×

IIT BHU: स्टूडेंट्स ने बनाई स्वदेशी स्पोर्टस कार, जवानों और कृषि के लिए हो सकती है कारगर

इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (BHU) के छात्रों ने एक ऐसी पहली स्वदेशी स्पोर्ट्स कार तैयार की है, जो हर तरह के रास्ते पर आसानी से दौड़ सकती है। इसका सस्पेंशन इस तरह बनाया गया है कि रेगिस्तान हो या कोई उबड़-खाबड़ रास्ता हर दुर्गम रास्तों पर भी आसानी से ले जाया जा सके। इतना ही नहीं दलदल और रेत पर भी अच्छी रफ्तार से चल सकती है। इसके अलावा बार्डर पर पेट्रोलिंग और सामानों को ले जाने में ये बेहतर कारगर साबित हो सकती है।

priyankajoshi
Published on: 24 March 2017 12:06 PM GMT
IIT BHU: स्टूडेंट्स ने बनाई स्वदेशी स्पोर्टस कार, जवानों और कृषि के लिए हो सकती है कारगर
X

वाराणसी : इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT), बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (BHU) के छात्रों ने एक ऐसी पहली स्वदेशी स्पोर्ट्स कार तैयार की है, जो हर तरह के रास्ते पर आसानी से दौड़ सकती है। इसका सस्पेंशन इस तरह बनाया गया है कि रेगिस्तान हो या कोई उबड़-खाबड़ रास्ता हर दुर्गम रास्तों पर भी आसानी से ले जाया जा सके। इतना ही नहीं दलदल और रेत पर भी अच्छी रफ्तार से चल सकती है। इसके अलावा बार्डर पर पेट्रोलिंग और सामानों को ले जाने में ये बेहतर कारगर साबित हो सकती है।

जवानों और कृषि के लिए उपयोगी

-आईआईटी बीएचयू के मेकेनिकल इंजीनयरिंग के छात्रों की टीम ने 'मेक इन इंडिया' के तहत पहली बार भारत में स्पोर्ट्स कार ONYX बनाई है।

यह ऐसी स्पोर्ट्स कार है, जो बार्डर पर देश के जवानों और कृषि के काम आ सकेगी।

-यह कार 3.5 लाख में बनी है, जो पहाड़ों पर 45 डिग्री पर भी आसानी से चढ़ सकती है।

बनावट में स्वदेशी तकनीक

-चेसिस से लेकर इंजन तक की पूरी बनावट में स्वदेशी तकनीक अपनाई गई है।

-ड्राइवर आदित्यनं ने बताया कि कार चलाने में कंफर्ट है।

-ये कार इंदौर के वर्चुअल काम्पिटिशन में 400 टीमों में चौथे नंबर पर है। एक्सीडेंट में कार को क्या नुकसान होगा ,इसकी हम सभी ने सॉफ्टवेयर के जरिए ग्रॉफिक्स से टेस्ट किया है ।

क्या कहना है टीम लीडर का ?

-टीम लीडर साहिल ने बताया कि अमूमन कारें 25 से 30 डिग्री पर ऊंचाई में पहाड़ों पर चढ़ जाती है।

-इसका सबसे मजबूत पहलु 45 डिग्री पर चढ़ाई करना है।

-देश के जवान अपनी जरुरत के सामानों को आसानी से लेकर पहाड़ों पर चढ़ाई कर सकते है।

-बार्डर पर रेत और दलदल में भी आसानी से ले जा सकते है।

-सारे पार्ट्स वर्कशॉप में बनाया गया है और कुछ पार्ट्स पुणे से मंगाया गया है।

इससे संबंधित फोटोज देखने के लिए आगे की स्लाइड्स में जाएं...

priyankajoshi

priyankajoshi

इन्होंने पत्रकारीय जीवन की शुरुआत नई दिल्ली में एनडीटीवी से की। इसके अलावा हिंदुस्तान लखनऊ में भी इटर्नशिप किया। वर्तमान में वेब पोर्टल न्यूज़ ट्रैक में दो साल से उप संपादक के पद पर कार्यरत है।

Next Story