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सुषमा दीदी! मेरे बेगुनाह भाई को सऊदी की जेल से निकालो, बांधनी है मुझे राखी

शायद ही कभी आपने ऐसा सुना को कि सजा पूरी होने के बाद भी कोई कैदी जेल में बंद हो। ऐसा ही कुछ यूपी के फतेहपुर के रहने वाले एक परिवार के साथ हुआ है। जिनका नौजवान बेटा सऊदी अरब देश में नौकरी के लिए गया था। जहां एक पाकिस्तानी ड्राईवर द्वारा किए गए एक्सिडेंट की सजा किसी दूसरे को मिली। सजा पूरी होने के बाद भी वह खाड़ी जेल में चार सालों से सजा काट रहा हैं। अब विक्टिम फैमिली अपने बेटे की वापसी की राह तक रही है। उसकी बहन शिवानी भी अपने भाई के कलाई में राखी बांधने की आस में अपने भाई का चार साल से इंतजार कर रही हैं। परिजनों ने मदद के लिए विदेश मंत्रालय तक का दरवाजा खटखटाया, लेकिन उन्हें सिर्फ आश्वासन के अलावा कुछ भी हाथ नहीं लगा।

tiwarishalini
Published on: 17 Aug 2016 1:47 PM GMT
सुषमा दीदी! मेरे बेगुनाह भाई को सऊदी की जेल से निकालो, बांधनी है मुझे राखी
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फतेहपुर: यूपी के फतेहपुर के रहने वाले एक परिवार का बेकसूर बेटा धर्मेंद्र कुमार सऊदी अरब की जेल में पिछले चार सालों से बंद है। वह एक पाकिस्तानी ड्राइवर द्वारा किए गए एक्सिडेंट की सजा भुगत रहा है। सजा पूरी होने के बाद भी उसे रिहा नहीं किया जा रहा है। परिवार केंद्रीय मंत्री से लेकर विदेश मंत्रालय तक गुहार लगा चुका है। लेकिन उसे अब भी न्याय का इंतजार है।

अब विक्टिम फैमिली को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से उम्मीद है कि वह उनके बेटे की वापसी की राह खोलेंगी। धर्मेंद्र की बहन शिवानी अपने भाई की कलाई में राखी बांधना चाहती है।

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dharmendra_kumar_passport धर्मेद्र कुमार के पासपोर्ट की फोटो कॉपी

क्या है मामला ?

-धर्मेंद्र फतेहपुर के थरियाव थाने के महोई गांव का रहने वाला है।

-धर्मेंद्र कुमार साल 2011 में सऊदी अरब नौकरी करने के लिए गया था।

-पर्रिजनों के अनुसार धर्मेंद्र वहां पाकिस्तानी ड्राइवर जावेद के साथ सह चालक के रूप में काम करने लगा।

-साल 2012 में पाकिस्तानी ड्राइवर जावेद से एक एक्सिडेंट हो गया, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई थी।

-जिसके बाद वहां की पुलिस ने जावेद को गिरफ्तार कर लॉकअप में डाल दिया।

-कुछ ही दिनों बाद गुनहगार जावेद को लॉकअप से बाहर निकलवा कर सह चालक धर्मेंद्र को सलाखों के पीछे डाल दिया गया।

dharmendra-kumar धर्मेंद्र कुमार का वोटर आईडी कार्ड

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कोई नहीं कर रहा मदद, सिर्फ सब देते हैं आश्वासन

-परिजनों ने बताया कि पकिस्तान के जावेद ने एक्सिडेंट किया था और मेरे बेटे धर्मेंद्र को फंसा दिया गया।

-सऊदी अरब जाने के तीन साल बाद जब बेटे का फोन आया तो हमें इस बात की पूरी जानकारी हुई।

-परिजनों का कहना है कि हम चार साल से अपने बेटे की रिहाई के लिए सबसे से गुहार लगा चुके हैं। लेकिन हमें सिर्फ आश्वासन ही मिला है।

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Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

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