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अपने ही देश में इस जगह जाने की इजाजत नहीं हैं भारतीय पुरुषों को

एक बात और शायद आप लोगों को नहीं पता होगी कि कसोल सेक्स पर्यटन के लिए भी मशहूर है। और इसे पटाया बीच के बाद सबसे खूबसूरत जगह माना जाता है। तमाम विदेशी यहां पर सेक्स पर्यटन और ड्रग्स का हैवेन मानकर आते हैं। यहां बहुत उम्दा किस्म का गांजा मिलता है।

राम केवी
Published on: 10 Feb 2020 3:41 PM IST
अपने ही देश में इस जगह जाने की इजाजत नहीं हैं भारतीय पुरुषों को
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अपने ही देश में इस जगह जाने की इजाजत नहीं हैं भारतीय पुरुषों को। हिमालय की खूबसूरत वादियों से घिरी यह जगह हिमाचल प्रदेश में है। कसोल कुल्लू जिले का सुदूरवर्ती एक छोटा सा इलाका है जहां बहुत कम संख्या में आबादी है। कसोल में पार्वती नदी के किनारे रहस्य का आवरण लपेटे पार्वती घाटी है।

कसोल भुंटर से 30 किमी और मणिकर्ण से साढ़े तीन किमी की दूरी पर स्थित है। यदि आप को पिट्ठू बैग टांगकर चढ़ाई करना पसंद है तो यह आपकी पसंदीदा जगह हो सकती है। मलाना और खीरगंगा के पास ट्रैकिंग के लिए बढ़िया जगह है। सबसे बड़ी बात इस जगह को देश के भीतर का मिनी इस्राइल भी कहा जाता है क्योंकि यहां पर इस्राइलियों की भारी भीड़ आपको देखने को मिलती है।

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एक बात और शायद आप लोगों को नहीं पता होगी कि कसोल सेक्स पर्यटन के लिए भी मशहूर है। और इसे पटाया बीच के बाद सबसे खूबसूरत जगह माना जाता है। तमाम विदेशी यहां पर सेक्स पर्यटन और ड्रग्स का हैवेन मानकर आते हैं। यहां बहुत उम्दा किस्म का गांजा मिलता है।

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कसोल

इस गंदी आदत के चलते है नो एंट्री

असल बात भारतीय पुरुषों के लिए यहां नो एंट्री का बोर्ड क्यों है तो उसकी बड़ी वजह है भारतीय पुरुषों की एक गंदी आदत। भारतीय पुरुष चोरी छिपे सेक्स पर बात करना या पोर्न फिल्में देखना पसंद करते हैं लेकिन बाहर खुलापन पसंद नहीं करते। किसी लड़की को अगर कम कपड़ों में देखते हैं तो उनकी नजरें चिपक जाती हैं। वह उनके लिए अजूबा होती है। उनकी नजर उससे हटती ही नहीं। खासकर लड़कियों का खुलापन उन्हें नहीं भाता। ऐसे में झगड़े फसाद की संभावना बढ़ जाती है।

कसोल

बस इसी एक आदत के चलते यहां के स्थानीय निवासियों ने भारतीय पुरुषों का प्रवेश यहां बैन कर रखा है। इसकी खास वजह यह है कि इन लोगों की रोजी रोटी विदेशियों की आमद से चलती है। ऐसे में इन विदेशियों को भारतीय पुरुषों की वजह से दिक्कत होती है तो स्थानीय निवासी उनकी ढाल बन जाते हैं। कुल मिलाकर यहां की अर्थ व्यवस्था पर ज्यादातर इस्राइलियों का नियंत्रण है।



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राम केवी

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