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भरत गांधी ने याद किया ‘कन्नौज अपहरण कांड’, बोले- अभी तक नहीं मिला पूर्ण न्याय
राजधानी पहुंचे कन्नौज अपहरण कांड के पीड़ित भरत गांधी ने पूर्व सीएम अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव के चुनाव में हुए अपहरण कांड की यादें ताजा कीं। उन्होंने गुरुवार को मीडिया से मुखातिब होकर योगी सरकार में भी पूर्ण न्याय न मिल पाने का दर्द सांझा किया।
लखनऊ : राजधानी पहुंचे कन्नौज अपहरण कांड के पीड़ित भरत गांधी ने पूर्व सीएम अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव के चुनाव में हुए अपहरण कांड की यादें ताजा कीं। उन्होंने गुरुवार को मीडिया से मुखातिब होकर योगी सरकार में भी पूर्ण न्याय न मिल पाने का दर्द सांझा किया।
डिंपल यादव के चुनाव में हुआ था अपहरण कांड
भरत गांधी ने मीडियाकर्मियों से अपना दर्द सांझा करते हुए बताया कि 6 जून 2012 में तत्कालीन सीएम अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव कन्नौज से सांसद का चुनाव लड़ रही थीं। उस दौरान कई संभावित प्रत्याशियों का अपहरण करवा लिया गया था। इनमें संभावित प्रत्याशी प्रभात पांडे, सादेश यादव और राम सिंह लोधी सहित नामांकन के प्रयासरत अन्य प्रत्याशियों का अपहरण उपचुनाव के दौरान करा लिया गया था। किसी को नामांकन पत्र नहीं भरने दिया गया था और डिंपल यादव को निर्विरोध सांसद घोषित कर दिया गया था।
इसको लेकर भरत गांधी द्वारा हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में वाद दाखिल किया और इस मुद्दे पर लगातार संघर्ष किया गया, लेकिन अखिलेश सरकार ने अदालती आदेशों का अनुपालन नहीं किया। इसीलिए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने इस मामले को 24 फरवरी 2016 को प्रदेश की सीबीसीआईडी को दे दिया गया।
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800 लोगों पर अपहरण करने का आरोप
अब मानवाधिकार आयोग ने अपने नवीनतम आदेश 19 अप्रैल 2017 में मामले को एकल पीठ से स्थानांतरित करके आयोग की पूर्ण पीठ को सुनवाई के लिए भेज दिया है। इससे कन्नौज अपहरण कांड के अभियुक्तों की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। कन्नौज अपहरण कांड में लगभग 800 लोगों पर सैकड़ों लोगों का अपहरण करने का आरोप है। मानवाधिकार आयोग की वेबसाइट www.nhrc.nic.in पर भरत गांधी की केस संख्या 40582/24/48/2013 द्वारा आयोग के नवीनतम आदेश 19.04.2017 को देखा जा सकता है।
सलाखों के पीछे जाएंगे कन्नौज अपहरण कांड के आरोपी
भरत गांधी ने जानकारी देते हुए बताया कि सांसद डिंपल यादव के उपचुनाव के दौरान तत्कालीन प्रशासन के सहयोग से एक सुनियोजित अपहरण कांड को अंजाम दिया गया है। वह 2012 से इसकी लड़ाई लड़ रहे हैं और उनका मकसद इस कांड के आरोपियों को सलाखों के पीछे भेजना है।