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आरक्षण की मांग कर रहे सवर्ण स्वाभिमान समिति ने लहराया उल्टा तिरंगा
कानपुर: रविवार को 20 प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर सवर्ण स्वाभिमान समिति के पदाधिकारियों ने जुलूस निकाला। जुलूस के दौरान वह भूल गए कि तिरंगे के रंगों का क्रम क्या होता है और सैंकड़ों की संख्या में शामिल कार्यकर्ताओं का भी ध्यान तिरंगे के अपमान पर नहीं गया। तिरंगे में हरे रंग की पट्टी ऊपर और केसरिया रंग की पट्टी नीचे लहराते हुए सब आगे बढ़ते चले गए, जब मीडिया के कैमरे ने तिरंगे पर फोकस किया तो फौरन तिरंगे को सीधा किया गया।
क्या है मामला ?
-कानपुर में अकबरपुर से सवर्ण स्वाभिमान समिति के पदाधिकारियों ने जुलूस निकाला।
-20 प्रतिशत आरक्षण की मांग कर रहे पदाधिकारी बीजेपी सांसद देवेन्द्र सिंह भोले को पीएम मोदी के लिए ज्ञापन सौंपनें जा रहे थे।
-सैंकड़ों की संख्या में आरक्षण की मांग कर रहे बाइकों पर सवार कार्यकर्ता तिरंगे को लहराते हुए नारे लगा रहे थे।
-उसमें से एक कार्यकर्ता तिरंगे को उल्टा लगाकर जुलूस यात्रा में शामिल था।
-हालांकि मीडिया की नजर पड़ते ही भूल सुधार ली गई और तिरंगे को सीधा किया गया।
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क्या कहना है सवर्ण स्वाभिमान समिति के संयोजक का
-जुलूस मे शामिल सवर्ण स्वाभिमान समिति के संयोजक ज्ञानेश मिश्रा कानपुर के बड़े व्यापारी नेता हैं।
-ज्ञानेश ने बताया कि तिरंगे को भूल से किसी ने उल्टा लगा दिया था।
-जानकारी मिली तो फौरन तिरंगे को सीधा कर दिया गया था।
-उन्होंने बताया कि ब्राह्मण, वैश्य, क्षत्रिय, जैन, सिन्धी यह सवर्णों की सूची में आते हैं।
-लेकिन, जमीनी हकीकत यह है कि इनमें से 90 प्रतिशत लोग दिन प्रतिदिन गरीबी की तरफ बढ़ते जा रहे हैं।
-1950 में देश का संविधान बनते समय आर्थिक रूप से कमजोर मानते हुए एससी और एसटी को आरक्षण दिया गया था।
-1990 में मंडल कमीशन की सिफारिश को लागू करते हुए पिछड़े वर्ग को आरक्षण दिया गया था।
-वर्तमान समय में देश में सवर्ण समुदाय में 90 प्रतिशत गरीब और अति गरीब लोग हैं।
-जिन्हें उच्चशिक्षा और नौकरी में आरक्षण न मिल पाने से वह निराश और आक्रोशित हैं।
क्या हैं मांगें
-सवर्ण स्वाभिमान समिति की मांग है कि सवर्णों के आरक्षण के आर्थिक आधार की सीमा 03 लाख रूपए वार्षिक आय हो।
-देश में सवर्णों को उच्चशिक्षा और सरकारी नौकरियों में आर्थिक आधार पर 20 प्रतिशत आरक्षण दिया जाए।
-ज्ञानेश मिश्रा ने कहा कि अगर मांगें पूरी नहीं हुई तो वह बड़ा आंदोलन करेंगे।