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UP News: कभी जिनकी यूपी की मुस्लिम राजनीति में बोलती थी तूती, जेल में या बैठे हैं घर में

UP Powerful Muslim Leaders: नगर निगम से लेकर विधानसभा और संसद तक की राजनीति में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के इन मुस्लिम नेताओं की धमक हर बार रही है।

Sushil Kumar
Published on: 28 Oct 2023 6:51 PM IST
UP Powerful Muslim Leaders
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UP Powerful Muslim Leaders: लोकसभा चुनाव नजदीक होने के बावजूद मेरठ समेत पश्चिमी उत्तर प्रदेश की मुस्लिम सियायत के बड़े मुस्लिम चेहरे पिछले कुछ अर्से से सियासी मैदान में नजर नहीं आ रहे हैं। समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता आजम खान अपने परिवार सहित अलग-अलग जेल में बंद हैं। पूर्व मंत्री हाजी याकूब कुरैशी अवैध मीट फैक्टरी संचालन और गैंगस्टर के मामले में सात महीने 26 दिन जेल में रहने के बाद पिछले महीने ही अपने घर पहुंचे हैं। तब से वें किसी भी राजनीतिक कार्यक्रम में नहीं दिख रहे हैं। वहीं शाहिद अखलाक मेरठ से मेयर और सांसद रहे। लेकिन पिछले कुछ सालो से वें सक्रिय राजनीति से कटे हुए हैं। यही हालत मुनकाद अली, डॉ. युसूफ कुरैशी, शाहिद मंजूर आदि मुसलमानों के बड़े कहे जाने वाले नेताओं की है।

यह हाल तो तब है जब कि नगर निगम से लेकर विधानसभा और संसद तक की राजनीति में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के इन मुस्लिम नेताओं की धमक हर बार रही है। एक जमाना था जब हकीमुद्दीन और मंजूर अहमद का राजनीति में सिक्का चलता था। मेरठ में एक दौर में जनरल शाहनवाज, मोहसिना किदवई, हकीम सैफुद्दीन, नेताजी हकीमुद्दीन, सफावत हुसैन, मंजूर अहमद, नजीर अंसारी, अब्दुल वहीद कुरैशी, अब्दुल हलीम मुस्लिम सियासत के केंद्र में रहे। संसद और विधानसभा में मुस्लिम नेताओं ने मेरठ का प्रतिनिधित्व किया। करीब 75 साल के आज़म ख़ान की बात करें तो समाजवादी पार्टी के महासचिव रहे आज़म ख़ान कई बार उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रह चुके हैं। 1980 में रामपुर से पहली बार विधायक बने आजम खान पेशे से वकील रहे हैं। आज़म ख़ान ने लगातार 15 साल तक विधानसभा में रामपुर का प्रतिनिधित्व किया। इस दौरान वो पांच बार विधायक बने। उसमें 2002 से 2019 तक वो लगातार वहां के विधायक रहे। आज़म ख़ान 1996 से 2002 तक राज्यसभा और 2019 से 2022 तक लोकसभा के सांसद भी रहे। 2022 में रामपुर से विधायक बनने के बाद उन्होंने लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफ़ा दे दिया था।


मालूम हो कि कि फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मामले में आजम खान, उनकी पत्नी तंजीम फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आजम को कोर्ट ने 18 अक्टूबर को 7-7 साल की कैद की सजा सुनाई थी। साथ ही उनपर 50 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया था। हाल ही में आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम खान को रामपुर जेल से हटाकर अलग-अलग जेलों में शिफ्ट किया गया है। आजम खान इस वक्त सीतापुर जिला जेल में हैं जबकि अब्दुल्ला हरदोई जेल में. वहीं, तंजीम फातिमा रामपुर जेल में ही हैं।

बीएसपी और सपा दोनों ही सरकार में मंत्री रह चुका हाजी याकूब कुरैशी दो बार विधायक रह चुके हैं। एक बार 2002 में खरखौदा विधानसभा सीट से विधायक रहे। वहीं 2007 में मेरठ शहर से विधायक चुने गये। यही नहीं, हाजी याकूब कुरैशी कई बार लोकसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं। हाजी याकूब कुरैशी के बुरे दिनों की शुरुआत तब हुई जब 31 मार्च,2022 को पूर्व मंत्री हाजी याकूब की हापुड़ रोड स्थित मीट फैक्टरी पर पुलिस ने छापा मारा था।


अवैध रूप से मीट फैक्टरी चलाने के मामले में हाजी याकूब, बेटे फिरोज और इमरान समेत 15 से अधिक लोगों के खिलाफ खरखौदा थाने में रिपोर्ट दर्ज की गई थी।

मामले में कार्रवाई हुई तो हाजी याकूब सहित परिवार फरार हो गए थे। पुलिस ने पुराने मुकदमों का इतिहास निकालते हुए हाजी याकूब, फिरोज और इमरान के खिलाफ गैंगस्टर की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था। वहीं, फरार आरोपियों की गिरफ्तारी की गई थी। पुलिस ने हाजी याकूब को दिल्ली से गिरफ्तार किया था। सात जनवरी 2023 को हाजी याकूब मेरठ जेल गए थे। कुछ दिन बाद ही सोनभद्र जेल भेज दिया गया था।

बसपा के टिकट पर मेरठ से महापौर व सांसद रह चुके शाहिद अखलाक भी पिछले काफी अर्से से सियासी मैदान में नहीं दिख रहे हैं। पिछले विधानसभा चुनाव से पहले उनकी एआईएमआईएम में जाने की चर्चा हुई, फिर लखनऊ में सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव से मिलने के बाद शाहिद अखलाक के सपा में जाने की अटकलो ने जोर पकड़ा।


लेकिन,अटकलें सच साबित नहीं हो पाईं। फिलहाल उन्होंने खुद को राजनीति से अलग कर रखा है। सपा नेता रफीक अंसारी बेशक मेरठ शहर के विधायक हैं । लेकिन,चुनाव जीतने के बाद से शायद ही उन्हें कभी किसी मुद्दे पर विरोध करते सड़क पर देखा गया हो।



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