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जगमगाएगा इंडिया, बंधी उम्मीद कि पूरे देश में बिजली की दरें होंगी एक

बिजली खरीद पर देश के अन्य राज्यों की दरों में लगातार अंतर के कम होते जाने से ये उम्मीद बंधनी शुरू हो गई है कि ये अब पूरे देश में एक होगी।

tiwarishalini
Published on: 10 Jun 2017 8:20 AM GMT
जगमगाएगा इंडिया, बंधी उम्मीद कि पूरे देश में बिजली की दरें होंगी एक
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जगमगाएगा इंडिया, बंधी उम्मीद कि पूरे देश में बिजली की दरें होंगी एक जगमगाएगा इंडिया, बंधी उम्मीद कि पूरे देश में बिजली की दरें होंगी एक

लखनऊ: बिजली खरीद पर देश के अन्य राज्यों की दरों में लगातार अंतर के कम होते जाने से ये उम्मीद बंधनी शुरू हो गई है कि ये अब पूरे देश में एक होगी। केंद्र सरकार की योजना आगामी 2022 तक पूरे देश में 24 घंटे बिजली देने की है और यदि पूरे देश में इसकी दरें एक हो जाएं तो सोने में सुहागा होगा।

देश में राज्यों के पावर काॅरपोरेशन लंबे घाटे में चल रहे हैं। यूपी जैसे राज्य में तो पावर काॅरपोरेशन का घाटा एक लाख करोड़ रुपए से भी ज्यादा है। लेकिन पिछले दो तीन दिनों में जो रूझान मिले हैं उसके अनुसार दो रुपए 40 पैसे से तीन रुपए 25 पैसे की दर पर राज्यों की कंपनियों को बिजली बेची गई। देश में औसतन दो रुपए 61 पैसे पर बिजली बेची जाती है। ये अंतर पिछले सालों में काफी ज्यादा था।

पिछले गुरूवार (8 जून) को उत्तर प्रदेश को तीन रुपए 25 पैसे की दर से बिजली दी गई जबकि उसके एक दिन पहले ये दर तीन रुपए 02 पैसे थी। पड़ोसी राज्य बिहार ने भी इसी दर से बिजली खरीदी।

ये माना जा रहा है कि आने वाले दो-तीन साल में पूरे देश में राज्यों को समान दर से बिजली दी जाएगी। यदि केंद्र सरकार या एनटीपीसी से समान दर से बिजली मिलेगी तो उपभोक्ताओं के लिए भी पूरे देश में बिजली की दर एक ही हो सकती है। हालांकि, उपभोक्ताओं को तात्कालीक फायदा नहीं होगा लेकिन ये माना जा रहा है कि आने वाले एक दो साल में उनके लिए भी बिजली की दरें कम हो जाएंगी।

नए-नए बिजली संयंत्रों के बनने और सोलर एनर्जी के निर्माण पर केंद्र के पूरे जोर के कारण बिजली का उत्पादन लगातार बढ़ रहा है। दो साल पहले बिजली के निर्माण और आपूर्ति में 14 हजार मेगावाट का अंतर था। जो पिछले मई तक अब घटकर 2000 मेगावाट पर आ गया है। इससे राज्यों का घाटा भी कम होगा और उपभोक्ताओं को बिजली भी कम कीमत पर मिल सकेगी।

केंद्र सरकार ने बिजली की हालत में सुधार के लिए दो साल पहले उदय योजना शुरू की थी। इसमें देश के 26 राज्यों ने केंद्र के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए। बिहार इस मामले में पहला राज्य बना था। मणिपुर, त्रिपुरा और केरल ने पिछले मार्च में इस योजना से जुड़ने के लिए हस्ताक्षर किए।

योजना के तहत राज्यों के बिजली बोर्ड बांड जारी करेंगे। जिससे उन पर कर्ज का बोझ कम होगा। बिहार इस योजना में सबसे पहले आगे आया और उसने सबसे पहले हस्ताक्षर किए। बांड जारी करने के पहले केंद्र सरकार से मंजूरी आवश्यक रखी गई है।

बांड की शर्तों के अनुसार, राज्य सरकार गारंटी देगी। बांड पर मिलने वाले ब्याज से राज्यों के बिजली बोर्ड अपने घाटे को कम करेंगे। यदि किसी राज्य के बिजली बोर्ड पर कम लोन है तो बांड के ब्याज से उसके फायदे में आने की उम्मीद भी है।

इसके अलावा बिजली की स्थिति में सुधार के लिए और भी कदम उठाए गए हैं। सबसे जरूरी कदम लाइन लॉस को कम करने का है। पूरी दुनिया में बिजली की लाइन लॉस यदि 8 प्रतिशत है तो भारत में ये 22 प्रतिशत से भी ज्यादा है। कुछ देशों में लाइन लॉस तीन से चार प्रतिशत है। हालांकि, इसमें समय लगेगा लेकिन केंद्र और राज्यों की सरकरों ने लाइन लॉस कम करने के प्रयास शुरू कर दिए हैं।

tiwarishalini

tiwarishalini

Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

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