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Hapur News: हापुड़ में शराब का हो रहा अवैध कारोबार, जहरीली शराब बन रही काल

Hapur News: जनपद हापुड के गढ़मुक्तेश्वर तहसील क्षेत्र के गंगा खादर में अवैध शराब बनाने का काम कुटीर उद्योग के रूप में जड़े जमा चुका है।

Avnish Pal
Report Avnish Pal
Published on: 1 Oct 2022 5:10 PM IST
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अवैध शराब की धधक रही भठ्ठियां

Hapur News: जनपद हापुड के गढ़मुक्तेश्वर तहसील क्षेत्र के गंगा खादर में अवैध शराब बनाने का काम कुटीर उद्योग के रूप में जड़े जमा चुका है। कार्रवाई के दौरान अधिकांश लोग पुलिस की गिरफ्त से बच निकलते हैं। यूरिया, ऑक्सीटोसिन और थिनर मिलाकर इस शराब को कुछ देर में ही तैयार कर लिया जाता है। यह सेहत के लिए बेहद खतरनाक है। इसे पीकर बीते वर्षों में लोगों की मौत हो चुकी है। आबकारी विभाग द्वारा बड़ी कार्रवाई न हो पाने के चलते शराब माफिया लगातार सक्रिय हैं। गंगा खादर क्षेत्र समेत अन्य स्थानों पर बन रही शराब सरकारी राजस्व को चूना लगने के साथ ही सेहत के लिए बेहद हानिकारक है। जिसे गुड़ और शीरे से तैयार किया जाता है। इसे अधिक नशीला बनाने के लिए इसमें यूरिया और कभी-कभी ऑक्सीटोसिन मिला दिया जाता है। कई बार इसमें नींद की गोलियां भी मिलाई जाती हैं, जिससे शराब के जहरीले होने की आशंका बढ़ जाती है। वहीं बिना किसी सावधानी के बनने वाली इस शराब की तीव्रता का भी कोई मानक नहीं होता। जिससे यह पीने वालों के लिए मौत का सामान बन सकती है।

कार्तिक पूर्णिमा मेले के दौरान बढ़ जाती है मांग

कच्ची शराब की भट्ठी हर सीजन में धुआं उगलती रहती हैं, लेकिन कार्तिक पूर्णिमा मेले के साथ ही अन्य त्योहारों के दौर में शराब बनाने के काम में तेजी आ जाती है। आबकारी निरीक्षक अभिषेक दुबे का कहना है कि अवैध शराब की रोकथाम के लिए लगातार दबिश दी जाती है। गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी होने के कारण गांवों और जंगलों में जलभराव हो रहा था। इस कारण दबिश डालना संभव नहीं हो पा रहा था। जल्द ही विशेष टीम गठित कर खादर क्षेत्र के जंगलों में छापा मारकर कार्रवाई की जाएगी।



Jugul Kishor

Jugul Kishor

Content Writer

मीडिया में पांच साल से ज्यादा काम करने का अनुभव। डाइनामाइट न्यूज पोर्टल से शुरुवात, पंजाब केसरी ग्रुप (नवोदय टाइम्स) अखबार में उप संपादक की ज़िम्मेदारी निभाने के बाद, लखनऊ में Newstrack.Com में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। भारतीय विद्या भवन दिल्ली से मास कम्युनिकेशन (हिंदी) डिप्लोमा और एमजेएमसी किया है। B.A, Mass communication (Hindi), MJMC.

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