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Independence Day 2021: यूपी के 4 पुलिसकर्मी को राष्ट्रपति पदक और 9 को वीरता पुरस्कार

स्वतंत्रता दिवस पर सरकार ने 1380 पुलिसकर्मियों की बहादुरी के लिए पदक प्रदान करने का फैसला किया है।

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Newstrack NetworkPublished By Raghvendra Prasad Mishra
Published on: 14 Aug 2021 7:47 PM IST
President Medal
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राष्ट्रपति पदक की सांकेतिक तस्वीर (फोटो साभार-सोशल मीडिया)

Independence Day 2021: देश आजादी का 75वां साल मना रहा है, स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लाल किले से देश को संबोधित करेंगे। उससे पहले सरकार ने 1380 पुलिसकर्मियों की बहादुरी के लिए पदक प्रदान करने का फैसला किया है। जिसमें 628 पुलिसवालों को वीरता के लिए राष्ट्रपति पदक से नवाजा जाएगा। जबकि 662 जवानों को वीरता पुरस्कार दिया जाएगा। यूपी के जिन अफसरों को राष्ट्रपति पदक मिला है उनमें नोएडा के पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह, सीबीसीआईडी की एसपी गीता सिंह, देवरिया के सब इंस्पेक्टर वाजिद अली खान, प्लाटून कमांडर जगत नारायण मिश्रा का नाम शामिल है। वहीं, प्रदेश के 73 पुलिस कर्मियों को उत्कृष्ट सेवाओं के लिए पदक दिया जाएगा।

वीरता पुरस्कार पाने वाले यूपी के पुलिसकर्मियों के नाम

आईपीएस अजय कुमार साहनी, (इस वक्त जौनपुर के एसपी हैं)।

आईपीएस बिजेन्द्र पाल राना।

आईपीएस अक्षय शर्मा।

आईपीएस भूपेंद्र कुमार शर्मा।

आईपीएस सुनील नागर।

आईपीएस तस्लीम खान।

आईपीएस प्रमेश कुमार शुक्ला।

आईपीएस पंकज मिश्रा।

आईपीएस शैलेंद्र कुमार।

वहीं पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) कमेंडेशन डिस्क की घोषणा कर दी गई है। इसमें 42 प्लेटिनम,114 गोल्ड, 277 सिल्वर डिस्क की घोषणा की गई है। जिसमें डीजी चंद्रप्रकाश, एडीजी बीके मौर्या को प्लेटिनम डिस्क, जबकि एसपी बलरामपुर हेमंत कुटियाल को प्लेटिनम डिस्क, एएसपी एटीएस राहुल श्रीवास्तव को प्लेटिनम डिस्क, एसीपी स्वतंत्र सिंह को भी प्लेटिनम कमेंडेशन डिस्क, लखनऊ रेंज की आईजी लक्ष्मी सिंह और डीआईजी जे रविंद्र गौड़ को गोल्ड डिस्क के लिए नामित किया गया है। जबकि इंस्पेक्टर आलोक पाठक को गोल्ड कमेंडेशन डिस्क, आईजी एटीएस जीके गोस्वामी को सिल्वर कमेंडेशन डिस्क, एडीजी भानु भास्कर को सिल्वर कमेंडेशन डिस्क, जेसीपी एलओ लखनऊ पीयूष मोरडिया को सिल्वर डिस्क से नवाजा जाएगा।

दिल्ली के 6 पुलिसकर्मियों को बहादुरी पदक

जिन 1380 पुलिसकर्मियों का नाम बहादुरी पदक के लिए नामित किया गया है उनमें 6 दिल्ली पुलिस के जवान शामिल हैं। दिल्ली दंगों में शहीद हुए रतन लाल को बहादुरी पदक मिलेगा। घायल अमित शर्मा, अनुज कुमार को भी इस सम्मान से नवाजा जाएगा।

ITBP के 23 जवान होंगे सम्मानित

बता दें विशिष्‍ट सेवा के लिए 88 कर्मियों को राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित किया जाएगा, जबकि 662 पुलिसकर्मियों को सराहनीय सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक दिया जाएगा। जम्मू कश्मीर पुलिस के 256 कर्मियों को भी इस साल वीरता पुरस्कार से नवाजा जाएगा। भारत-तिब्‍बत सीमा पुलिस (ITBP) के 23 जवान भी देश की आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर वीरता के लिए पुलिस पदक से सम्मानित होंगे। इनमें से 20 आईटीबीपी के ऐसे जवान हैं, जिन्‍होंने मई-जून 2020 में पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ हुई झड़प में अदम्य साहस व वीरता का परिचय दिया था।

लखनऊ: उत्कृष्ट सेवा पदक से नवाजे जाएंगे उमेश त्यागी


आतंक का पर्याय बने खूंखार अपराधियों को एनकाउंटर में मार गिराने वाले उत्तर प्रदेश के बरेली परिक्षेत्र के आईजी रमित शर्मा के कार्यालय में तैनात उमेश त्यागी को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर गृह मंत्रालय भारत सरकार के उत्कृष्ट सेवा पदक से नवाजा जायेगा। उमेश त्यागी को गृह मंत्रालय, भारत सरकार के उत्कृष्ट सेवा पदक के लिए 2019 में चयनित किया गया था। उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी, रामपुर, बरेली आदि जनपदों में अपराधियों के लिए यमराज बने उमेश त्यागी ने एक दो नहीं, बल्कि 13 एनकाउंटर किये हैं।

उत्तर प्रदेश से लेकर उत्तराखंड तक उमेश त्यागी ने कई खूंखार अपराधियों को एनकाउंटर में मार गिराया है। टीम उमेश त्यागी ने उत्तराखंड की सरोवर नगरी नैनीताल के कुख्यात प्रकाश पांडेय गैंग का सफाया करने के साथ ही रामपुर में बाबा हरि गिरि का एनकाउंटर किया। इसी के साथ नरेशा धीमर और सर्वेशा धीमर जैसे इनामी अपराधियों को ढेर किया। नरेशा धीमर एक लाख का इनामी अपराधी था, जिसको कई जिलों की पुलिस सरगर्मी से ढूंढ रही थी। उसे भी टीम उमेश त्यागी ने मार गिराया था। गृह मंत्रालय भारत सरकार की ओर से उत्कृष्ट सेवा पदक के लिए उमेश त्यागी का चयन करने पर पुलिस विभाग से जुड़े तमाम वर्दी वालों ने उमेश त्यागी को बधाइयां दी हैं।

नोएडा: पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह, आतंकियों से लेकर नक्सलियों तक खाते हैं खौफ


उत्तर प्रदेश कैडर वर्ष 1995 बैच के पुलिस अधिकारियों में शुमार गौतमबुद्धनगर के प्रथम पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह को स्वतंत्रता दिवस 2021 के अवसर पर पुलिस विभाग में विशिष्ट सेवाओं के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक से अलंकृत किया जा रहा है।

जनपद अलीगढ़ के मूल निवासी आलोक सिंह की बतौर एएसपी पहली तैनाती सहारनपुर में हुई थी जहां पर सरसावा में आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान उन्होंने आतंकियों को पकड़ा था। उस मुठभेड़ में एक निरीक्षक गोली लगने से घायल हो गये थे। इसके अलावा सोनभद्र जिले में नक्सल क्षेत्रों में असाधारण क्षमता व साहस का परिचय देते हुए 3 नक्सलियों को मार गिराया था। पीएसी के जवानों से लूटी हुई राइफल भी बरामद की गयी थी। एसएसपी कानपुर रहते हुये आतंक का पर्याय बन चुके बावरिया गैंग का सफाया किया।

बाराबंकी में तैनाती के दौरान नशे का कारोबार करने वाले ड्रग्स माफियाओं पर नकेल कसी। मेरठ में तैनाती के दौरान 3 मर्डर के आरोपी हाजी इजलाल की करोड़ों की सम्पत्ति कुर्क की गयी। वर्ष 2019 में अयोध्या जैसे संवेदनशील मुद्दे के मामले में फैसला आने के समय मेरठ में आईजी रहते हुए उन्होंने दोनों पक्षों में सामंजस्य बनाये रखते हुए शांति व्यवस्था कायम रखने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी। इन्हीं साहसी कार्यों के लिये आलोक सिंह पुलिस कमिश्नर गौतमबुद्धनगर को राष्ट्रपति द्वारा द्बारा वीरता पदक से सम्मानित किया जा चुका है।

यहां पर दी अपनी सेवाएं

आलोक सिह कौशाम्बी, बागपत, बस्ती, सोनभद्र, रायबरेली, सीतापुर, उन्नाव, बिजनौर, कानपुर, मेरठ के कप्तान रह चुके हैं। इसके अलावा वह लखनऊ में सहायक पुलिस अधीक्षक होते हुए सीओ अलीगंज रहे थे तथा पीएसी की 32वीं बटालियन व 35वीं बटालियन में वह सेनानायक भी रहे हैं।

कोरोना में निभाई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी

कोरोना की पहली लहर में लोगों को कोरोना के प्रति जागरूक करने के साथ प्रवासी व सैकड़ों पलायन करने वाले लोगों को गंतव्य पहुंचवाया था। डायल-112 के जरिए लोगों की मदद की। दूसरी लहर में लोगों को ऑक्सीजन सिलेंडर मुहैया करना। लॉ एंड आर्डर की स्थिति को कायम रखना। पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह ने कोरोना वारियर्स पुलिसकर्मियों व उनके परिवार के लिए विशेष टीकाकरण कैम्प व कोविड अस्पताल की भी व्यवस्था की, जिसके परिणामस्वरूप कोविड फ्रंटलाइन वारियर्स पुलिसकर्मियों का समय से वैक्सीनेशन हुआ व पुलिस परिवार कोरोना महामारी की चपेट में आने से बच गया, उन्होंने पुलिस बल का मनोबल बढ़ाने के लिए डयूटी पर कार्यरत पुलिसकर्मियों के लिए भोजन, मास्क, सेनेटाइजर व फेस शील्ड आदि की व्यवस्था की तथा समय समय पर पुलिसकर्मियों के लिए कोविड टेस्टिंग कैंप का भी आयोजन कराया।

मिल चुके हैं इतने पदक

आलोक सिह कानपुर व मेरठ रेंज के आईजी भी रह चुके है। उन्हें 26 जनवरी, 2021 को गृहमंत्री का उत्कृष्ट सेवा पदक। वर्ष 2017 में डीजीपी सिल्वर डिस्क। वर्ष 2019 में गोल्ड डिस्क। वर्ष 2021 में प्लेटिनम डिस्क से भी सम्मानित किया जा चुका है। आलोक सिंह द्वारा इटली और कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में पुलिस ट्रेनिंग भी ली गई है। एयर इंडिया में वर्ष 2014 से वर्ष 2017 तक सुरक्षा निदेशक भी रह चुके हैं।

बिजनौर: इंस्पेक्टर होंगे टॉप अवार्ड से सम्मनित


स्वतंत्रता दिवस पर अच्छा काम करने वाले पुलिस कर्मियों, दरोगाओं, थाना प्रभारियों और बड़े बड़े अफसरों को किसी न किसी पुलिस अवार्ड से हर साल नवाजा जाता है। इस साल 15 अगस्त को एक ऐसे पुलिस इंस्पेक्टर को गृह मंत्रालय ने बेस्ट पुलिस विवेचक अवार्ड के लिए चुना है जिसने एक ब्लाइंड मर्डर के आरोपी को एक बाल के सहारे न सिर्फ सलाखों तक पहुंचाया बल्कि उस दरिंदे को कानून से फांसी की सजा दिलाकर वर्दी का फर्ज निभाया। जी हां, बात कर रहे है थाना शहर कोतवाली बिजनौर में तैनात प्रभारी निरीक्षक राधेश्याम की। राधेश्याम का नाम साल 2020-21 में यूपी की बेस्ट 8 विवेचनाओं में प्रथम स्थान मिला है।

15 अगस्त पर इंस्पेक्टर कोतवाली शहर राधेश्याम को बेस्ट इन्वेस्टिगेशन मेडल अवार्ड से नवाजा जाएगा। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने यूपी पुलिस को भेजा बेस्ट इन्वेस्टिगेशन मेडल अवार्ड। साल 2019 में रामपुर जिले में मासूम के अपहरण दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले में बिजनौर कोतवाली शहर में तैनात इंस्पेक्टर राधेश्याम ने विवेचना की थी। इंस्पेक्टर ने विवेचना कर आरोपी को फांसी की सजा दिलाई थी। बिजनौर पुलिस लाइन्स में परेड के दौरान मिलेगा बेस्ट विवेचना मेडल अवार्ड व पुलिस सराहनीय अवार्ड।

गृह मंत्रालय भारत सरकार द्वारा राधेश्याम को बेस्ट विवेचक मेडल के लिए चुना गया है। जोकि कल 15 अगस्त को एसपी द्वारा पुलिस लाइन में परेड के दौरान दिया जाएगा। दरअसल साल 2019 को रामपुर जिले के सिविल लाइन इलाके के कांशीराम कालोनी के रहने वाले शरीफ पुत्र मुन्ना ने 8 मई, 2019 को अपनी 6 साल के मासूम बच्ची की गुमशुदगी दर्ज कराई थी। पुलिस ने मासूम की काफी तलाश की, लेकिन कई दिनों तक मासूम का कुछ पता नहीं चला। फिर मासूम बच्ची के अपहरण का मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने जांच टीम बनाई और शक के आधार पर कई युवकों को उठाकर पूछताछ की लेकिन कोई सुराग नहीं मिला।

फिर ये जांच यूपी पुलिस इंस्पेक्टर राधेश्याम को सौंपी गई। विवेचक इंस्पेक्टर राधेश्याम ने शक के आधार पर वहीं के रहने वाले नाजिल को गिरफ्तार कर पूछताछ की तो नाजिल ने जो खुलासा किया वो बेहद ही चौंकाने वाला था। नाजिल की निशानदेही पर मासूम बच्ची का सड़ा गला शव बरामद किया गया।



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Raghvendra Prasad Mishra

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