अवैध खनन: यहा भी खड़ा हो रहे हैं कई विकास दुबे, मूकदर्शक बनी पुलिस,

कानपुर के बिकरु गांव के बाद झांसी के चिरगांव थाना क्षेत्र के ग्राम भरतपुरा भी चर्चा में आ गया है। इस गांव में बालू खनन रोकने गए सिपाहियों और खनन स्टॉफ के साथ मारपीट और दुर्व्यवहार की घटनाएं प्रकाश में आ रही है।

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Published on: 14 July 2020 7:48 AM GMT
अवैध खनन: यहा भी खड़ा हो रहे हैं कई विकास दुबे, मूकदर्शक बनी पुलिस,
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झांसी: कानपुर के बिकरु गांव के बाद झांसी के चिरगांव थाना क्षेत्र के ग्राम भरतपुरा भी चर्चा में आ गया है। इस गांव में बालू खनन रोकने गए सिपाहियों और खनन स्टॉफ के साथ मारपीट और दुर्व्यवहार की घटनाएं प्रकाश में आ रही है। हालांकि पुलिस व खनन अफसरों पर सत्तादल से जुड़े नेताओं का फोन आने पर पुलिस मूकदर्शक बनी हुई है। इस माफिया के खिलाफ हालही में बालू खनन करते समय पकड़े जाने के मामले पंजीकृत है मगर अब तक कार्रवाई नहीं की गई है।

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सत्ता बदलती रहीं पर जिले में अवैध खनन कारोबार बदस्तूर रहा। हर बार खनन करने वालों के चेहरे बदल गए पर कोई नकेल नहीं कसी जा सकी। मौजूद सरकार के सख्त रवैये के बाद भी कोई असर नहीं पड़ रहा है। बेखौफ बेतवा नदी के किनारे अवैध बालू व मिट्टी खनन कर करोड़ों रुपये राजस्व की क्षति प्रशासन को पहुंचाई जा रही है। यह एक नहीं तकरीबन जिले के हर क्षेत्र में धड़ल्ले से हो रहा है। अब प्रशासनिक शिकंजे से थोड़े बदलाव की उम्मीद दिख रही है। बताते हैं कि चिरगांव के ग्राम भरतपुरा इलाकों में बेखौफ खनन माफिया गुर्गों को सक्रिय किए हुए हैं। यहां एक-दूसरे की जान लेने तक में कोई परहेज नहीं करते हैं। पिछली सरकार के दौरान भी कई बार आमने-सामने टकराव हुए है। करोड़ों रुपये का खेल किया गया। अब फिर अनुमति मिलने से पहले ही कुछ लोगों के इशारे पर खेल शुरु हो चुका है।

नियम -कानून ताक पर रख खनन

जिले में नियम-कानून ताक पर रख खनन कराया जा रहा है। इसमें भरतपुरा, बरल, देदर व देवल के आसपास के रास्तों पर कभी भी बालू व ट्रैक्टर साफ देखे जा सकते हैं। इन इलाकों की सड़कें तक ध्वस्त हो चुकी हैं। पुलिस की नाक तले अवैध खनन कर माल ले जाने वाले ट्रैक्टर दौड़ते हैं। कुछ लोग अवैध ढंग से खनन कराने वालों से रुपये वसूलते हैं। उधर, ग्रामीणों का कहना है कि भरतपुरा गांव में दहशत का माहौल बना हुआ है। दबंगों के चलते कुछ लोग गांव छोड़ने पर मजबूर हो रहे है। ग्रामीणों का कहना है कि दबंग ने कुछ लोगों की जमीन पर जबरन कब्जा कर रखा है।

खेतों में खड़ी फसल को कर दिया बर्बाद

भरतपुरा व देदर गांव में रहने वाले श्याम करन, मिथला बेबा, रामप्रसाद, मनीराम और बारेलाल ने जिलाधिकारी को शिकायती पत्र देते हुए बताया कि हमारी खेतों की जमीनें ग्राम शहपुरा मौजे में खाता में 301 रकवा, 2.707 हे. हैं। उक्त जमीन पर भरतपुरा गांव व दतिया के ग्राम दुरसड़ा में रहने वाले दबंग बंदूकें लेकर आए और उसके खेतों में बालू खनन के लिए मोरम डालकर रास्ता बनाने लगे। इस पर उन लोगों ने कहा कि हमने खेतों को बो दिया है। अब रास्ता नहीं बनाओ तो दबंगों ने जाति सूचक गालिया दी और कहा कि यहां आए तो जान से मार देंगे। शिकायती पत्र में कहा है कि सभी लोग काफी गरीब है। थाने में भी सूचना दी परन्तु कुछ नहीं हुआ है। शिकायती पत्र के माध्यम से दबंगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

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साहब, थानेदार थाने में फर्राते हैं आराम

ग्रामीणों का कहना है कि जब से चिरगांव थाने में नए थानेदार हैं। जब से वह फील्ड में दिखाई नहीं देते हैं। वह कक्ष में कुर्सी में बैठकर मेज पर पैर फैलाकर आराम फराते हैं। जब कोई पीड़ित थाने में सूचना देने जाता हैं तो उससे कहा जाता हैं कि थानेदार बाहर गए हैं। बाद में पीड़ित को थाने से भगा दिया जाता है।

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