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नोएडा अस्पताल में आयकर विभाग का सर्च, भारी मात्रा में नगदी व कमाई छिपाने के मिले सबूत

नियो अस्पताल के दो संचालकों राजीव मोतियानी व गुलाब गुप्ता के आवास,क्लीनिक व अस्पताल में आयकर विभाग का सर्च 18 घंटे के बाद पूरा हो गया।सर्च के दौरान भारी मात्रा में नगदी व आय से अधिक संपत्ति के दस्तावेज जब्त किए गए। यह वही काला धन है जिसे नोटबंदी के दौरान खपाया गया।

Anoop Ojha
Published on: 18 Jan 2019 6:20 PM IST
नोएडा अस्पताल में आयकर विभाग का सर्च, भारी मात्रा में नगदी व कमाई छिपाने के मिले सबूत
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नोएडा: नियो अस्पताल के दो संचालकों राजीव मोतियानी व गुलाब गुप्ता के आवास,क्लीनिक व अस्पताल में आयकर विभाग का सर्च 18 घंटे के बाद पूरा हो गया।सर्च के दौरान भारी मात्रा में नगदी व आय से अधिक संपत्ति के दस्तावेज जब्त किए गए। यह वही काला धन है जिसे नोटबंदी के दौरान खपाया गया। इस आपरेशन में चिकित्सकों द्वारा कमाई छिपाने,कालाधन बनाने व टेक्स चोरी के मिले दस्तावेजों व सबूतों को खंगाला जा रहा है। इस प्रक्रिया में लंबा समय लग सकता है। यह सर्च गुरुवार सुबह आठ बजे शुरू किया गया था।

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भारी मात्रा में पाई गई अनिमितता

नोटबंदी से पहले और अब तक दोनों ही चिकित्सकों के यहा नगद का खेल चलता था। नगद देने के बाद ही मरीजों का पर्चा बनाया जाता था। ई-ट्रांजेक्शन के जरिए कोई लेन देन की प्रक्रिया नहीं थी। मरीजों की संख्या को रिकार्ड में कम दिखाया गया। सर्च के दौरान यह अनिमितता सामने आ गई। भारी मात्रा में नगदी व आय से अधिक संपत्ति के दस्तावेज आयकर विभाग को मिले है। जिसके तथ्य दोनों ही निदेशक नहीं दे सके। इन सभी दस्तावेजों को जब्त कर लिया गया है। इनकी जांच की जा रही है।

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नियो सिर्फ ब्रांड दो फर्म में गड़बड़ी मिलने पर सर्च

आयकर विभाग को संकेत मिले थे कि इन दोनों चिकित्सको द्वारा टेक्स चोरी व काला धन खपाया गया है। इसमे अस्पताल का कोई अहम रोल नहीं था। नियो सिर्फ एक ब्रांड है। जबकि काला धन खपाने का कार्य मुस्कान मेडिकल फर्म व नियो फार्मेसी के नाम पर किया गया। यह दोनों इसके संचालन है। इसके अलावा दो अन्य चिकित्सक इस फर्म के संचालक है। इन दोनों का इन फर्म में 25-25 प्रतिशत की साझेदारी है। इसके अलावा डेंटल केयर एंड ट्रामा सेंटर व न्यू वीजन फर्स्ट कम सेंटर ने यहा स्थान ले रखा है।

दो महीने की सीसीटीवी फुटेज जब्त

दोनों ही चिकत्सको ने जो रिकार्ड बनाया था। उसमे मरीजों की संख्या को कम दिखाया गया था। ऐसे में इन्होंने काली कमाई को छिपाने का प्रयास किया। सर्च के दौरान दो महीने की सीसीटीवी फुटेज की पड़ताल की गई। इस फुटेज को जब्त कर लिया गया है। जिसमे मरीजों का संख्या का आकलन किया गया। यह आकलन रिकार्ड से कहीं ज्यादा मिले। उसके साथ ही भारी मात्रा में नगदी जब्त की गई। जिसका प्रमाण चिकित्सक नहीं दे सके।

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दस दिन बाद खोले जाएंगे लॉकर

सर्च के दौरान डाक्टर गुलाब गुप्ता का एक लॉकर व राजीव मोतियानी के दो लाकर मिले है। इन लॉकरों को सीज कर दिया गया है। कागजी प्रक्रिया पूरी होने के बाद करीब एक सप्ताह या दस दिन के बाद इन लॉकरों को खोला जाएगा। हालांकि अब तक जिस तरह के दस्तावेज मिले है उससे जाहिर है लाकरों के खुलने के बाद काफी अहम सबूत मिलेंगे। यह जांच प्रक्रिया में काफी सहायक होंगे।

गुरुवार मध्यरात्रि तक चला सर्च

जानकारी के मुताबिक गुरुवार सुबह आठ बजे शहर में चार स्थानों व मयूरविहार फेज-1 में कुल पांच टीमों ने छापामारा था। यह सर्च गुरुवार देररात करीब साढ़े 12 बजे पूरा हुआ। हालांकि पूछताछ का सिलसिला आगे जारी रहेगा। सूत्रों की माने तो जिस अंदेशा से विभाग य कार्यवाही की गई उसमे पूर्णता सफलता मिली है।

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Anoop Ojha

Anoop Ojha

Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

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