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आईआईटी कानपुर ने रिसर्च एकेडमी का शुभारंभ किया

ला ट्रोब युनीवर्सीटी और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कानपुर (आईआईटी कानपुर) ने भारत में रिसर्च एकेडमी का शुभारंभ कर आपसी साझेदारी का नया महत्वपूर्ण दौर...

Deepak Raj
Published on: 27 Feb 2020 5:10 PM GMT
आईआईटी कानपुर ने रिसर्च एकेडमी का शुभारंभ किया
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कानपुर। ला ट्रोब युनीवर्सीटी और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कानपुर (आईआईटी कानपुर) ने भारत में रिसर्च एकेडमी का शुभारंभ कर आपसी साझेदारी का नया महत्वपूर्ण दौर शुरू किया है। एकेडमी का लक्ष्य सामाजिक, सामुदायिक, स्वास्थ्य और तकनीकी चुनौतियों का समाधान देना है।

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आईआई कानपुर - ला ट्रोब युनिवर्सीटी रिसर्च एकेडमी से दोनों संगठनों की शोध क्षमताओं को बढ़ावा मिलेगा और यह ला ट्रोब और आईआईटी कानपुर के विशेषज्ञों को एकजुट कर वैश्विक सम्मान प्राप्त शोध केंद्र बनाएगा।

यह रिसर्च एकेडमी कानपुर में होगा।

ला ट्रोब के ऑस्ट्रेलियाई कैम्पसों में रिसर्च एकेडमी के स्टाफ और पीएचडी के 40 विद्यार्थियों तक की मजबूत उपस्थिति होगी। उन्हें बड़े स्कॉलरशिप के लिए आवेदन करने की योग्यता होगी। इस अवसर पर ला ट्रोब के चांसलर माननीय जॉन ब्रम्बी एओ ने कहा कि रिसर्च एकेडमी से दोनों संगठनों में वैश्विक समस्याएं दूर करने की क्षमता बढ़ेगी।

दोनों संगठनों में वैश्विक समस्याएं दूर करने की क्षमता बढ़ेगी

“आईआईटी कानपुर - ला ट्रोब युनिवर्सीटी रिसर्च एकेडमी का शुभारंभ कर हम बहुत खुश हैं। इससे स्वास्थ्य, खाद्य और जल सुरक्षा, शहरी नियोजन और परिवहन की चुनौतियां जैसी तमाम समस्याएं दूर करने में मदद मिलेगी,” श्री ब्रम्बी ने कहा। “रिसर्च एकेडमी का मकसद शोध और उद्योग प्रमुखों की नई पीढ़ी को प्रशिक्षित करना है।

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ब्रम्बी ने बताया, ‘‘रिसर्च एकेडमी के व्यापक स्कॉलरशिप प्रोग्राम के तहत टयूशन फीस और यात्रा के लिए आर्थिक सहायता देने के साथ ला ट्रोब ने आईआईटी कानपुर के पीएचडी के 40 विद्यार्थियों तक का ऑस्ट्रेलिया में उत्साह से स्वागत् किया है। हमें आईआईटी कानपुर से अपने मजबूत संबंध का लाभ मिलेगा।’’

आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रोफेसर अभय करंदीकर ने कहा कि इस रिसर्च एकेडमी में हमारी साझा प्रतिबद्धाएं दिखेंगी जो वैश्विक चुनौतियां दूर करने और समुदायों को बेहतर बनाने के लिए हम ने कायम रखी हैं।

‘‘आईआईटी कानपुर-ला ट्रोब युनिवर्सीटी रिसर्च एकेडमी की स्थापना से हम बहुत उत्साहित हैं क्योंकि यह दोनों विश्वविद्यालयों के बीच अटूट साझेदारी को बढ़ावा देगा; शोध का बेहतर परिवेश देगा और इस तरह नए विचारों को जमीनी स्तर पर सकार करने में मदद देगा।’’

‘‘हमें विश्वास है कि यह साझेदारी अत्यंत महत्वपूर्ण क्षेत्रों में शोध के लिए अधिक से अधिक अंतर्राष्ट्रीय शोध सहयोग का ब्लूप्रिंट होगा,’’ प्रोफेसर करंदीकर ने कहा। ला ट्रोब ने आज अमृता विश्वविद्यालय के साथ एक सहमति करार पर भी हस्ताक्षर किए। अमृता विश्व विद्यापीठम के कुलपति डॉ. वेंकट रंगन ने कहा, “चांसलर एएमएमए के नेतृत्व से प्रेरित अमृता का मिशन विद्यार्थियों को आजीवन शिक्षा का ज्ञान देना है।

हम सतत विकास के लिए सहानुभूति-पूर्ण शोध के बल पर ला ट्रोब विश्वविद्यालय के साथ इस रणनीतिक साझेदारी से अपना वैश्विक प्रभाव और अधिक समृद्ध बनाएंगे।” ला ट्रोब ऑस्ट्रेलिया-भारत बिज़नेस एक्सचेंज 2020 के लिए ऑस्ट्रेलियाई शिक्षा प्रतिनिधियों के 31 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा है जिसका नेतृत्व ऑस्ट्रेलियाई व्यापार, पर्यटन और निवेश मंत्री साइमन बर्मिंघम ने किया है।

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ला ट्रोब का भारत के साथ महत्वपूर्ण ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंध रहा है। इसकी कई मिसालें हैं जैसे ला ट्रोब का ऑस्ट्रेलिया के केवल दो विश्वविद्यालयों में एक होना जिनमें हिन्दी पढ़ाई जाती है।

1968 में प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी की मेजबानी करना; 2019 में अभिनेता और जनहित कार्यकर्ता शाहरुख खान को डॉक्टरेट की मानद उपाधि प्रदान करना और आज भारत की एक महत्वाकांक्षी महिला शोधकर्ता को शाहरुख खान ला ट्रोब विश्वविद्यालय पीएचडी स्कॉलरशिप प्रदान करना ताकि महिला दुनिया में सार्थक बदलाव लाए। अमृता विश्वविद्यालय के साथ सहयोग करार भी भारत और ला ट्रोब का यह संबंध आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण कदम है।

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