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श्रवण साहू हत्याकांड: IG और SSP में ठनी, एक-दूसरे के खिलाफ दाखिल किया हलफनामा

aman
By aman
Published on: 10 April 2017 7:10 PM IST
श्रवण साहू हत्याकांड: IG और SSP में ठनी, एक-दूसरे के खिलाफ दाखिल किया हलफनामा
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लखनऊ: पुलिस महानिरीक्षक स्थापना, वितुल कुमार और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक लखनऊ मंजिल सैनी के बीच ठन गई है। दोनों अफसरों के बीच विवाद की वजह बना है, श्रवण साहू हत्याकांड में निलंबित हुए आरआई लाइन लखनऊ शिशुपाल सिंह का निलंबन।

हाईकोर्ट में एसएसपी लखनऊ ने आरआई लाइन को पुलिस महानिरीक्षक स्थापना के आदेश पर बहाल करने का हलफनामा दाखिल किया है, जबकि आईजी स्थापना ने अपने हलफनामे में कहा है, कि उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए एसएसपी लखनऊ ज़िम्मेदार हैं। जिसके बाद दोनों अफसरों के बीच ठन गई है। अब यह मुद्दा विभाग में चर्चा का विषय बनी हुई है।

एक-दूसरे के खिलाफ खोला मोर्चा

यूपी में आईपीएस अफसरों के बीच विवाद की ख़बरें अकसर आती रहती हैं। लेकिन ऐसा पहली बार हो रहा है, जब दो अफसरों ने एक-दूसरे के खिलाफ खुलेआम मोर्चा खोल दिया है। सआदतगंज लखनऊ में व्यापारी श्रवण साहू की 1 फरवरी को बीच चौराहे पर हत्या कर दी गई थी। जिसके बाद एसएसपी लखनऊ मंजिल सैनी ने आरआई लाइन शिशुपाल सिंह को श्रवण साहू को गनर न उपलब्ध कराने के आरोप में निलंबित कर दिया था।

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3 दिन बाद ही बहाल किया था

यहां यह भी स्पष्ट करना ज़रूरी है, कि इस संबंध में लिखित में आरआई लाइन को कोई आदेश ही प्राप्त नहीं हुआ था। इसी वजह से एसएसपी ने आरआई को 3 दिन बाद ही बहाल कर दिया।

कोर्ट ने एसएसपी से किया था जवाब-तलब

इस बीच इस मामले की विवेचना सीबीआई से कराए जाने की याचिका हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में दाखिल की गई। जिस पर कोर्ट ने सीबीआई से विवेचना कराने का निर्देश देने के साथ ही एसएसपी लखनऊ से जवाब-तलब किया था। कोर्ट ने पूछा था कि किन परिस्थितियों में आईआर को निलंबित करने के बाद 3 दिन के भीतर ही बहाल कर दिया गया।

हलफनामे में ये कहा आईजी ने

इस मामले में एसएसपी लखनऊ मंजिल सैनी ने जो हलफनामा दाखिल किया। उसमें आरआई को आईजी स्थापना द्वारा बहाल करने का हलफनामा दिया। एसएसपी के इस हलफनामे के बाद अदालत ने आईजी स्थापना वितुल कुमार को तलब कर जवाब मांगा। आईजी स्थापना की ओर से दिए हलफनामे में अपने स्तर से निलंबन या बहाली को गलत बताया। हलफनामे में आईजी ने कहा है, कि नियमतः एसएसपी ने जब निलंबन की कार्रवाई की थी, तो उन्हें अपने उच्चाधिकारियों को सूचित करना चाहिए था। जो उन्होंने नहीं किया।

एसएसपी ने बनाया बलि का बकरा!

श्रवण साहू हत्याकांड के बाद स्थानीय लोगों में पुलिस के खिलाफ आक्रोश था। जिसके बाद एसएसपी मंजिल सैनी ने आरआई लाइन को निलंबित कर दिया। निलंबन आदेश में एसएसपी ने लिखा कि उनके मौखिक आदेश के बावजूद आरआई ने श्रवण साहू को गनर उपलब्ध नहीं कराया और फिर निलंबन के 3 दिन बाद ही बहाल कर दिया। जिस पर अदालत ने हलफनामा मांगा तब एसएसपी ने आईजी को बहाली के लिए ज़िम्मेदार ठहरा दिया था।

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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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