष कृपादान’ की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं।

ये भी देखें : IAS डॉ हरिओम का गजल वीडियो एल्बम ‘रंग का दरिया’ रिलीज

पत्नी के साथ जुड़ा है विवाद

वीरता के लिए दिए जाने वाले रानी लक्ष्मीबाई वीरता पुरस्कार से आईएएस अफसर और गजल गायक हरिओम की पत्नी मालविका हरिओम को पिछले सपा सरकार में नवाजा गया था। वैसे यह पुरस्कार वीरता, अदम्य साहस के अलावा उत्कृष्ट खेलों, शिक्षा, उदयोग जगत, चिकित्सा जगत, सरकारी और गैर सरकारी क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान के लिए महिलाओं और बालिकाओं को दिया जाता है। हरिओम की पत्नी मालविका हरिओम के सोशल मीडिया एकाउंट पर इन क्षेत्रों में से किसी में भी कोई उल्लेखनीय कार्य करने की इबारत दर्ज नहीं है। गौरतलब है कि जिस समय मालविका हरिओम इस पुरस्कार से नवाजी गई। उसी कालखंड में हरिओम संस्कृति सचिव के पद पर तैनात थे।



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Rishi

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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