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Lucknow: अवैध ट्रॉमा सेंटरों पर कसेगा शिकंजा, ACMO डॉ. एपी सिंह बोले- सभी को भेजा गया नोटिस
Lucknow News: लखनऊ में करीब 1200 प्राइवेट अस्पताल पंजीकृत हैं। इनमें 20 का पंजीकरण ट्रॉमा सेंटर के रूप में हैं।
Lucknow News: राजधानी में हजारों के तादाद में निजी ट्रॉमा सेंटर आसानी से फलफूल रहें हैं। जिनमें से कुछ अवैध रूप से चलाए जा रहें है। जो मरीजों की जान से खेलकर धन उगाही करते हैं। हालांकि, अब स्वास्थ्य विभाग इन पर शिकंजा कसने जा रहा है। जिसमें विभाग ने गैर पंजीकृत ट्रॉमा सेंटरों पर छापेमारी का ब्योरा तैयार कर लिया है। बुधवार को पंजीकृत अस्पतालों को नोटिस जारी कर अवैध तरीके से ट्रॉमा सेंटर के बोर्ड हटाने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए एक हफ्ते की मोहलत दी गई है।
मात्र 20 का पंजीकरण ट्रॉमा सेंटर के रूप में
बता दें कि लखनऊ में करीब 1200 प्राइवेट अस्पताल पंजीकृत हैं। इनमें 20 का पंजीकरण ट्रॉमा सेंटर के रूप में हैं। जिनमें घायलों के इलाज का मानक पूरा होने के बाद ही पंजीकरण होता है। इसके बावजूद राजधानी में 50 से अधिक अस्पतालों ने ट्रॉमा सेंटर का बोर्ड नियमों के खिलाफ टांग रखा है। बेबस तीमारदार अपनों की जिंदगी बचाने के लिए इसी अस्पताल में पहुंचे जा रहे हैं। जहां ट्रॉमा मरीजों के इलाज की सुविधा व संसाधन भी अस्पताल में नहीं होते हैं। तब भी मरीजों को भर्ती किया जा रहा है और समय पर मुकम्मल इलाज न मिलने से मरीजों की जान जोखिम में पड़ रही है।
ट्रॉमा सेंटर लिखे अवैध बोर्ड हटाए जाएंगे
अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. एपी सिंह ने बताया कि ट्रॉमा सेंटर के नाम पर मरीजों को गुमराह करने वाले अस्पतालों पर शिकंजा कसा जाएगा। सभी पंजीकृत अस्पतालों को नोटिस भेजी गई है। जिसमें कहा गया है कि जिन अस्पतालों ने बिना पंजीकरण ट्रॉमा सेंटर लिख रहा है उसे तत्काल हटा लें। ऐसे अस्पतालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई होगी।
ट्रॉमा सेंटर के ये हैं मानक
किसी भी ट्रॉमा सेंटर के लिए ये ज़रूरी है कि उसके पास न्यूरो सर्जन, आर्थोपेडिक्स, गेस्ट्रो, नेत्र, डेंटल सर्जन और मानक के अनुसार नर्स व 24 घंटे ऑपरेशन की सुविधा हो। जनरल सर्जन, एनस्थीसिया विशेषज्ञ, एक्सरे, अल्ट्रासाउंड, खून की जरूरी जांचें की सुविधा भी होनी चाहिए। इसके अलावा, आईसीयू, वेंटिलेटर और ऑक्सीजन की सुविधा होना अति आवश्यक है।