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इंदिरा गांधी को रिहा कराने के लिए विमान हुआ था हाईजैक
इंदिरा गांधी को मंगलवार (31 अक्टूबर) उनकी पुण्यतिथि पर पूरे देश में याद किया जा रहा है और इसके साथ ही याद आती है वो घटना भी जब उनकी गिरफ्तारी को लेकर एक विमान का अपहरण किया गया था। अपहरण करने वाले युवक कांग्रेस के दो नेता थे जिन्हें कांग्रेस ने यूपी विधानसभा चुनाव में टिकट देकर उपकृत किया था।
लखनऊ: इंदिरा गांधी को मंगलवार (31 अक्टूबर) उनकी पुण्यतिथि पर पूरे देश में याद किया जा रहा है और इसके साथ ही याद आती है वो घटना भी जब उनकी गिरफ्तारी को लेकर एक विमान का अपहरण किया गया था। अपहरण करने वाले युवक कांग्रेस के दो नेता थे जिन्हें कांग्रेस ने यूपी विधानसभा चुनाव में टिकट देकर उपकृत किया था।
साल 1978 में एक कथित घोटाले के आरोप में इंदिरा गांधी को गिरफ्तार कर तिहाड़ जेल में रखा गया था। तब केंद्र में मोरारजी देसाई के नेतुत्व में जनता पार्टी की सरकार थी। इंदिरा गांधी को रिहा कराने के नाम पर दो युवकों ने इंडियन एयरलाइन्स के एक विमान को ही हाईजैक कर लिया था। हालांकि, इस हाईजैक को गंभीरता से नहीं लिया गया । न तो केंद्र और राज्य की सरकार ने और न विमान में बैठे 132 पैसेंजर ने ।
इंडियन एयरलाइन्स फ्लाइट हाईजैक
भोलानाथ पांडेय और उसके दोस्त देवेंदर नाथ पांडेय ने इंडियन एयरलाइन्स फ्लाइट IC 410 को 20 दिसंबर 1978 को हाईजैक किया था। उन्होंने इंदिरा गांधी को जेल से छोड़ने की मांग की थी। हाईजैक करने वालों ने संजय गांधी के ऊपर से भी सभी मामलों को हटाने की मांग रखी थी। जिस फ्लाइट को हाईजैक किया गया था, उसमें 132 लोग सवार थे। बोइंग 737 में सवार यात्रियों में इमरजेंसी के वक्त के दो पूर्व मंत्री, एके सेन और धरम बीर सिन्हा भी शामिल थे।
पैसेंजर रहे निश्चिंत
कोलकाता से दिल्ली की फ्लाइट ने शाम में 5:45 बजे लखनऊ एयरपोर्ट से उड़ान भरी थी। फ्लाइट को दिल्ली पहुंचने में 15 मिनट ही रह गए थे, तभी विमान में कुछ हलचल हुई। भोलानाथ पांडेय और देवेंदर नाथ पांडेय सीट से उठकर कॉकपिट के पास पहुंच गए। कॉकपिट में घुसने के बाद उन्होंने कैप्टेन से अनाउंसमेंट कराया कि फ्लाइट को हाईजैक कर लिया गया है और वे दिल्ली की जगह पटना जा रहे हैं। इसके कुछ देर बाद कहा गया कि फ्लाइट वाराणसी जाएगी।
बाद में फ्लाइट कैप्टेन एमएन भट्टीवाला ने इंटरव्यू में कहा था- वह घटना बहुत अजीब थी। वे इडियट थे। पहले उन्होंने नेपाल ले चलने को कहा, फिर बांग्लादेश। वे स्कूल में पढ़ा भूगोल भूल गए थे। हाईजैकर्स ने तभी हिन्दी में भाषण देना शुरू कर दिया और खुद को यूथ कांग्रेस का सदस्य बताया। उन्होंने ये भी कहा कि वे अहिंसा में विश्वास रखते हैं और नुकसान नहीं पहुंचाएंगे। इंदिरा जिंदाबाद और संजय जिंदाबाद के नारे भी लगाए। कई पैसेंजर ने इस पर ताली भी बजाई थी । उसवक्त की मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ज्यादातर पैसेंजर ने हाईजैकिंग को गंभीरता से नहीं लिया। एक ने तो हंसते हुए वाराणसी की जगह नेपाल ले चलने को कहां।
आखिरकार फ्लाइट वाराणसी में लैंड हुई और तब के यूपी के मुख्यमंत्री राम नरेश यादव और हाईजैकर्स के बीच घंटों चली बातचीत के बाद सभी पैसेंजर्स को छोड़ दिया गया। खास बात ये थी कि हाईजैकर्स ने इस पूरी कार्रवाई में खिलौना बंदूक का इस्तेमाल किया था। बाद में भोलानाथ पांडेय और देवेन्द्र नाथ पांडेय ने कहा था कि वह बिल्कुल राजनीतिक विरोध था। बाद में दोनों को कांग्रेस की ओर से टिकट भी दिया गया और वे विधायक बने ।