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IT Raid in Prayagraj: तकनीकी अधिकारी सभाजीत वर्मा के घर-दफ्तर पर आयकर छापा, आबकारी मुख्यालय में हड़कंप

IT Raid in Prayagraj : प्रयागराज आबकारी मुख्यालय से सोमवार (29 मई) को बड़ी खबर आई। तकनीकी अधिकारी सभाजीत वर्मा के ठिकानों पर आयकर विभाग ने छापा मारा। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने सभाजीत वर्मा के घर और दफ्तर में रेड मारा।

Aman Kumar Singh
Published on: 30 May 2023 12:07 AM IST (Updated on: 30 May 2023 12:18 AM IST)
IT Raid in Prayagraj: तकनीकी अधिकारी सभाजीत वर्मा के घर-दफ्तर पर आयकर छापा, आबकारी मुख्यालय में हड़कंप
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प्रतीकात्मक चित्र (Social Media)

IT Raid in Prayagraj : प्रयागराज आबकारी मुख्यालय से सोमवार (29 मई) को बड़ी खबर आई। तकनीकी अधिकारी सभाजीत वर्मा के ठिकानों पर आयकर विभाग ने छापा मारा। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने सभाजीत वर्मा के घर और दफ्तर में रेड मारा। प्रयागराज स्थित आबकारी मुख्यालय में एकाएक आईटी टीम के पहुंचने से हड़कंप मच गया। आयकर विभाग की छापेमारी के दौरान कार्यालय में बाहरी लोगों के आने-जाने पर रोक लगा दी गई। इस दौरान सभाजीत वर्मा को उनके चेंबर में डिटेन किया गया।

जानकारी के अनुसार, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की टीम लगातार फाइलें खंगाल रही है। आयकर विभाग ने पंकज वर्मा नाम के व्यक्ति की शिकायत पर ये कार्रवाई की है। ज्ञात हो कि, सभाजीत वर्मा को ACS संजय भूसरेड्डी और कमिश्नर सेंथिल पांडियन का करीबी माना जाता है।

आय से अधिक संपत्ति के आरोप

आपको बता दें, आबकारी विभाग (Excise Department) के तकनीकी अधिकारी के खिलाफ जांच जारी थी। सभाजीत वर्मा पर आय से अधिक संपत्ति के आरोप लगने के बाद जांच शुरू हुई। लोकायुक्त संगठन ने नोटिस जारी कर इस संबंध में ब्यौरा भी मांगा था। अधिकारी उनकी सभी चल-अचल संपत्तियों का ब्यौरा जुटा रहे थे। आबकारी विभाग के तकनीकी अधिकारी सभाजीत वर्मा पर आय से अधिक संपत्ति की शिकायत मिलने के बाद ये कार्रवाई हुई है।

...तो दामाद ही हैं शिकायतकर्ता !

आबकारी मुख्यालय में तैनात तकनीकी अधिकारी के खिलाफ उनके दामाद ने ही आय से अधिक संपत्ति की शिकायत लोकायुक्त के पास की है। शिकायत पर तकनीकी अधिकारी के खिलाफ जांच शुरू कर दी गई थी। शिकायत में अधिकारी सभाजीत वर्मापर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। उनकी संपत्ति 6 करोड़ रुपए से अधिक बताई गई है। हालांकि, सभाजीत की मानें तो उनके दामाद लगातार दहेज की मांग कर रहे थे। जिसके खिलाफ 5 साल से केस चल रहा है। लखनऊ सत्र न्यायालय (Lucknow Sessions Court) और हाईकोर्ट से राहत न मिलने के कारण उन्होंने ये शिकायत दर्ज की थी।



Aman Kumar Singh

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