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स्वतंत्रता दिवस पर मायावती के इस रिकार्ड को आज तक कोई नहीं तोड़ सका

स्वतंत्रता दिवस का पर्व हर वर्ष स्कूल कॉलेज से लेकर सरकारी दफ्तरों तक में धूमधाम से मनाया जाता है।

Shreedhar Agnihotri
Written By Shreedhar AgnihotriPublished By Divyanshu Rao
Published on: 14 Aug 2021 10:16 AM GMT (Updated on: 15 Aug 2021 2:42 PM GMT)
Lucknow
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मायावती और उत्तर प्रदेश विधान भवन की तस्वीर (डिजाइन फोटो:न्यूज़ट्रैक)

लखनऊ: स्वतंत्रता दिवस का पर्व हर वर्ष स्कूल कॉलेज से लेकर सरकारी दफ्तरों तक में धूमधाम से मनाया जाता है। देश में आजादी की वर्षगांठ पर प्रधानमंत्री की तरफ से लाल किले के प्राचीर से देश को सम्बोधित करने की परम्परा रही है। कुछ ऐसी ही परम्परा देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश में भी वर्षो से चली आ रही है।

जिसमें प्रदेश के मुख्यमंत्री विधानभवन में झंडारोहण कर प्रदेश की जनता को सम्बोधित करते हैं। अब जब देश अपनी 75 वीं वर्षगांठ मना रहा है। तो इसके पूर्व के वर्षो की तरह इस बार भी प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 15 अगस्त को स्वाधीनता दिवस पर पांचवी बार झंडारोहण करेंगे।

इन मुख्यमंत्रियों ने पांच बार विधानभवन के बाहर झंडारोहण किया

लोकतांत्रिक परम्पराओं के अनुसार स्वतंत्रता के बाद देश में सरकारें आती और जाती रही हैं। जिसके कारण प्रदेश के मुख्यमंत्री भी बदलते रहे हैं। इन मुख्यमंत्रियों में कम ही ऐसे मुख्यमंत्री हुए हैं। जिन्हें विधानभवन के बाहर होने वाले आयोजन में कई बार झंडारोहण करने का अवसर मिला है। इन मुख्यमंत्रियों में गोबिन्द वल्लभ पंत, एनडी तिवारी, कल्याण सिंह, अखिलेश यादव को पांच बार यह अवसर मिला है। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी पांचवी बार यह अवसर मिलने जा रहा है।

इनके अलावा सुचेता कृपालानी तीन बार, कमलापति त्रिपाठी दो बार, हेमवती नंदन बहुगुणा दो बार, रामनरेश यादव दो बार, विश्वनाथ प्रताप सिंह दो बार, श्रीपति मिश्र दो बार, वीर बहादुर सिंह दो बार, बनारसी दास ,चरण सिंह दो बार, रामप्रकाश गुप्ता तथा राजनाथ सिंह को एक एक बार यह अवसर मिला है।

सम्पूर्णानंन्द को यह अवसर छह बार मिला

जबकि सम्पूर्णानंन्द को यह अवसर छह बार मिला है। इनके अलावा मुलायम सिंह को पांच बार तथा चंद्रभानु गुप्ता तथा कल्याण सिंह को चार- चार बार यह अवसर मिला है।

बीएसपी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने नौ बार विधानभवन के बाहर झंडारोहण किया

प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ही एक ऐसी मुख्यमंत्री रही हैं। जिन्होंने विधानभवन के बाहर प्रदेश की जनता की तरफ से नौ बार यह तिंरगा फहराया है। पहली बार मायावती को अवसर तब मिला जब प्रदेश में भाजपा के समर्थन से तीन जून 1995 को पहली बार प्रदेश में बसपा की सरकार बनने पर पहली बार उन्हें यह अवसर मिला।

हांलाकि उनकी यह सरकार चार महीने ही चल सकी पर उन्हें 15 अगस्त को झंडा फहराने का मौका मिला। इसके बाद जब मायावती दोबारा 21 मार्च 1997 को प्रदेश की मुख्यमंत्री बनी तो उन्हें फिर यह सुअवसर मिल गया। हांलाकि यह सरकार भी 21 सितम्बर 1997 को गिर गयी। साझा सरकारों के चल रहे इस दौर में मायावती तीसरी बार तीन मई 2002 को फिर से प्रदेश की मुख्यमंत्री बनी तो उनको अपने इस कार्यकाल में दो बार यह झंडारोहण करने का अवसर मिला।

मायावती की तस्वीर (फोटो:सोशल मीडिया)

29 अगस्त 2003 को भाजपा के समर्थन वापसी के कारण उनकी यह सरकार फिर चली गयी। इसके बाद एक बार 2007 एक बार फिर जब प्रदेश में बसपा की पहली बार पूर्ण बहुमत की सरकार का गठन 13 मई 2007 को हुआ तो मायावती ने लगातार पांच बार विधानभवन के बाहर तिंरगा फहराया और उत्तर प्रदेश के इतिहास में सबसे अधिक यानी नौ बार तिरंगा फहराने वाली पहली मुख्यमंत्री बनी।

Divyanshu Rao

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