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अपने धर्म और समाज को पीछे छोड़कर 'तीन तलाक' जैसे श्राप के खिलाफ खड़ी हो रही मुस्लिम महिलाएं
'तीन तलाक़' अब मुस्लिम धर्म गुरुओं के लिए जी का जंजाल बनता दिखाई दे रहा है । तीन तलाक़ पर केंद्र सरकार के मुस्लिम महिलाओं के साथ खड़े होने पर वो चार दीवारी से बाहर आकर तीन तलाक के खिलाफ लामबंद हो गई है। ये
मुज़फ्फरनगर : 'तीन तलाक़' अब मुस्लिम धर्म गुरुओं के लिए जी का जंजाल बनता दिखाई दे रहा है । तीन तलाक़ पर केंद्र सरकार के मुस्लिम महिलाओं के साथ खड़े होने पर वो चार दीवारी से बाहर आकर तीन तलाक के खिलाफ लामबंद हो गई है। ये वो महिलाएं है जिन्हें बिना किसी कसूर के नाजायज तरीके से एक कागज पर फ़तवा देकर इनके शोहर ने तलाक़ दे डाला है । देश में ऐसी ही सैकड़ों महिलाएं हैं जिनको बिना किसी गलती ही सजा दी जाती है।
-जिले में लगभग पांच हजार मुस्लिम महिलाओं के तलाक़ के मामले कोर्ट में पेंडिंग पड़े हुए है ।
-इनमें से कई महिलाओं को दान दहेज के लिए तलाक दे दिया गया तो कई महिलाओं को बेटी पैदा करने पर तलाक देकर घर से बेघर कर दिया गया है।
- लेकिन अब 'योगी' युग आते ही इन महिलाओं को न्याय की उम्मीद चार दीवारी से बाहर खिंच लाई है।
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नाजिया खान लाई उम्मीद की किरण
-मुज़फ्फरनगर की नाज़िया खान इन महिलाओं के लिए एक आवाज बनकर सामने आई हैं।
-ये धर्म को पीछे छोड़ उम्मीद की किरण बनकर महिलाओं के लिए तलाक़ बने अभिशाप को जड़ से खत्म करने के लिए सरकार से इंसाफ की गुहार लगा रही है ।
-नाज़िया खान के साथ आज मुज़फ्फरनगर की वो पच्चीस महिलाएं भी है जिन्हें तलाक तलाक तलाक कह कर खुशनुमा जिंदगी से बेदखल कर दिया गया है।
सोशल मीडिया ने दिया साथ
-नाजिया के इस काम में सोशल मीडिया एक बहुत बड़ा सहारा बना ।
-नाज़िया खान ने उत्तर प्रदेश की उन सभी महिलाओ को साथ जोड़कर एक वॉट्सअप ग्रुप भी बनाया हुआ है।
- जिसमे वो इन महिलाओ को इस सामाजिक बुराई से लड़ने की प्रेऱणा देती है।
क्या कहती हैं नाजिया
-तलाकशुदा महिलाओ की आवाज बनी नाज़िया ने तलाक़ के बारे में बताया कि हमें ससुरालवालों ने घर से बाहर निकाल रखा है ।
-उसका हम विरोध कर रहे हैं और इस लिए हमने कोर्ट में केस डाला हुआ है।
-हम चाहते है की मुज़फ्फरनगर में हम जैसी महिलाओं की एक अलग से संस्था बनाई जाए।